पिछले कुछ सालों में हिंदी सिनेमा ने कुछ बेहद मज़ेदार कॉमेडी फ़िल्में दी हैं । इन फ़िल्मों के अंत को आज भी बहुत याद किया जाता है। ‘फिर हेरा फेरी’, ‘धमाल’, ‘गोलमाल’, ‘खिचड़ी’ जैसी फ़िल्में, अपने अंत के ज़रिए, दर्शकों को रोमांच से भर देती हैं। 9 जून 2006 को रिलीज़ हुई फ़िल्म, ‘फिर हेरा फेरी’ को, व्यावसायिक रूप से बड़ी सफलता प्राप्त हुई थी । उस साल, यह फ़िल्म, 8वीं सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म भी बनी थी। अक्षय कुमार की कॉमिक टाइमिंग के साथ-साथ, परेश रावल, जॉनी लीवर और राजपाल यादव जैसे सहायक कलाकारों की वजह से इस फ़िल्म ने एक महत्वपूर्ण दर्जा और कई पीढ़ियों के महत्वपूर्ण प्रशंसक प्राप्त किए । इसे अब, भारत कि सबसे अच्छी कॉमेडी फ़िल्म के रूप में जाना जाता है। यह, अब तक बनी सबसे बेहतरीन सीक्वल (sequel) फ़िल्मों में से एक है। यह फ़िल्म ब्रिटिश फ़िल्म ‘लॉक, स्टॉक एंड टू स्मोकिंग बैरल्स ( Lock, Stock and Two Smoking Barrels - 1998) पर आधारित है। इस फ़िल्म के तीन क़िरदारों अर्थात राजू, श्याम और बाबूराव की ज़िंदगी, तब पूरी तरह बदल जाती है, जब वे एक धोखेबाज़ के हाथों ठगे जाते हैं। परिणामस्वरूप, उन्हें एक ख़ूंखार गैंगस्टर से लिया गया कर्ज़ा चुकाने के लिए अनेक तरीके ढूँढ़ने पड़ते हैं। तो चलिए, आज हम, हिंदी सिनेमा की कुछ बेहतरीन कॉमेडी फ़िल्मों के मज़ेदार अंतिम दृश्यों को देखते हैं। इस कड़ी में, हम शुरुआत करेंगे ‘फिर हेरा फेरी से’। फिर हम, 2007 में रिलीज़ हुई एक और बॉलीवुड फ़िल्म, ‘धमाल’ के आखरी पलों का मज़ा लेंगे । हम एक और हिंदी फ़िल्म, ‘खिचड़ी’ के कुछ अंतिम हास्य दृश्य भी देखेंगे । अंत में हम, ‘गोलमाल: फ़न अनलिमिटेड’ (golmaal: fun unlimited) के आखिरी क्षणों का आनंद लेंगे ।
संदर्भ:
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.