City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2594 | 3 | 2597 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो करीब एक सप्ताह तक बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। त्यौहार के पहले दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह में कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के तेरहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। धनतेरस की महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पर्व धनवंतरी से जुड़ा हुआ है। इस दिन धनवंतरी जिन्हें आयुर्वेद का देवता माना जाता है, की पूजा की जाती है। धनवंतरी ने मानव जाति की भलाई के लिए आयुर्वेद का ज्ञान प्रदान किया और रोगो की पीड़ा से छुटकारा दिलवाने में मदद की। धनवंतरी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है तथा उनका उल्लेख पुराणों में आयुर्वेद के देवता के रूप में किया गया है। पृथ्वी पर अवतार लेने के बाद उन्होंने काशी के राजा के रूप में शासन किया। काशी को आज स्थानीय रूप से वाराणसी कहा जाता है। धनतेरस के दिन भक्त भगवान धनवंतरी से अपने और दूसरों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। विष्णु पुराण में उनका उल्लेख काशी के पौराणिक राजा दिवोदास के परदादा के रूप में भी किया गया है। रामायण और भागवत पुराण के बाल कांड में यह कहा गया है कि जब देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन किया जा रहा था, तब धनवंतरी दूध के महासागर से अमृत पात्र के साथ प्रकट हुए। समुद्र मंथन के लिए विशेष रूप से मंदरा पर्वत और वासुकी नाग का उपयोग किया गया था।
जब समुद्र से अमृत का घड़ा निकला तब उसे असुरों ने छीन लिया तथा इस समस्या के हल के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया। यह भी माना जाता है कि धनवंतरी ने आयुर्वेद के अभ्यास को स्थापित किया था। धनवंतरी-निघण्टू ग्रंथ में धनवंतरी के औषधीय पौधों का वर्णन प्राप्त होता है। भगवान धनवंतरी को भगवान नारायण का अंश माना जाता है। विष्णु पुराण के एक श्लोक में भगवान धनवंतरी के स्वरूप का वर्णन करते हुए यह कहा गया है कि उन्होंने पीले और सफेद रंग के वस्त्र पहने हुए हैं। इस श्लोक में इस बात का वर्णन किया गया है कि उनके एक हाथ में अमृत कलश और दूसरे हाथ में कमंडल था। तमिलनाडु के श्रीरंगम मंदिर में भगवान धनवंतरी का एक अलग मंदिर स्थापित है। इस मंदिर के एक तरफ परमपद प्रवेश द्वार है, जबकि विपरीत दिशा में चंद्र पुष्करिणी है। श्रीरंगम में धनवंतरी मंदिर ऊंचाई पर बनाया गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि यहां एक वैद्यशाला चलती थी। कावेरी नदी अक्सर उफान पर रहती थी और ऐसे समय में पानी मंदिर में प्रवेश कर जाता था। ऐसे समय में भी मरीजों को इलाज की सुविधा मिल सके, इसलिए धनवंतरी मंदिर को ऊंचे स्तर पर बनाया गया। श्रीरंगम मंदिर में भगवान धनवंतरी की छवि देंखे, तो उनके ऊपरी हाथों में जहां शंख और चक्र मौजूद है, वहीं निचले दाहिने हाथ में अमृत का पात्र तथा निचले बाएँ हाथ में जोंक है।
पुराने समय में जोंक का उपयोग रोगों के उपचार के लिए किया जाता था, क्योंकि यह विश्वास किया जाता था कि जोंक रक्त में मौजूद अशुद्धियों को चूस लेंगे। माना जाता है कि भगवान धनवंतरि ने गरुड़ से चिकित्सा विज्ञान की बारीकियां सीखीं थीं। भगवान विष्णु ने यह कहा था कि धनवंतरि वाराणसी के राजा के पुत्र के रूप में पैदा होंगे, और वे आयुर्वेद को आठ भागों में व्यवस्थित कर पृथ्वी के निवासियों का कल्याण करेंगे। भारतीय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी मंत्रालय ने धनतेरस को "राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की, तथा इसे पहली बार 28 अक्टूबर 2016 को मनाया गया। तब से हर साल धनतेरस के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। आयुर्वेद को आधुनिक समय में समान रूप से प्रासंगिक चिकित्सा की सबसे प्राचीन और अच्छी तरह से प्रलेखित प्रणाली माना जाता है। स्वस्थ व्यक्तियों के लिए या रोगग्रस्त लोगों के लिए इसका समग्र दृष्टिकोण अद्वितीय है। आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। आयुर्वेद दिवस का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद को मुख्यधारा में लाना और बढ़ावा देना, आयुर्वेद की ताकत और इसके अनूठे उपचार सिद्धांतों पर ध्यान देना, आयुर्वेद की क्षमता का उपयोग करके रोग और संबंधित रुग्णता और मृत्यु दर के बोझ को कम करना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में योगदान करने के लिए आयुर्वेद की क्षमता की खोज करना, आज की पीढ़ी में जागरूकता की भावना पैदा करना और समाज में उपचार के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना है।
संदर्भ:
https://bit.ly/2wuidze
https://bit.ly/3ge14Ba
https://bit.ly/3CKsq9s
चित्र संदर्भ
1. आयुर्वेद के संस्थापक,धनवंतरी को दर्शाता एक चित्रण (flickr, wikimedia)
2. धनवंतरी की प्रतिमा को दर्शाता एक चित्रण (google)
3. धनवंतरी दूध के महासागर से निकले और अमृत पात्र के साथ प्रकट हुए। को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. भगवान धनवंतरी की छवि को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.