Post Viewership from Post Date to 27-Aug-2024
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2517 98 2615

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

क्षुद्रग्रह, उल्का और उल्कापिंड के बीच है महत्वपूर्ण अंतर

जौनपुर

 27-07-2024 09:25 AM
खनिज

प्रागैतिहासिक काल से लेकर आज तक उल्कापिंड सदैव ही लोगों के बीच आकर्षण का विषय रहे हैं। वैज्ञानिक महत्व के साथ-साथ उल्कापिंड सौंदर्यात्मक महत्व भी रखते हैं। कुछ लोग उल्कापिंडों से बने गहनों के शौकीन होते हैं तो कुछ लोग इन्हें सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कारणों से भी पहनते हैं। जौहरियों द्वारा इन दिव्य एवं अनूठे टुकड़ों को सुंदर डिज़ाइनों में ढ़ालकर प्रस्तुत किया जाता है। यद्यपि इन टुकड़ों की परख करने के लिए खगोल विज्ञान में डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन उल्कापिंड के गहने खरीदते समय यदि आपको उल्कापिंड के प्रकार और शब्दावली के बारे में जानकारी होती है, तो इससे आपको काफ़ी मदद मिल सकती है। तो आइए आज के इस लेख में उल्कापिंडों से जुड़ी प्रमुख शब्दावली के विषय में जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि भारत में अब तक 106 उल्कापिंड गिर चुके हैं? दिलचस्प बात यह है कि इन उल्कापिंडों में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में 100 पत्थर हैं। ये उल्कापिंड अत्यंत महंगे हैं और इनकी बनावट और दिखावट अनोखी है क्योंकि ये अंतरिक्ष से पृथ्वी पर गिरे क्षुद्रग्रहों की सामग्री से बने हैं। हाल ही में, चीन ने उल्कापिंड जैसे खनिजों की खोज में कुछ अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है। तो आइए भारत में गिरे उल्कापिंडों एवं चीन की उपलब्धि के विषय में भी विस्तार से जानते हैं। जब भी आप किसी से उल्कापिंडों के विषय में चर्चा कर रहे हों अथवा इनसे जुड़े हुए आभूषण खरीद रहे हों, तो आपको इन तीन शब्दों के बीच अंतर करना चाहिए: उल्का, उल्कापिंड, और क्षुद्रग्रह। हालाँकि ये तीनों शब्द एक ही वस्तु को संदर्भित कर सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इन तीनों शब्दों का मुख्य अंतर उनकी संरचना और वर्गीकरण में निहित है।
क्षुद्रग्रह, उल्का और उल्कापिंड के बीच अंतर: क्षुद्रग्रह (Meteoroid): अंतरिक्ष में ऐसी वस्तुएँ, जिनका आकार धूल के कणों से लेकर छोटे क्षुद्रग्रहों तक होता है। जैसे कि अंतरिक्ष की चट्टानें। जबकि अंतरिक्ष मलबे के छोटे टुकड़े बाहरी अंतरिक्ष से होकर गुजरते हैं, उन्हें क्षुद्रग्रह कहा जाता है। हालाँकि, कुछ क्षुद्रग्रह बड़े पत्थरों के आकार के भी हो सकते हैं। कुछ क्षुद्रग्रह तब बनते हैं जब धूमकेतु टूट अथवा बिखर जाते हैं, लेकिन अधिकांशतः क्षुद्रग्रह हमारे सौर मंडल जैसे तारा प्रणालियों के निर्माण के साथ विकसित हुए हैं। उल्का (Meteor): एक बार जब कोई उल्कापिंड किसी ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो उसकी सतह जलने लगती है और आकाश में दिखाई देने वाले निशान छोड़ जाती है। इस बिंदु पर, वस्तु के लिए उचित शब्द उल्का है। पृथ्वी के वायुमंडल से गुज़रने वाले उल्कापिंडों को अक्सर "टूटते तारे" कहा जाता है, हालाँकि, निस्संदेह, वे तारे नहीं हैं। उल्का पिंड (Meteorite): सभी उल्काएँ वायुमंडल के माध्यम से अपनी यात्रा में जीवित नहीं बचती हैं। कुछ जल जाती हैं। जो उल्काएँ किसी ग्रह की सतह से टकराने में सफल हो जाती हैं उन्हें उल्कापिंड कहा जाता है। चूँकि उल्कापिंड इतनी तेज़ गति से यात्रा करते हैं, वे किसी ग्रह से टकराने पर वहां गड्ढे बना देते हैं। बड़े-बड़े उल्कापिंडों के टकराने से बेहद बड़े गड्ढे बनते हैं जिन्हें क्रेटर कहते हैं, हालांकि छोटे उल्कापिंड छोटे क्रेटर बनाते हैं, जिन्हें देखना आसान नहीं होता है। उल्कापात के दौरान, उल्कापिंड वास्तव में ऐसे दिखते हैं जैसे वे आकाश में बरस रहे हों। ये उल्काएं धूमकेतु मलबे से बनी होती हैं और जैसे ही पृथ्वी धूमकेतु की पूंछ से गुज़रती है, ये पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाती हैं। पाँच हज़ार वर्ष प्राचीन सभ्यताओं में भी आभूषणों सहित सजावटी वस्तुओं में उल्कापिंडों का उपयोग किया जाता था। मिस्र में एक खनन स्थल से, वैज्ञानिकों द्वारा लोहे के उल्कापिंड से बने एक मनके की खोज की गई। शोध के द्वारा इसके निर्माण का समय 3,350 और 3,600 ईसा पूर्व के बीच बताया गया। लोगों द्वारा उल्कापिंड के गहनों को न केवल इसकी सुंदरता के लिए महत्व दिया जाता है, बल्कि कुछ लोगों का मानना है कि इन पत्थरों में उपचार गुण होते हैं। लोहे के उल्कापिंड आमतौर पर संतुलन और ताकत से जुड़े होते थे, और ऐसा माना जाता था कि इन उल्कापिंडों में मौजूद निकेल, पहनने वाले के रक्त को शुद्ध करता है। उल्कापिंडों में मौजूद लोहा और अन्य धातुएं चुंबक को आकर्षित कर सकती हैं। ऐसी चुंबकीय प्रतिक्रियाएं, आकाशीय उत्पत्ति के साथ मिलकर, इस विश्वास को प्रेरित कर सकती हैं कि उल्कापिंडों में जादुई शक्तियां होती हैं। ब्रिटिश संग्रहालय (British Museum) में खनिजों की एक सूची है जिसमें भारत में गिरने वाले 106 उल्कापिंडों का वर्णन किया गया है। ये सभी उल्कापिंड अलग-अलग उल्कापात से संबंधित हैं। इनमें से 100 उल्कापिंड पत्थर हैं जबकि केवल चार लोहे के (गढ़ी यासीन, कोडाइकनाल, नेदागोला, और समेलिया) और दो पत्थर के लोहे के (लोद्रन और सिंघुर) हैं।
भारतीय उल्कापिंड इस मायने में भी असाधारण हैं कि उनमें से लगभग सभी, अर्थात् 101, वास्तव में गिरते हुए देखे गए हैं। इसी क्षेत्र में चीन ने भी इसी वर्ष एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चीन का चांग'ई-6 चंद्रयान (Chang’e-6 lunar) 4 जून, 2024 को चीन के उत्तरी क्षेत्र, इनर मंगोलिया में लगभग दो महीने लंबे मिशन का सफल समापन करके वापस आया। इस मिशन के दौरान इस यान द्वारा चंद्रमा के गोलार्ध से नमूने पृथ्वी पर ले गए जिससे ऐसा करने वाला चीन पहला देश बन गया है। 'चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन' (China National Space Administration (CNSA) ने मिशन की सफलता के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि चीन ने दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन (South Pole-Aitken Basin) में एक मानव रहित अंतरिक्ष यान उतारा था।
दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन चंद्रमा के दूर स्थित एक विशाल गड्ढा है, जहां यात्रा और संचार चुनौतीपूर्ण है। इसलिए इसे एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। चीन 2019 में ही सुदूर क्षेत्र में उतरने वाला एकमात्र देश बन गया था। हालांकि इस वर्तमान मिशन से चीन, चंद्रमा की सामग्री एकत्र करने वाला पहला देश बन गया है। अंतरिक्ष यान द्वारा कई दिनों में लगभग 2 किलोग्राम नमूने एकत्र किए गए जिसके लिए एक रोबोटिक भुजा और ड्रिल का उपयोग किया गया। जांच के दौरान सतह की तस्वीरें भी लीं गईं। उम्मीद जताई जा रही है कि ये नमूने चीन और दुनिया भर के वैज्ञानिकों को सौर मंडल के निर्माण और चंद्रमा के दूर के हिस्से और इसके अधिक परिचित पृथ्वी-सामना वाले हिस्से के बीच अंतर के बारे में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे। महत्वपूर्ण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में चीनी शोधकर्ताओं द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की 80 से अधिक उपलब्धियां प्रकाशित की गई गईं , जिनमें चंद्रमा से लाए गए नमूनों और चंद्रमा पर "सबसे कम उम्र"  बसौल्ट की खोज को भी शामिल किया गया।

संदर्भ
https://tinyurl.com/3xn3spfx
https://tinyurl.com/4w3npteu
https://tinyurl.com/3kx4btb9
https://tinyurl.com/mr2znvdw

चित्र संदर्भ
1. क्षुद्रग्रह, उल्का और उल्कापिंड को दर्शाता चित्रण (wikimedia, New Scientist)
2. नामीबी होबा उल्कापिंड को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. तेज़ी से बढ़ते उल्कापिंड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. उल्का को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. उल्का पिंड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. ज़मीन में धंसे हुए उल्कापिंड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. चीन के चांग'ई-6 चंद्रयान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को दर्शाता चित्रण (GetArchive)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id