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अपनी समृद्ध विविधता, जटिल लय और धुन तथा पारंपरिक वाद्ययंत्रों के उपयोग के कारण अरबी संगीत (Arabic music) को पूरे विश्व भर में बहुत पसंद किया जाता है। खालेद (Khaled), असील हमीम (Aseel Hameem), अम्र डायब (Amr Diab) और साद लैमजार्ड (Saad Lamjarred) अब तक के सबसे प्रसिद्ध अरबी गायक हैं। वहीं दूसरी ओर, यदि तुर्की संगीत (Turkish music) की बात करें, तो यह दोहराए गए नोट्स (notes) और अलंकरण, तथा ऊंचे और नरम अंशों के लिए जाना जाता है। अरबी देशों में संगीत की कई समृद्ध और विविध शैलियाँ देखने को मिलती हैं, जिसमें कई भाषाई बोलियों का समावेश भी देखने को मिलता है। यहां प्रत्येक देश और क्षेत्र का अपना पारंपरिक संगीत है। अरबी संगीत का कई अन्य क्षेत्रीय संगीत शैलियों और विधाओं के साथ संपर्क का एक लंबा इतिहास है। इसमें उन सभी लोगों के क्षेत्रों का पारंपरिक संगीत शामिल है, जो आज, अरब दुनिया का निर्माण करते हैं। यूरोपीय (European) मध्ययुगीन और शास्त्रीय संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकांश संगीत वाद्ययंत्रों में वे वाद्ययंत्रों शामिल हैं, जिनका सम्बंध अरब से है, या जिन्हें अरबी संगीत में उपयोग किया जाता है। कई मध्ययुगीन शंक्वाकार बोर उपकरणों (conical bore instruments) को संभवतः अरब संगीतकारों द्वारा पेश किया गया या लोकप्रिय बनाया गया, जिसमें ज़ेलामी (xelami) भी शामिल है। तो आइए, आज हम, अब तक के सबसे प्रसिद्ध अरबी और तुर्की गीतों के कुछ चलचित्र देखें। साथ ही हम, साद लैमजार्ड के LM3ALLEM, असील हमीम के 'सेर अलहयाह' (Ser Alhayah) और खालेद के 'दीदी' (Didi) जैसे अरबी गीतों का भी आनंद लेंगे। इसके अलावा, हम कुछ तुर्की गीतों जैसे 'इमराह करदुम' (Emrah Karaduman) और ‘सेन ओलसन बारी’ (Sen Olsan Bari) का भी आनंद लेंगे।
संदर्भ:
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