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भूजल पृथ्वी पर मौजूद जल का वह हिस्सा है, जो भूमि के नीचे पाया जाता है। वर्षा के जल का या बर्फ के पिघलने से पानी का कुछ भाग भूमि द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है, जिससे यह जल भूमि की निचली परतों में समावेशित हो जाता है। भूमि द्वारा अवशोषित इस जल का प्रयोग कृषि और दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है। इस जल में अनेकों प्रकार के खनिज तत्व मौजूद होते हैं, जो पानी में निश्चित मात्रा से अधिक घुले होने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसा ही एक खनिज पदार्थ जो वर्तमान समय में भारत के अधिकांश राज्यों के भूजल में अत्यधिक मात्रा में मिला है, वह यूरेनियम (Uranium) है।
‘केंद्रीय भूजल बोर्ड’ द्वारा जारी भूजल की स्थिति पर सबसे हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बारह राज्यों के भूजल में यूरेनियम का स्तर स्वीकार्य सीमा से अधिक है। जनवरी, 2023 में जारी वार्षिक पत्रिका ‘ग्राउंडवाटर ईयरबुक’ 2021-2022 (Groundwater Yearbook 2021-2022) के अनुसार, देश के उथले भूजल में यूरेनियम की सांद्रता 0-532 भाग प्रति बिलियन (PPB) है। हालांकि देश के लगभग 13 राज्यों में यूरेनियम की सघनता सुरक्षित सीमा के भीतर पाई गई है। केरल से एकत्रित किए गए भूजल के किसी भी नमूने में यूरेनियम की मौजूदगी नहीं पाई गई।
‘भारतीय मानक ब्यूरो’ (Bureau of Indian Standards (BIS) और ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization (WHO) द्वारा भूजल में निर्धारित यूरेनियम का सुरक्षित स्तर 30 पीपीबी (PPB) है। भूजल में यूरेनियम की सांद्रता के मामले में पंजाब सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य है। पंजाब में परीक्षण किए गए प्रत्येक 10 कुओं में से लगभग तीन कुंए या लगभग 29 प्रतिशत कुएं यूरेनियम से दूषित हैं। पंजाब के भूजल में यूरेनियम की उपस्थिति 532 पीपीबी सांद्रता के साथ ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 17.7 गुना अधिक पाई गई है। भूजल में यूरेनियम की सांद्रता के मामले में हरियाणा दूसरा राज्य है। हरियाणा में परीक्षण किए गए 14 प्रतिशत नमूनों या 464 कुओं में से 67 में यूरेनियम की सघनता सुरक्षित सीमा से अधिक पाई गई। यहां भूजल में 518 पीपीबी सांद्रता के साथ यूरेनियम की मात्रा ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 17.3 गुना ज्यादा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के भूजल में भी यूरेनियम की विषाक्त मात्रा पाई गई है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के 9.2 प्रतिशत नमूनों में यूरेनियम की उच्च सांद्रता थी। राज्य के 84 कुओं में यूरेनियम की सांद्रता सुरक्षित सीमा से अधिक थी। भूजल में यूरेनियम की सांद्रता के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना और बिहार के स्थानीय इलाकों में भी यूरेनियम की सांद्रता सुरक्षित सीमा स्तर से अधिक पाई गई है। हालांकि 2019 के आकलन में, 18 राज्यों में भूजल यूरेनियम से दूषित पाया गया था। किंतु इसका यह तात्पर्य कदापि नहीं है कि भूजल में यूरेनियम का स्तर कम हो गया है क्योंकि 2022 में तीन राज्यों से लिए गए नमूनों की संख्या 2019 की तुलना में कम थी।
यूरेनियम हल्का चांदी के समान दिखने वाला रेडियोधर्मी तत्व है जो प्रकृति में कम सांद्रता में पाया जाता है। यह कुछ विशेष प्रकार की मिट्टी और चट्टानों, विशेष रूप से ग्रेनाइट (Granites) और मेटासेडिमेंट्री (Metasedimentary) चट्टानों में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। अपने अद्वितीय परमाणु गुणों के कारण यह तत्व परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में उपयोग किया जाता है। यह गुर्दों (Kidneys) के लिए अत्यधिक हानिकारक एक नेफ्रोटॉक्सिक (nephrotoxic) तत्व है, जिसकी बहुत अधिक मात्रा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इस तत्व के प्रभाव से लोगों में गुर्दे और हड्डियों से सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 2022 में किए गए एक अध्ययन में भी पंजाब के भूजल में यूरेनियम स्वीकार्य सीमा से अधिक पाया गया था।
भूजल में यूरेनियम संदूषण के लिए विभिन्न कारक उत्तरदायी हैं, जिनमें भूगर्भीय प्रक्रियाएं, भूजल का अत्यधिक दोहन, जलीय चट्टानों में मौजूद प्राकृतिक यूरेनियम आदि शामिल हैं। इसके अलावा भूजल में अन्य रसायनों जैसे कि बाइकार्बोनेट (Bicarbonate), सल्फेट (Sulphate) आदि के साथ यूरेनियम की परस्पर क्रिया भी यूरेनियम को पानी में घुलने में मदद करती है। नाइट्रेट प्रदूषण और सिंचाई के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन भी भूजल में यूरेनियम की सांद्रता को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा मानव प्रेरित गतिविधियों जैसे मिलों (mills) द्वारा निकलने वाले अपशिष्ट, परमाणु उद्योग से होने वाले उत्सर्जन, कोयले और अन्य ईंधन के जलने के कारण होने वाले अपशिष्ट आदि के द्वारा भी यूरेनियम को पीने के पानी के स्रोतों में घुलने में मदद मिलती है। हालांकि भूजल में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले यूरेनियम में रेडियोधर्मिता का स्तर बहुत कम होता है किंतु पीने के पानी में मौजूद यूरेनियम के रासायनिक गुण अधिक स्वास्थ्य संबंधी चिंता का विषय हैं। पानी और चट्टान की आपसी अभिक्रिया, यूरेनियम की ऑक्सीकरण अवस्था, रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग यूरेनियम को जल में घुलने में मदद करते हैं। हालांकि भूजल में यूरेनियम की सांद्रता का समय-समय पर अवलोकन करके, यूरेनियम संदूषण से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों का अध्ययन करके और उन पर शोध करके यूरेनियम से होने वाले दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।
वैसे तो भूजल में यूरेनियम की अत्यधिक सांद्रता एक चिंता का विषय है किंतु क्या आप जानते हैं कि यूरेनियम अत्यंत दुर्लभ खनिज भी है? हाल ही में भारत ने अपने यूरेनियम उत्पादन को विस्तारित करने की योजना बनाई है। बिजनेस स्टैंडर्ड (Business Standard) की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में इस दुर्लभ खनिज के खनन की योजना बनाई जा रही है।भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा राजस्थान में पहली बार 2012 में यूरेनियम का भंडार खोजा गया था। हिंदुस्तान टाइम्स (Hindustan Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में 12 मिलियन टन तक का यूरेनियम भंडार मौजूद हो सकता है। यह माना जा रहा है कि राजस्थान में यूरेनियम खनन की परियोजना में 3,000 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है। किंतु अभी यह निश्चित नहीं है कि इस खोजे गए संपूर्ण यूरेनियम का उपयोग परमाणु ऊर्जा के लिए किया जा सकता है अथवा नहीं। क्योंकि जैसा कि दिसंबर 2020 तक, 'परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय' द्वारा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, मेघालय, राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में 44 यूरेनियम खदानों की पहचान की गई थी। लेकिन ये सभी खदाने खनन गतिविधियों के अनुकूल नहीं हैं। वर्तमान में, झारखंड, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों में भारत की सबसे बड़ी यूरेनियम खदानें मौजूद हैं। वर्तमान में हमारा देश भारत अपनी दुर्लभ खनिज जरूरतों की पूर्ति के लिए यूरेनियम का, दुनिया के सबसे बड़े यूरेनियम उत्पादक देशों जैसे कजाकिस्तान (Kazakhstan), रूस (Russia), उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) और कनाडा (Canada) से आयात भी करता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/44Xhxyw
https://bit.ly/44SzDBX
https://bit.ly/3Bt78Nm
चित्र संदर्भ
1. रेडियोएक्टिव यूरेनियम को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. यूरेनियम, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. मेटासेडिमेंट्री चट्टानों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. यूरेनियम संयंत्रों को दर्शाता एक चित्रण (cruxinvestor)
5. एक गहरे कुएं को दर्शाता एक चित्रण (wikimed
6. यूरेनियम खदान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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