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31 साल पहले इसी महीने टोक्यो (Tokyo) में एक विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया गया, जिसमें एथलेटिक्स इतिहास के महान युगलों का शानदार प्रदर्शन दिखाई दिया।इस चैंपियनशिप में दो महान चैंपियन, कार्ल लुईस (Carl Lewis) और माइक पॉवेल (Mike Powell) शामिल थे। अमेरिकी सुपरस्टार कार्ल लुईस को लंबी कूद में 10 साल से कोई हरा नहीं पाया था, और उन्होंने इस आयोजन में पिछले दो विश्व खिताब और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते थे। वे 100 मीटर की लंबी कूद का विश्व रिकॉर्ड बनाने से कुछ ही दूर थे।बॉब बीमन (Bob Beamon) ने 1968 के ओलंपिक खेलों में 8.90 मीटर की लंबी कूद के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया था तथा लगभग 23 साल तक इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ नहीं पाया था। कार्ल लुईस इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए फाइनल में पहुंच ही गए थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। 1991 से लुईस ने इतिहास में शीर्ष छह लंबी कूदें अपने नाम की, जिनमें – 8.79 मीटर, 8.76 मीटर, 8.76 मीटर और 8.75 मीटर शामिल हैं।बीमन के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए उन्हें सबसे संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा गया था, लेकिन पॉवेल ने टोक्यो में 8.95 मीटर के साथ यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।1988 के ओलंपिक खेलों में पॉवेल ने 8.66 मीटर के साथ रजत पदक जीता था। भारत की बात करें तो यहां लंबी कूद के लिए राष्ट्रीय रिकॉर्ड 8.36 मीटर की लंबी कूद के साथ मुरली श्रीशंकर का है,जिसे उन्होंने फेडरेशन कप 2022 में हासिल किया था। तो आइए इन वीडियोज के जरिए एक नजर डालते हैं इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित लंबी कूद के आयोजन पर।
संदर्भ:
https://bit.ly/3Cd5pxg
https://bit.ly/3SNf2ZE
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