क्या आपने जौनपुर जंक्शन से 28 km दूर स्थित, 'केराकत रेलवे स्टेशन' को देखा है? आज यह स्टेशन, आपको एक साधारण रेलवे पड़ाव के रूप में नज़र आएगा, लेकिन आज़ादी से पहले इसे ए-क्लास रेलवे स्टेशन (A-Class Railway Station) का दर्जा प्राप्त था। उस समय इस स्टेशन में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध थीं। यहाँ पर माल गोदाम और रेल इंजन के लिए पानी की बड़ी टंकी भी हुआ करती थी। इसके अलावा, यहां पर सहायक स्टेशन मास्टर (Assistant Station Master) और अन्य रेलवे स्टाफ़ (Other Railway Staff) भी कार्यरत थे । इस स्टेशन पर ट्रेनों का आवागमन, माल बुकिंग और ट्रेनों का क्रॉसिंग करने की सुविधाएं भी उपलब्ध थीं। हालांकि, समय के साथ नौकरशाही ने इन सुविधाओं को धीरे-धीरे समाप्त कर दिया। लेकिन सच तो यह है कि भारत में आज भी ट्रेनों की उपयोगिता कम नहीं हुई है, बल्कि दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। आज भी, ट्रेने भारतीयों के लिए परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन मानी जाती हैं। हर वर्ग के लोग ट्रेनों में यात्रा करना पसंद करते हैं।
इस लेख में, हम ट्रेनों की यात्रा में भारतीयों की बढ़ती रुचि के कारणों का विश्लेषण करेंगे। इसके बाद, हम चर्चा करेंगे कि भारतीय लोग, तीर्थयात्रा के लिए ट्रेनों का उपयोग कैसे करते हैं। इस संदर्भ में, हम 'श्री रामायण यात्रा' थीम वाली तीर्थ यात्रा के लिए, भारत गौरव पर्यटक ट्रेन (Bharat Gaurav Tourist Train) के माध्यम से कुछ जानकारी साझा करेंगे। अंत में, हम भारत के कुछ व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों के बारे में भी जानेंगे।
भारतीय रेलवे, विविध संस्कृतियों वाले हमारे भारत देश को भगौलिक रूप से जोड़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से जोड़ने का भी काम करती है। रेल का सफ़र विभिन्न क्षेत्रों के बीच विचारों, परंपराओं और प्रथाओं के जीवंत आदान-प्रदान में अतुलनीय भूमिका निभाता है। रेल में अक्सर अलग-अलग क्षेत्र के लोग एक साथ यात्रा करते हैं। इस दौरान, वे आपस में अपने क्षेत्र में प्रचलित कहानियाँ, भोजन और रीति- रिवाज़ आदि साझा करते हैं। यह साझाकरण और मेल-मिलाप, लोगों के भीतर राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा करता है।
भारत में लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा में यात्री अक्सर भाषा और क्षेत्रीय मतभेदों को भुलाकर एक-दूसरे से बात करते हैं। इस प्रकार भारतीय रेलवे, देश में व्याप्त संस्कृतियों के बीच एक सेतु का काम भी करती है, सामाजिक संबंधों को बढ़ाता है और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देती है।
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वज़ह से भारत के लोग ट्रेन से यात्रा करना बेहद पसंद करते हैं। कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
सस्ती यात्रा: ट्रेन से यात्रा करना अक्सर हवाई यात्रा की तुलना में बहुत किफ़ायती साबित होता है। ट्रेन के टिकट की कीमतें आमतौर पर कम होती हैं और यात्रा भी आरामदायक होती है। जब ट्रेन इतनी सस्ती है, तो फ़्लाइट के लिए ज़्यादा पैसे क्यों खर्च करें? इसके अलावा, ट्रेन में चढ़ने के लिए लंबी लाइनों में खड़े होने या चेक-इन (Check-in) के लिए इंतज़ार करने की भी जरूरत नहीं होती। ट्रेन का किराया हर दूरी के लिए स्थिर होता है, जबकि एयरलाइन टिकट महंगे और कभी-कभी भ्रामक हो सकते हैं।
लचीलापन: कई ट्रेनों में आरक्षण की आवश्यकता नहीं होती। इसका मतलब है कि आप अपनी ट्रेन छूटने से पहले किसी भी समय, स्टेशन पर पहुँच सकते हैं, टिकट खरीद सकते हैं और बिना किसी परेशानी के ट्रेन में चढ़ सकते हैं। आमतौर पर, हर दिन एक ही रूट पर 4 से 5 ट्रेनें चलती हैं, इसलिए आपको एक ट्रेन छूटने की चिंता नहीं करनी पड़ती। भारत में का रेलवे नेटवर्क बहुत बड़ा है, जिस कारण आपके लिए, अपने यात्रा विकल्पों को चुनना आसान हो जाता है।
सामान ले जाने की सुविधा: भारतीय ट्रेनों में आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपना सामान ले जा सकते हैं। चाहे आपके पास एक बैग हो या तीन, कोई समस्या नहीं है। हालाँकि आपको अपनी चीज़ों का ध्यान रखना होगा, लेकिन आपका कोई भी ज़रूरी सामान पीछे नहीं छूटेगा। यदि आपके पास बाइक जैसा कोई भारी सामान है, तो आप उसकी सुरक्षा के लिए, अलग से लगेज कोच (Luggage Coach) बुक कर सकते हैं।
आराम: ट्रेनों में आप स्लीपर बर्थ बुक (Sleeper Berth Book) कर सकते हैं और अपनी यात्रा के दौरान, आराम कर सकते हैं। इस दौरान आप सो सकते हैं, किताब पढ़ सकते हैं, या अन्य यात्रियों से बातचीत कर सकते हैं। ट्रेन से यात्रा करने से आप तनावमुक्त हो सकते हैं, मिलनसार लोगों से बातचीत कर सकते हैं, अच्छे खाने का मज़ा ले सकते हैं और संगीत भी सुन सकते हैं।
आनंद: ट्रेन से यात्रा करना वाकई में मज़ेदार होता है। आप अपनी यात्रा का आनंद लेते हुए अपने पीछे छूटती दुनिया को देख सकते हैं। यह अनुभव बेहद ख़ास एहसास देता है, जिसे केवल एक ट्रेन यात्री ही समझ सकता है। हालाँकि, हवाई जहाज़ यात्रा के त्वरित विकल्प ज़रूर होते हैं, लेकिन इनमें बैठकर पुरानी यादें ताज़ा नहीं होती। लेकिन ट्रेनों में घास के मैदानों से लेकर झरनों और खूबसूरत ग्रामीण इलाकों तक, प्रकृति आपको घेर लेती है।
दर्शनीय मार्ग: ट्रेन यात्रा आपको उन खूबसूरत नज़ारों को भी देखने का मौका देती है, जहाँ आप अन्य परिवहन विधियों से नहीं पहुँच सकते। ट्रेन की खिड़की से पहाड़, जंगल या समुद्र जैसा कोई भी नज़ारा अद्भुत होता है।
ऐतिहासिक आकर्षण: कई ट्रेनें, ऐसे मार्ग से गुज़रती हैं, जिनका इतिहास अत्यंत समृद्ध रहा होता है। इन ऐतिहासिक मार्गों पर यात्रा करने से यात्रियों को एक गहरा अनुभव मिलता है।
सुरक्षा: ट्रेन यात्रा को, घूमने के लिए, सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक माना जाता है। यात्रियों के लिए, सख़्त सुरक्षा नियमों और कम दुर्घटनाओं के मामलों के कारण, ट्रेनें, परिवार के साथ घूमने, अकेले यात्रियों और वृद्धों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प साबित होती हैं।
ट्रेनों में सुरक्षा के स्तर का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारत के लोग, तीर्थयात्रा के लिए ट्रेन को एक उपयुक्त परिवहन मानते हैं। क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (Indian Railway Catering and Tourism Corporation), संक्षेप में आई आर सी टी सी (IRCTC) द्वारा "श्री रामायण यात्रा" नामक एक विशेष तीर्थ यात्रा आयोजित की जाती है। इस यात्रा को रामायण सर्किट का अनुसरण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें, यात्री शानदार एसी डीलक्स ट्रेनों (AC Deluxe Trains) में आरामदायक यात्रा का आनंद ले सकते हैं। इस ट्रेन में विभिन्न प्रकार के कोच होते हैं, जिनमें एसी फर्स्ट कूप (AC First Coupe), एसी फर्स्ट (AC First), सेकंड और थर्ड क्लास (Second and Third Class) शामिल हैं। यह विविधता लोगों को उनकी ज़रूरतों के आधार पर कोच चुनने की अनुमति देती है।
इस प्रकार, भारतीय रेलवे न केवल यात्रा का एक साधन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकता का प्रतीक भी है। ट्रेनों के माध्यम से यात्रा करने से न केवल लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचते हैं, बल्कि वे एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और अपने अनुभव साझा करते हैं।
यह धार्मिक ट्रेन यात्रा , 2024 में, 7 जून से शुरू हुई । यह यात्रा, 17 रातों और 18 दिनों तक चली । इस दौरान, यात्रियों ने, 14 महत्वपूर्ण शहरों का दौरा और भगवान राम तथा उनकी किवदंतियों से जुड़े 39 पवित्र स्थानों की खोज करी ।
यह यात्रा दिल्ली के सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होती है। इस यात्रा के दौरान, यात्री अयोध्या, बक्सर, नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुर, वाराणसी, प्रयागराज, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, हम्पी, नासिक, रामेश्वरम, भद्राचलम और कांचीपुरम जैसे शहरों से यात्रा करते हुए आगे बढ़ते हैं। यात्रा को आसान बनाने के लिए, श्री रामायण यात्रा ट्रेन, कई स्टेशनों पर चढ़ने और उतरने की सुविधा भी देती है। इस सुविधा को प्रदान करते वाले स्टेशनों में गाजियाबाद, अलीगढ़, टूंडला, इटावा, लखनऊ, कानपुर, झांसी, ग्वालियर, मथुरा, आगरा कैंट और सफ़दरजंग शामिल हैं।
इस ट्रेन यात्रा द्वारा कवर किए गए कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में शामिल हैं:
अयोध्या: राम जन्मभूमि मंदिर, सरयू घाट, हनुमान गढ़ी
नंदिग्राम: भारतकुंड और भारत-हनुमान मंदिर
जनकपुर: राम जानकी मंदिर, परशुराम कुंड, धनुष धाम मंदिर
सीतामढ़ी: पुनौरा धाम और जानकी मंदिर
बक्सर: रामेश्वर नाथ मंदिर और रामरेखा घाट
वाराणसी: तुलसी मानस मंदिर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, गंगा आरती
चलिए अब आपको भारत के कुछ सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों के सफ़र पर लिए चलते हैं:
1. हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन: हावड़ा जंक्शन को भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन के रूप में जाना जाता है। यह स्टेशन, प्लेटफ़ॉर्म और यात्रियों की संख्या के आधार पर देश में सबसे बड़ा स्टेशन है। यह स्टेशन, विक्टोरियन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है। यह 19वीं सदी से अब तक इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे पुराने स्टेशनों में से एक है।
स्टेशन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां:
- कोड: HWH
- ज़ोन: ER/पूर्वी
- शुरुआती साल: 1854
- प्लेटफ़ॉर्म की संख्या: 23
- दैनिक यात्री: 1 मिलियन
- प्रतिदिन ट्रेनें: 974 (210 अलग-अलग ट्रेनें)
- पटरियों की संख्या: 25
2. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन: राजधानी शहर का रेलवे स्टेशन हमेशा ही बहुत व्यस्त रहता है। हो भी क्यों ना। नई दिल्ली में सबसे व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और कई व्यापारिक केंद्र तथा पर्यटन स्थल भी हैं। इस कारण रेलवे स्टेशन का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की जाती है।
स्टेशन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां:
- कोड: NDLS
- ज़ोन: NR/उत्तरी
- शुरुआती वर्ष: 1864
- प्लेटफ़ॉर्म की संख्या: 16
- दैनिक यात्री: 500,000
- प्रतिदिन ट्रेनें: 931 (350 अलग-अलग ट्रेनें)
- पटरियों की संख्या: 18
3. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस: छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को विक्टोरिया टर्मिनस (Victoria Terminus) के नाम से भी जाना जाता है। यह स्टेशन, मुंबई, महाराष्ट्र में है और इसे एक विरासत स्थल माना जाता है। 9वीं सदी में निर्मित, इस स्टेशन को विक्टोरियन गोथिक वास्तुकला (Victorian Gothic architecture) का एक अद्भुत उदाहरण माना जाता है। यहाँ पर खूबसूरत लोहे की रेलिंग, लकड़ी की नक्काशी और स्थानीय कलाकारों की कलाकृतियाँ इसे एक प्रमुख पर्यटक स्थल बनाती हैं। इस स्टेशन के बाहर, विज्ञान, कृषि, वाणिज्य और इंजीनियरिंग को दर्शाती मूर्तियाँ भी देखी जा सकती हैं।
स्टेशन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां:
- कोड: CSTM
- ज़ोन: CR/सेंट्रल
- शुरुआती साल: 1888
- प्लेटफ़ॉर्म की संख्या: 18
- प्रतिदिन यात्री: 636,000
- प्रतिदिन ट्रेनें: 1,250 (250 अनूठी ट्रेनें)
4. कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन: कानपुर सेंट्रल को भारत के शीर्ष रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। यहाँ पर दुनिया का सबसे बड़ा इंटरलॉकिंग रेल मार्ग (interlocking railway track) है, जो 11 प्रमुख लाइनों को कवर करता है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को ठीक से प्रबंधित करने के लिए, यहाँ पर एस्केलेटर के साथ, तीन-स्तरीय भूमिगत पार्किंग क्षेत्र भी बनाया जा रहा है।
स्टेशन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां:
- कोड: सी एन बी
- ज़ोन: एन सी आर/उत्तर मध्य
- शुरुआती साल: 1930
- प्लेटफ़ॉर्म की संख्या: 9
- दैनिक यात्री: 150,000 से ज़्यादा
- प्रतिदिन ट्रेनें: 890 (372 अलग-अलग ट्रेनें)
- ट्रैक की संख्या: 14
संदर्भ
https://tinyurl.com/2xk5kshq
https://tinyurl.com/24pkgte8
https://tinyurl.com/29axocm7
https://tinyurl.com/2bmfl2ev
https://tinyurl.com/2yfdzloo
चित्र संदर्भ
1. जौनपुर जंक्शन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. रेलवे पटरी पर खड़ी ट्रेनों के समूह को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
3. भारतीय रेलवे में कार्यरत एक महिला कर्मी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. वन्दे भारत ट्रेन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. भीतर से महाराजाज़ एक्सप्रेस ट्रेन (Maharaja's Express Train) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. विक्टोरिया टर्मिनस, मुंबई को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)