Post Viewership from Post Date to 04-Mar-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1684 1116 2800

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भारत में स्थित कोच्चि हवाई अड्डा है, पूरी तरह से सौर ऊर्जा संचालित दुनिया का पहला हवाई अड्डा

जौनपुर

 27-02-2023 11:39 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

भारत के लिए बड़े ही गर्व की बात है कि केरल राज्य में स्थित कोच्चि हवाई अड्डा (Kochi Airport) पूरे विश्व में अपनी तरह का इकलौता हवाई अड्डा है, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर है। भारत के केरल राज्य में स्थित कोच्चि हवाई अड्डा यह कीर्तिमान हासिल करने वाला दुनिया का पहला हवाई अड्डा बन चुका है। हालांकि, यह पर्यावरण प्रदूषण कम करने और जलवायु परिवर्तन को रोकने के संदर्भ में एक सराहनीय कदम साबित हो सकता है, किंतु वास्तव में सौर ऊर्जा पर निर्भर हवाई अड्डों से जुड़ी कुछ अहम् चुनौतियां भी मौजूद हैं। कोच्चि का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलने वाला दुनिया का पहला हवाई अड्डा बनकर विमानन इतिहास (Aviation History) में नया अध्याय लिख चुका है। 18 अगस्त 2015 के दिन यहाँ पर 12 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया गया था। इसमें एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स (Air Cargo Complex) के पास 45 एकड़ भूमि में 46,150 सोलर पैनल (Solar Panel) स्थापित किए गए थे। इस संयंत्र से कोच्चि हवाईअड्डे के सभी परिचालन कार्यों को प्रति दिन 50,000 से 60,000 यूनिट बिजली प्रदान की जाती है। 2013 के शुरुआती दौर में इसके आगमन टर्मिनल ब्लॉक (Arrival Terminal Block) की छत पर 100- किलोवाट ऊर्जा का एक छोटा सा सौर फोटोवोल्टिक संयंत्र (Solar Photovoltaic Plant) स्थापित किया गया था। बाद में इसकी क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाकर 1.1 मेगा वाट कर दिया गया। यह हवाई अड्डा कुल 27 एयरलाइनों (Airline) और हर साल 10 मिलियन से अधिक यात्रियों की मेजबानी करता है। साथ ही यह प्रत्येक सप्ताह 1,000 से अधिक उड़ानों का प्रबंधन भी करता है। उड़ान संचालन के अलावा, हवाई अड्डे पर तीन दर्जन दुकानें और रेस्तरां भी हैं। इन सभी की ऊर्जा आवश्यकताएँ भी सौर उर्जा संयंत्रों से ही पूरी होती हैं। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि यहां स्थित संयंत्रों ने पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हुए, 550 मिलियन टन से अधिक कार्बन डाई ऑक्साइड (Carbon Dioxide (CO2) उत्सर्जन को रोका है। हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र कोच्चि के निदेशक मंडल ने नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल (International Terminal) की जरूरतों को पूरा करने के लिए हवाईअड्डे की सौर क्षमता को दोगुना करने का फैसला किया है। आगे दुनिया के शीर्ष सौर-संचालित हवाई अड्डों की एक सूची है- कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट, भारत (Kochi International Airport, India): जैसा कि हम पढ़ ही चुके हैं कि कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारतीय राज्य केरल के कोच्चि शहर में स्थित है और यह दुनिया का पहला पूरी तरह से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हवाई अड्डा है। गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, भैरहवा, नेपाल (Gautam Buddha International Airport, Bhairahawa, Nepal): गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सौर पैनल स्थापित करने की प्रक्रिया अभी निर्माणाधीन ही है। इस परियोजना का लक्ष्य 10 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है। निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद यह हवाई अड्डा, भारत के कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद दुनिया में दूसरा पूरी तरह से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हवाई अड्डा हो जाएगा। चटनुगा एयरपोर्ट, टेनेसी, यू.एस (Chattanooga Airport, Tennessee, US): चटनुगा महानगरीय हवाई अड्डे (Chattanooga Metropolitan Airport) को अमेरिका (America) का 100% सौर ऊर्जा द्वारा संचालित पहला हवाई हवाई अड्डा माना जाता है। यहाँ पर 16 फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर क्षेत्र में सौर पैनलों की स्थापना की गई है। जॉर्ज एयरपोर्ट, दक्षिण अफ्रीका (George Airport, South Africa): दक्षिण अफ्रीका का जॉर्ज हवाई अड्डा 2016 में अफ्रीका का पहला सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा बन गया। जॉर्ज हवाई अड्डा 200 वर्ग मीटर परिसर में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र से अपनी ऊर्जा की 41% मांग को पूरा करता है। एंटीगुआ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कैरेबियन (Antigua International Airport, Caribbean): कैरेबियन में एंटीगुआ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने 3 मेगा वाट सौर संयंत्र के साथ 2016 में सौर बिजली का उत्पादन शुरू किया। हवाई अड्डे के इस सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना एंटीगुआ और बारबुडा (Barbuda) सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली 10 मेगा वाट स्वच्छ ऊर्जा परियोजना के पहले चरण के तहत की गई है। समय के साथ सौर ऊर्जा संयंत्र आर्थिक रूप से अधिक व्यवहार्य और पर्यावरण की दृष्टि से वांछनीय हो गए हैं, जिस कारण इनसे संबंधित परियोजनाओं का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि साल 2050 तक वैश्विक बिजली की मांग का लगभग 20% हिस्सा इन्हीं सौर ऊर्जा माध्यमों से पूरा होगा। हालांकि, इन सौर ऊर्जा संयंत्रों के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। जैसे:
1.चकाचौंध और परावर्तन (Glare and Reflection): सोलर पैनलों (Solar Panels) से होने वाला परावर्तन और चकाचौंध, आसमान में जहाज उड़ाने वाले पायलट के समक्ष दृश्यता की समस्या खड़ी कर सकता है। तकनीकी रूप से, इसे चमक या चकाचौंध कहा जाता है, जिसमें सोलर पैनल प्रकाश का उच्च प्रतिबिंब प्रदर्शित करते हैं। नुक़सान से बचने के लिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कोई भी सोलर संस्थापन, स्थापना के बाद 25 डिग्री का सीधा कोण न बनाए। इससे बचने के लिए अधिकांश पैनलों में एंटी-रिफ्लेक्शन कोटिंग (Anti-Reflection Coating) की जाती है।
2.भूमि और हवाई क्षेत्र का भौतिक हस्तक्षेप: आमतौर पर हवाई अड्डों में सोलर पैनल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है। इसलिए सोलर पैनल हवाई पट्टी से एक मानक दूरी पर होनी चाहिए जिसमें रनवे (Runway) और अन्य परिवेश में भौतिक निकायों का प्रवेश प्रतिबंधित होना ज़रूरी है।
3.स्थान की कमी-ज्यादातर हवाई अड्डे महानगरों के आसपास स्थित होते हैं जहां स्थान की अत्यंत कमी होती है। सोलर पैनल लगाने के लिए अत्यधिक स्थान की आवश्यकता होती है जिसके कारण इन्हें स्थापित करना आसान नहीं होता है।
4. स्थानीय वार्षिक मौसम की स्थिति- हवाईअड्डे के सौर प्रणाली के डिजाइन के लिए वार्षिक मौसम की स्थिति ऊर्जा क्षमता के कारकों को तय करने के लिए महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। सौर पैनल के लिए उच्च तापमान वाले साफ मौसम की आवश्यकता होती है जो सभी स्थानों पर संभव नहीं है।इसमें कोई संदेह नहीं है कि हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन को काफी कम किया जा सकता है। इसी कारण दुनिया भर के हवाई अड्डों द्वारा सौर पैनलों को व्यापक रूप से अपनाने पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है । यहां तक ​​कि निजी कंपनियों ने हवाईअड्डों पर किराये के आधार पर सौर पैनलों की सुविधाएं देना शुरू कर दिया है।

संदर्भ
https://bbc.in/3Kx1j7B
https://bit.ly/3IlkcHS
https://bit.ly/3XX2EaL
https://bit.ly/3Zn2wTb
https://bit.ly/3Is2XVd

चित्र संदर्भ
1. कोच्चि हवाई अड्डे में सौर ऊर्जा प्रवाह को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) के लोगो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. कोच्चि हवाई अड्डे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. कोच्चि हवाई अड्डे में टर्मिनल 3 प्रस्थान क्षेत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. कोच्चि हवाई अड्डे के मुख्य प्रवेश द्वार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. चटनुगा एयरपोर्ट, टेनेसी, यू.एस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. जॉर्ज एयरपोर्ट, दक्षिण अफ्रीका को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. एंटीगुआ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कैरेबियन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. भारत के महाराष्ट्र राज्य में सौर ऊर्जा संयंत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए, नज़र डालें, अमेरिकी ड्रामा फ़िल्म, ‘लॉलेस’ पर
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:12 AM


  • बैरकपुर छावनी की ऐतिहासिक संपदा के भंडार का अध्ययन है ज़रूरी
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:21 AM


  • आइए जानें, भारतीय शादियों में पगड़ी या सेहरा पहनने का रिवाज़, क्यों है इतना महत्वपूर्ण
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:18 AM


  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id