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बढ़ती जनसंख्या के कारण पूरे देश में एक-एक इंच जमीन की कीमत और अहमियत काफी बढ़ गई है। जिस कारण भूमि विवाद से जुड़े मामलों में भी वृद्धि नजर आ रही है। हाल ही के वर्षों में हमारे जिले जौनपुर में भी ऐसे ही कई विवाद सामने आए हैं। अतः इस प्रकार के अनावश्यक, महंगे एवं जानलेवा भूमि विवादों से बचने का सबसे आसान रास्ता यही है कि हम भूमि मापन मानकीकरणों (Land Measurement Standards) की बेहतर समझ रखें।
अगस्त, 2020 में हमारे जौनपुर में भूमि विवाद के कारण फैली हिंसा में एक ही परिवार के दो लोगों सहित तीन लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा इस आपसी मुठभेड़ में सात अन्य लोग भी घायल हो गए थे। इसके अलावा पिछले साल ही जून माह में जौनपुर जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर दो सगे भाइयों में ही झड़प हो गई थी। इस विवाद के बाद गंभीर रूप से घायल एक भाई की बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center In BHU) में इलाज के दौरान देर रात मौत हो गई।
जौनपुर में ही भूमि विवाद को लेकर इसी साल तीसरा मामला तब सामने आया जब केराकत कोतवाली थाना क्षेत्र के कन्हौली गांव में दो पक्षों के बीच घर के पास के रास्ते की जमीन को लेकर आपस में ठन गई। दरअसल हुआ कुछ यूं था कि एक पक्ष अपने हिस्से की भूमि पर निर्माण करा रहा था। इस पर दूसरे पक्ष ने आपत्ति जाहिर की। इसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। इन मामलों के अलावा भी इस तरह के भूमि विवाद जौनपुर में आमतौर पर देखे ही जाते हैं। लेकिन यदि आपको अपनी भूमि के मापन से जुड़ी इकाइयों या मात्रकों के बारे में पर्याप्त जानकारी है, तो आप ऐसे विवादों से बच सकते हैं, क्योंकि कई मामलों में दोनों पक्षों को मौखिक रूप से पता तो होता है कि उनके पास कितनी बीघा या एकड़ जमीन है, किंतु वे उस जमीन का मापन ही बेहतर ढंग से नहीं कर पाते हैं।
आज हम और आप भूमि मापन की इन्ही इकाइयों की बारीकियों को विस्तार से समझेंगे।
भारत में भूमि माप इकाइयां क्षेत्र के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, भूमि माप के लिए देश के उत्तरी भाग में, बीघा (Bigha), कट्ठा (Kattha), मरला (Marla), बिस्वा (Biswa) और नाली जैसी इकाइयाँ सामान्य हैं, जबकि दक्षिण भाग में, ग्राउंड (Ground), सेंट (Cents), अंकनम (Ankanam) और गुंथा (Guntha) जैसी इकाइयाँ उपयोग की जाती हैं। पूर्व में, पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा जैसे राज्य धूर, छटक , लेचा और कट्ठा जैसी इकाइयों का उपयोग करते हैं। जबकि राजस्थान और गुजरात जैसे पश्चिमी राज्य बिस्वा, बीघा और बिसवांसी जैसी इकाइयों का उपयोग करते हैं। हालांकि, समय के साथ अब पूरे भारत में मानकीकृत इकाइयाँ जैसे कि एकड़ (Acres), वर्ग फुट (Square Foot), वर्ग गज (Square Yard) और वर्ग मीटर (Square Meter) आदि अधिक लोकप्रिय हो रही हैं।
इन सभी मापन इकाइयों में ‘बीघा’ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, राजस्थान और गुजरात में उपयोग की जाने वाली भूमि माप की सबसे अधिक प्रचलित एवं पारंपरिक इकाइयों में से एक है। इसका उपयोग व्यापक रूप से भारतीय अचल संपत्ति बाजार (विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भूमि की बिक्री और अधिग्रहण) में किया जाता है।
क्षेत्र के आधार पर एक बीघा का आकार भारत में भिन्न-भिन्न हो सकता है। कुछ स्थानों में यह आम तौर पर एक एकड़ से कम होता है, या कहीं पर तीन एकड़ जितना बड़ा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, असम में एक बीघा 14,400 वर्ग फुट या 1340 वर्ग मीटर के बराबर होता है और इसे पांच कट्ठा में विभाजित किया गया है। प्रत्येक कठ्ठा 2,880 वर्ग फुट का होता है, जो 20 पाठों से बना है। बिहार में, एक बीघा 20 कट्ठा के बराबर होता है, और एक कठ्ठा लगभग 1,361 वर्ग फुट या 126.4 वर्ग मीटर के बराबर होता है। इसलिए, बिहार में एक बीघा जमीन 27,220 वर्ग फुट के बराबर होती है।
हमारे अपने उत्तर प्रदेश में, जिले के आधार पर एक बीघा की माप भिन्न-भिन्न हो सकती है। राज्य के पश्चिमी जिलों में, एक बीघा या तो पाँच बिस्वा या 6.75 बिस्वा के बराबर होता है। प्रत्येक बिस्वा 125 वर्ग मीटर या 1,350 वर्ग फुट का होता है। शेष उत्तर प्रदेश में, 1 बीघा को 20 बिस्वा में बांटा गया है। प्रत्येक बिस्वा 125 वर्ग मीटर या 154.32 वर्ग गज का होता है। इसलिए, एक बीघा 0.25 हेक्टेयर (Hectares) या 2,500 वर्ग मीटर या 26,909 वर्ग फुट के बराबर होता है। 6 बिस्वा लगभग 1 बीघे के बराबर होता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में, एक बीघा 20 बिस्वा (पक्का) और 10 बिस्वा (कच्चा) के बराबर होता है। हालांकि, यह एक आधिकारिक माप नहीं है लेकिन स्थानीय रूप से क्षेत्र की गणना के लिए इसी माप का उपयोग किया जाता है। उत्तराखंड में, 1 बीघा को 20 बिस्वा या 12 नाली में विभाजित किया जाता है। एक बिस्वा लगभग 31.615 वर्ग मीटर या 340 वर्ग फुट के बराबर होता है, और एक नाली लगभग 52.766 वर्ग मीटर या 567 वर्ग फुट होती है। अतः एक बीघा लगभग 632.2981 वर्ग मीटर होता है।
इस लेख में आगे, हम बीघा को माप की अन्य इकाइयों में परिवर्तित करके देखेगे।
१. एक एकड़ में कितने बीघे होते हैं?
एक एकड़ में बीघे की संख्या उस राज्य की इकाई पर निर्भर करती है जिसमें आप नाप रहे हैं। जैसे हिमाचल प्रदेश में 1 एकड़ 5 बीघा के बराबर होता है, लेकिन पंजाब और हरियाणा में 1 एकड़ 4 बीघा के बराबर होता है। सामान्य तौर पर, एक एकड़ 4-6 बीघे के बीच कहीं भी हो सकता है।
२. एक हेक्टेयर में कितने बीघा होते हैं?
एक हेक्टेयर, 3.953686105 बीघा या लगभग 4 बीघा के बराबर होता है। दो हेक्टेयर 8 बीघा के बराबर होता है, और पांच हेक्टेयर 20 बीघा के बराबर होता है।
३. एक बीघा कितने वर्ग फुट के बराबर होता है ?
एक बीघा लगभग 27,000 वर्ग फुट के बराबर होता है।
४.एक बीघे में कितने वर्ग गज होते हैं?
एक बीघा 2,990 वर्ग गज के बराबर होता है।
५. एक बीघा में कितने वर्ग मीटर होते हैं?
एक बीघा 2,500 वर्ग मीटर के बराबर होता है।
६.एक बीघे में कितने नाली होते हैं?
एक बीघा 4.94 नाली के बराबर होता है।
७.एक बीघे में कितने बिस्वा होते हैं?
एक बीघा 0.01 बिस्वा के बराबर होता है।
भारत में बीघा मूल्य एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होता है, जिसका प्रमुख कारण यह है कि दुनिया भर में उपयोग के लिए 1778 में फ्रांसीसियों (French) द्वारा बनाई गई मानक भूमि मापन इकाइयों के बावजूद, कई भारतीय राज्यों और क्षेत्रों की मूल आबादी अभी भी पारंपरिक और समय-परीक्षणित भूमि माप तथा शब्दावली का उपयोग करके भूमि लेनदेन करने का विकल्प चुनती है। ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्कों में भी होता है। उदाहरण के लिए बांग्लादेश में, 1 बीघा 1,600 वर्ग गज या 0.5 एकड़ के बराबर होता है, और इसका उपयोग आमतौर पर भूमि क्षेत्र को मापने के लिए किया जाता है। नेपाल में, बीघा माप की एक प्रथागत इकाई है।यहां 1 बीघा लगभग 6,773 वर्ग मीटर के बराबर होता है, और इसका उपयोग तराई और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में भूमि क्षेत्र को मापने के लिए किया जाता है। फिजी, जहां औपनिवेशक काल में खेतों में काम करने के लिए हज़ारों भारतीयों को अनुबंधित मज़दूरों की तरह ले जाया गया था, में एक बीघा 1 एकड़ के बराबर होता है।
बीघा के अलावा, भारत में उपयोग की जाने वाली भूमि माप की कई अन्य इकाइयाँ भी हैं। नीचे भारत में उपयोग की जाने वाली कुछ सबसे सामान्य भूमि माप इकाइयों को सरल शब्दों में समझाया गया है।
१.वर्ग फुट: एक वर्ग फुट रेरा अधिनियम (Rera Act) के तहत किसी भी व्यावसायिक या आवासीय संपत्ति को मापने के लिए मानक इकाई है। यह माप की एक छोटी इकाई होती है।
२.वर्ग मीटर: वर्ग मीटर माप की एक और इकाई है, और इसे एक मीटर की लंबाई और चौड़ाई वाली भूमि के टुकड़े के रूप में परिभाषित किया जाता है।
३.वर्ग गज: यह इकाई भारत और दुनिया भर के कुछ क्षेत्रों में आमतौर पर उपयोग की जाती है। यह वर्ग फुट से बड़ा होता है। 1 वर्ग गज एक भूखंड की लंबाई और चौड़ाई के बराबर होता है ।
४.एकड़: एकड़ भूमि के माप की एक पुरानी इकाई है जिसका उपयोग बड़े कृषि क्षेत्रों को मापने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग अभी भी माप की ब्रिटिश इम्पीरियल और अमेरिकी दोनों प्रणालियों में किया जाता है। एक एकड़ 43560 वर्ग फुट के बराबर होता है।
५. हेक्टेयर: हेक्टेयर एक मीट्रिक प्रणाली (Metric System) इकाई है जिसका उपयोग भूमि के विशाल क्षेत्र को मापने के लिए किया जाता है। एक हेक्टेयर 10,000 वर्ग मीटर के बराबर होता है।
६. गुंठा : गुंठा का उपयोग उत्तरी भारत में भूखंडों को मापने के लिए किया जाता है। एक एकड़ 40 गुंठे से बना होता है, और 1 गुंठा 1,089 वर्ग फुट का होता है।
७. नाली: नाली का उपयोग ज्यादातर उत्तरी भारत में किया जाता है! एक नाली 1/8 एकड़ या 4,500 वर्ग फुट या 605 वर्ग गज के बराबर होती है। यह आमतौर पर कोलकाता, हैदराबाद, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों में उपयोग किया जाता है।
संदर्भ
https://bit.ly/43ITm6m
https://rb.gy/kklxe
https://bit.ly/3GWT2qG
https://bit.ly/3Vcbpht
https://bit.ly/41IN1Wy
चित्र संदर्भ
1. भूमि नाप जोख को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. अपने खेतों में भारतीय किसानों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. उत्तर भारत में उपयोग की जाने वाली भूमि मापन इकाइयों को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
4. बीघा से जुड़ा कोई मानक मूल्य नहीं है और इकाई का मूल्य एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न-भिन्न होता है, को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
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