दिवाली के शुभ अवसर पर दर्शन कीजिए, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल इस "विशाल दिये" के
मुख्य लेख: दिवाली आने पर सभी भारतीय घरों में मिट्टी के दियों की महत्वता काफी बड़ जाती है। मिट्टी के
दीयों को प्रार्थना, अनुष्ठानों और समारोहों के दौरान प्रतीकात्मक रूप से प्रज्वलित किया जाता है, साथ ही वे
भारतीय घरों और मंदिरों में एक अनिवार्य पूजा सामग्री होते हैं। दिए (दीपक) से निकलने वाली गर्म,
चमकदार रौशनी को बेहद शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है। इसके
अलावा दिया अंधेरे पर प्रकाश की जीत एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। इसका
सबसे उल्लेखनीय उदाहरण दिवाली के दिन नज़र आता है। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से
एक कुंभ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार इस भव्य मेले में हुई एक और 'बड़ी'
बात यह रही कि हरिद्वार में आस्था पथ पर दुनिया के सबसे बड़े दिये (तेल के दीपक) का उद्घाटन किया गया।
इस विशाल दीपक की तेल वहन क्षमता 2,247 लीटर है, और यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी
सूचीबद्ध है।