क्या रहा मनुष्य और उसकी इन्द्रियों के अनुसार, अब तक प्रारंग और जौनपुर का सफर

ध्वनि I - कंपन से संगीत तक
07-08-2020 06:27 PM
क्या रहा मनुष्य और उसकी इन्द्रियों के अनुसार, अब तक प्रारंग और जौनपुर का सफर

प्रारंग शहर की स्थानीय भाषा में विभिन्न शहरों/स्थानों की संस्कृति और प्रकृति पर हर रोज उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करके, संस्कृति - प्रकृति संतुलित करने का उद्देश्य रखता है। हम शहर विशेष की संस्कृति और प्रकृति के संदर्भ में दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ शहर के संसर्गों पर शोध करते हैं और उन्हें प्रस्तुत करते हैं। प्रारंग के लेखों की रूपरेखा में, हमने प्रकृति और संस्कृति दोनों का ही निम्नलिखित 6 (प्रत्येक में 3) भागों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया है:

संस्कृति

1. समयसीमा : इस बिंदु में पृथ्वी की शुरुआत से लेकर अब तक के समयकाल के बारे में बहुत से नये तथ्यों का पता चलेगा। हम दुनिया भर में सभ्यताओं के विकास के संश्रय में हमारे विशिष्ट शहर के विकास का पता लगाते हैं।

2. मानव व उनकी इन्द्रियाँ : शहर के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम मनोरंजन और संवर्धन की वस्तुओं और मानव आवश्यकता की गतिविधियों के विकास का पता लगाते हैं, जो ध्वनि, गंध, स्पर्श, स्वाद, दृष्टि और विचार के रूप में मानव अपनी इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करते हैं।

3. मानव व उसके अविष्कार : हम दस्तकारी और औद्योगिक उत्पादों और सेवाओं में हुए आविष्कारों और नवाचारों का पता लगाते हैं, क्यूंकि इनके द्वारा ही दुनिया ने विभिन्न सभ्यताओं की वृद्धि देखी है।

प्रकृति

1. भूगोल : प्रकृति के इस बिंदु में हम अपने शहर और विश्व के भूगोल के बारे में प्राप्त जानकारियों को संदर्भित करते हैं। यह भाग पृथ्वी पर मौजूद स्थानों की प्राकृतिक विषेशताओं पर रौशनी ड़ालता है जैसे नदियाँ, समुद्र, जंगल इत्यादि।

2. जीव–जन्तु : जीव-जन्तु प्रकृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। प्रारंग के प्रकृति खण्ड के इस भाग में जानिए अपने शहर और विश्व भर में पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं से जुडी रोचक जानकारी का वर्णन।

3. वनस्पति : पेड़-पौधों अथवा वनस्पति लोक का अर्थ, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के रूप, रचना, स्थानिक प्रसार या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से है।


क्या रहा मनुष्य और उसकी इन्द्रियों के अनुसार, अब तक प्रारंग और जौनपुर का सफर


1. ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि:

क्या है, ख़याल संगीत का जौनपुर से सम्बन्ध

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/4334/What-is-the-relation-of-the-khayal-music-with-Jaunpur


2. ध्वनि 2- भाषायें

सूफीवाद पर सबसे प्राचीन फारसी ग्रंथ : कासफ़-उल-महज़ोब

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/4607/The-oldest-Persian-treatise-on-Sufism-Kasaful-Mahzob


3. गंध- ख़ुशबू व इत्र

इत्र या महक उद्योग में मिल सकता है रोजगार

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3386/You-can-get-employment-in-perfume-or-fragrance-industry


4. स्पर्शः रचना व कपड़े

जौनपुर में खिले कमल से बनाये जा सकते हैं कपड़े

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/2114/clothes-can-be-manufactured-by-lotus-from-jaunpur


5. स्वाद- खाद्य का इतिहास

जौनपुर के बेमिसाल एटम बम

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3046/The-delicious-Atom-Bomb-of-Jaunpur


6. द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

ज़रूर देखें जौनपुर के ये 3 ऐतिहासिक चित्र

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/1814/postname


7. द्रिश्य 2- अभिनय कला

नाट्यशास्त्र में मिलता है, नृत्य, नाट्य और हस्त मुद्राओं का समन्वय

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/4321/Dance-drama-and-hand-movements-are-coordinated-in-Natyashastra-


8. द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

क्या होता है, विभिन्न धर्मों में प्रयुक्त होने वाले मण्डल (Mandala)

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3859/What-is-Mandala-used-in-various-religions


9. विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

रहस्यमयी गाथाओं को समेटे है जौनपुर का त्रिलोचन महादेव मंदिर

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/4026/The-Trilochan-Mahadev-Temple-of-Jaunpur-contains-mysterious-stories


10. विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

ब्रोकली में भी पाए जा सकते हैं कुछ गणितीय गुण

लिंक - https://prarang.in/jaunpur/posts/3911/Some-mathematical-properties-can-also-be-found-in-Broccoli


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