भारत, चीन के बाद, ब्रोकली (Broccoli) का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। चीन के साथ मिलकर भारत विश्व के संपूर्ण ब्रोकली उत्पादन का 75 % उत्पादित करता है। ब्रोकली के अन्य उत्पादक देशों में स्पेन (Spain), मैक्सिको (Mexico), इटली (Italy), फ्रांस (France), पोलैंड (Poland) तथा यू . एस . (US) प्रमुख हैं।
ब्रोकली गोभी परिवार का एक हरा खाद्य पादप है। यह पूर्वी भूमध्य सागर तथा एशिया माइनर (Asia Minor) की स्थानीय वनस्पति है। भारत में यह एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ में गिना जाता है। उत्तर भारत में गोभी और ब्रोकली की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। ब्रोकली का उत्पादन भारत के विभिन्न राज्यों में एक प्रमुख आय की फसल के रूप में किया जा रहा है। एक लेख के अनुसार भारत में गोभी तथा ब्रोकली का उत्पादन 78,87,000 टन है। यह किसानों को अल्प काल में बड़ा फायदा पहुँचाने का कार्य करता है। किसानों को लाभ पहुँचने के साथ-साथ यह स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसमें उच्च मात्र में फाइबर (Fibre), विटामिन (Vitamin) तथा मिनरल (Mineral) पाए जाते हैं। 1990 में भारत सर्वप्रथम ब्रोकली से परिचित हुआ। दिन-प्रतिदिन बढ़ती जागरूकता तथा नवीन तकनीक से भारत में ब्रोकली के उत्पादन को एक नवीन दिशा प्राप्त हुई है, जिसने भारतीय किसानों के जीवन को उत्कृष्ट बनाने में अत्यधिक सहायता की है।
रोमनेस्को ब्रोकली (Romanesco Broccoli), ब्रेसिका ओलेराशिए (Brassica oleracea) प्रजाति के ही फूल की कली है जिसे प्रथम बार इटली में 16वीं शताब्दी में खोजा गया था। यह हरे-पीले रंग का होता है। रोमनेस्को ब्रोकली और गोभी की संरचना में भी काफी समानता देखी जा सकती है। इसमें गणित भित्तिक के समरूपी छोटे शल्कों पर समान संरचना मिलती है। रोमनेस्को ब्रोकली का पुष्पक्रम स्व–समरुप होता है और इसके शाखित अंग लोगारिथ्मिक स्पाइरल (Logarithmic Spiral) बनाते हैं। इस प्रकार कली प्राकृतिक फ्रैक्टल (Fractal) बनती है। प्रत्येक कली छोटी कलियों की श्रंखला से बनी होती है जो कि पुनः लोगारिथ्मिक स्पाइरल बनाती हैं। यह प्रतिमान कई छोटे-छोटे स्तरों तक चलता रहता है। रोमनेस्को ब्रोकली के सिर पर स्पाइरल की संख्या फिबोनाची (Fibonacci) संख्या (1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55....) के सामान होती है।
फ्रैक्टल कुछ बहुत ही सुन्दर और सर्वाधिक अनोखी ज्यामितिक संरचना के होते हैं। वे अलग-अलग शल्कों पर एक जैसे दिखते हैं- इनके एक छोटे से तत्त्व में भी पूरी संरचना को देखा जा सकता है, इस गुण को स्व-समरूपता कहा जाता है। एक फ्रैक्टल बनाने के लिए, आप एक सरल पैटर्न के साथ प्रारंभ कर सकते हैं और इसे बार-बार दोहरा सकते हैं। वास्तविक जीवन में यह लगभग असंभव है कि इस प्रकार के फ्रैक्टल कृत्रिम रूप से बनाये जा सकें। गणित के प्रयोग से हम फ्रैक्टल के गुणों को समझ सकते हैं। फ्रैक्टल गणितीय परिदृश्य में काफी लोकप्रिय होते हैं क्योंकी वे बहुत सुन्दर दिखते हैं तथा उन्हें आसान पैटर्न (Pattern) के उपयोग से बनाया जा सकता है तथा एक फ्रैक्टल में ज़ूम (Zoom) कर के पैटर्न को दोहराता हुआ देख सकते हैं। कुछ विख्यात फ्रैक्टल सियर्पिन्स्की गैस्केट (Sierpinski Gasket) और कोच स्नोफ्लेक (Koch Snowflake) हैं।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2NLe6ov
2. https://bit.ly/3aGdMl0
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Romanesco_broccoli
4. https://eastlansinginfo.org/content/romanesco-broccoli-fractals-fibonacci-and-feast
5. https://fractalfoundation.org/resources/what-are-fractals/
6. https://en.wikipedia.org/wiki/Fractal
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