आधुनिक युग में मानव अपने शरीर को महकाने के लिए विभिन्न इत्रों का उपयोग करता है। यही कारण है कि आज दुनिया भर में आपको भिन्न-भिन्न प्रकार के इत्र उद्योग देखने को मिल जायेंगे जहां आपको विभिन्न ब्रांडों (Brands) और सुगंधों के अलग-अलग इत्र उपलब्ध होंगे। जौनपुर में अपने इत्र उत्पादन के लिए जाना जाता है। इन इत्रों के उपयोग के साथ-साथ इनका क्षेत्र भी विकसित होता जा रहा है जहां ज़रूरत है ऐसे लोगों की जिनकी सूंघने की क्षमता बहुत उच्च और अच्छी हो। आज विभिन्न ऐसे कार्यक्षेत्र हैं जो वस्तुओं की महक से सम्बंधित हैं। यदि आपकी सूंघने की क्षमता अच्छी है तो ये क्षेत्र आपके लिए रोज़गार उपलब्ध कराने में सहायक हो सकते हैं जिसे आप अपने पेशे के रूप में भी चुन सकते हैं। इन क्षेत्रों में कुछ निम्नलिखित हैं:
परफ्यूमर (Perfumer) :
यदि आपमें विशिष्ट सुगंधों को सूंघने का कौशल है तो आप परफ़्यूमर बनने का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत आपको एक विशिष्ट गंध बनाना सिखाया जायेगा।
खाद्य वैज्ञानिक (Food scientist) :
एक खाद्य वैज्ञानिक भोजन के भौतिक, रासायनिक और पोषण गुणों का विश्लेषण करता है और भोजन बनाने, संरक्षित करने, सुधारने और भंडारण की प्रक्रियाओं पर भी काम करता है। गंध की अच्छी समझ होना भी उनकी प्रमुख विशेषताओं में से एक है। अतः इस क्षेत्र में भी आप अपना हाथ आज़मा सकते हैं। इसके लिए आपको उच्चतर राष्ट्रीय डिप्लोमा (Diploma) या खाद्य विज्ञान या किसी अन्य संबंधित विषय में डिग्री (Degree) की आवश्यकता होगी।
अरोमाथेरेपीस्ट (Aromatherapist) :
अरोमाथेरेपी में सुगंधित पौधों के तेलों का उपयोग रोगियों के मानसिक या शारीरिक विकारों का उपचार करने के लिये किया जाता है। इसके लिए भी पौधों की सुगंधों का परीक्षण किया जाना आवश्यक होता है जो एक अरोमाथेरेपीस्ट के द्वारा किया जाता है।
गंध परीक्षक (Odour tester) :
गंध परीक्षक सभी प्रकार की गंधों का मूल्यांकन और नमूना लेने वाले विभिन्न प्रकार के उद्योगों में काम कर सकते हैं। गंध परीक्षक खाने, इत्र आदि के परीक्षण के लिए उत्तरदायी होते हैं।
इसके अतिरिक्त अन्य भी क्षेत्र हैं जहां आपको अपनी इस विशेषता को उजागर करने का अवसर प्राप्त होगा। इन क्षेत्रों में आपको 800 से भी अधिक विशिष्ट सुगंधित पदार्थों का अधिग्रहण और परीक्षण करना होगा। यदि आप इत्र प्रेमी हैं और आपके पास विभिन्न महकों को पहचानने की क्षमता है तो इन सभी क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आपको कुछ कौशल विकसित करने की आवश्यकता होती है जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
• आपको प्रमुख इत्र कंपनियों (Companies) के साथ खुद को परिचित करना होगा।
• इत्र उद्योग से सम्बंधित किताबें पढ़ना आवश्यक है क्योंकि ये किताबें प्रमुख इत्र कंपनियों, उनके लिए काम करने वाले लोगों, तथा कम्पनी के इतिहास, कला और विज्ञान पर प्रकाश डालती हैं।
• आपको विज्ञान की भी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि आधुनिक इत्र केवल फूलों की सुगंधों के बारे में नहीं बल्कि सिंथेटिक (Synthetic) अणुओं की समझ से भी सम्बंधित है। इसलिए, इन सिंथेटिक अणुओं को कैसे विकसित किया जाता है और उनकी गंध कैसी होती है, इसकी समझ होना ज़रूरी है।
• हर वस्तु को सूंघने का कौशल आप में होना आवश्यक है। इनमें रोज़मर्रा की वस्तुएं जैसे पौधे, कागज़, प्लास्टिक (Plastic) इत्यादि शामिल हैं।
• आपको अपना खुद का इत्र बनाना शुरू करना चाहिए। छोटे पैमाने पर अभ्यास करने से आप पेशेवर इत्र बनाने वाले के रूप में काम करने के लिए तैयार होंगे।
• इत्र बनाने के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए आपको किसी ऐसे संस्थान में दाखिला लेना होगा जो इत्र बनाने का प्रशिक्षण देते हों।
एक अच्छा सुगंध परीक्षक बनने के लिए आपके पास पदार्थों को अच्छी तरह सूंघने की क्षमता होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आपके लिए धूम्रपान भी वर्जित हो सकता है। इन सभी विषयों पर ध्यान केंद्रित कर आप आसानी से महक से सम्बंधित उद्योगों में रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं। जौनपुर में भी इत्र उद्योग स्थापित किया गया है किंतु कुछ वर्षों से इसके विकास की दर घटती जा रही है। विकास दर में वृद्धि केवल तभी संभव है जब इन क्षेत्रों को विस्तारित किया जाए और लोगों का ध्यान इत्र या महक उद्योगों की ओर आकर्षित किया जाये।
संदर्भ:
1. https://www.totaljobs.com/insidejob/jobs-for-the-senses-smell/
2. https://www.businesstoday.in/magazine/features/people-behind-packaged-food-fragrances/story/188931.html
3. https://careertrend.com/how-5716856-become-smell-tester-perfume-company.html
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