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मिट्टी से बना टेराकोटा क्यों है जैवअनिम्ननीय?

मेरठ

 19-01-2024 10:16 AM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

टेराकोटा शिल्प को सबसे पुराने शिल्पों में से एक माना जाता है। समय के साथ, इस शिल्प ने सभी वर्ग के लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली है। टेरा-कोट्टा शब्द इतालवी शब्दकोष से लिया गया है जिसका अर्थ है "पकी हुई मिट्टी" या सिरेमिक पॉटरी (Ceramic Pottery)। टेराकोटा शिल्प से विभिन्न उत्पाद जैसे फूलदान, रसोई के बर्तन, टाइल, गमले, मूर्तियां, ईंटें आदि बनाए जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि असम के धुबरी जिले के देवीटोला विकास खंड के अंतर्गत अशरिकांडी (मदईखाली) शिल्प गांव है, जो भारत में टेराकोटा और मिट्टी के बर्तनों के सबसे बड़े निर्माता समूहों में से एक है। टेराकोटा शिल्प के लिए एक विशेष प्रकार की मिट्टी 'हीरामती' का उपयोग किया जाता है। हीरामती मिट्टी मोटी,रेत के समान दानेदार मिट्टी होती है और इसमें लौह ऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है। हीरामती की गुणवत्ता अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होती है, जो यहाँ सर्वश्रेष्ठ है। जिसके कारण भी यहाँ की उत्पाद-गुणवत्ता अन्य स्थानों से श्रेष्ठ है। इसके अलावा मौसम एक अन्य प्रमुख कारक है जो टेराकोटा के उत्पादों की गुणवत्ता में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। कलात्मक कौशल, हीरामती की गुणवत्ता, जलवायु की स्थिति और अशरिकांडी के कुंभकारों (कुम्हारों) की सदियों पुरानी परंपरा के कारण ही अशरिकांडी ने टेराकोटा की एक अलग शैली विकसित करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हालांकि अब बढ़ती मांग के फलस्वरूप टेराकोटा उत्पादों के लिए अन्य किस्मों की मिट्टी का उपयोग किया जाने लगा है, जिन्हें मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- पहली प्राकृतिक खनिजों से निकाली गई हमारी जैविक मिट्टी और दूसरी पॉलिमर (polymer) से बनी कृत्रिम मिट्टी।
जैविक मिट्टी भी कई प्रकार की होती है:
1. भांड मृत्तिका (Earthenware clay)- यह मिट्टी मूल अवस्था में अशुद्ध होती है और इसे उत्पाद बनाने के लिए परिष्कृत किया जाता है।
2. कैओलिन (Kaolin clay) - यह मिट्टी प्राकृतिक रूप से नरम एवं सफेद होती है ओर इसे चीनी मिट्टी के नाम से जाना जाता है। इसमें कैओलिनाइट (kaolinite) खनिज पाया जाता है।
3. प्रस्तरभांड मृत्तिका (Stoneware clay)- क्रोकरी के बर्तनों के लिए इस मिट्टी का उपयोग किया जाता है। यह मिट्टी अधिक महीन, तरल प्रतिरोधी एवं अधिक टिकाऊ होती है।
टेराकोटा शिल्प से बनाए गए उत्पाद दो प्रकार के होते हैं:
1. संरध्र टेराकोटा उत्पाद: संरध्र टेराकोटा उत्पाद तैयार करने के लिए, पात्र या मूर्ति को आकार देने के चरण से पहले मिट्टी में चूरा या पीसी हुई छाल मिलाई जाती है। जब ऐसी मिट्टी के कणों को भट्टी में पकाया जाता है, तो चूरा या पीसी हुई छाल जैसे कार्बनिक कण जल जाते हैं और इनके स्थान पर छिद्र शेष रह जाते हैं। संरध्र टेराकोटा एक अग्निरोधी और ध्वनिरोधी सामग्री होती है और इसे आसानी से काटा जा सकता है। यह वज़न में हल्की लेकिन संरचनात्मक रूप से कमजोर होती है।
2. परिष्कृत टेराकोटा उत्पाद: परिष्कृत टेराकोटा उत्पादों को उत्तम किस्म के उत्पाद माना जाता है। टेराकोटा की इस किस्म को बनाने के लिए, वस्तुओं को सबसे पहले चरण में लगभग 650°C के कम तापमान पर पकाया जाता है। इसके बाद वस्तुओं को भट्टी से निकाल लिया जाता है और ठंडा होने दिया जाता है। फिर उन्हें पुटीन से ढक दिया जाता है और लगभग 1200°C पर भट्टी में फिर से पकाया जाता है। इस मिट्टी के बर्तन विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं और टेराकोटा की बेहतर गुणवत्ता का संकेत देते हैं। टेराकोटा की इन विशेषताओं को जानने के बाद आपके मन में एक प्रश्न अवश्य आया होगा कि क्या टेराकोटा जैवनिम्नीय (biodegradable) है? क्या इसे मिट्टी में मिलाने के बाद इससे मिट्टी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा? कुछ वर्षों के बाद इसका क्या होगा? तो, आपके पहले प्रश्न का उत्तर यह है कि नहीं, टेराकोटा पूरी तरह से जैवनिम्नीय नहीं है। यह आम धारणा है कि, "क्योंकि यह मिट्टी से बना है, इसलिए इसे जैवनिम्नीय होना चाहिए!" लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। अब प्रश्न उठता है कि जबकि मिट्टी तो जैवनिम्ननीय होती है, लेकिन मिट्टी से बना टेराकोटा जैवअनिम्ननीय क्यों है। इसके लिए सबसे पहले आपको टेराकोटा की प्रक्रिया समझनी होगी।
किसी भी मिट्टी की वस्तु को टेराकोटा वस्तु में बदलने की प्रक्रिया एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण चरण मिट्टी को पकाने का होता है, जिसके बाद मिट्टी की रसायनिक संरचना लगभग पूरी तरह से बदल जाती है। पकने के बाद मिट्टी पानी और हवा के प्रति अभेद्य और अत्यंत कठोर हो जाती है। पकने के दौरान मिट्टी एक अपरिवर्तनीय प्रतिक्रिया से गुजरती है और उसे दोबारा कभी भी नया आकार नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा अंतिम चरण में कांच लगाने के बाद मिट्टी का रासायनीकरण हो जाता है। महीन कणों में विभाजित करने के बाद भी टेराकोटा जैवअनिम्ननीय प्रकृति के कारण जैविक या प्राकृतिक घटक के रूप में पूरी तरह से मिट्टी के साथ मिश्रित नहीं होता है, जिसके कारण यह मिट्टी को कम उपजाऊ बना सकता है, इसके पोषक तत्वों को मिटा सकता है, और मिट्टी में पानी की मात्रा को कम कर सकता है।
हालांकि टेराकोटा सामग्री के उत्पाद जैसे टेराकोटा पानी के जग या टेराकोटा बर्तन जैविक होते हैं, और प्लास्टिक की तुलना में कहीं अधिक बेहतर होते हैं। इस बात में भी कोई संदेह नहीं है कि टेराकोटा बर्तनो में पकाए गए भोजन का स्वाद स्टील, लोहे या एल्यूमीनियम के बर्तनों में पकाए या भंडारित किए जाने वाले भोजन की तुलना में बेहतर होता है। यहां तक ​​कि टेराकोटा के जग या बोतल में रखा गया पानी मिट्टी के घड़े के समान तापमान को ठंडा रखता है और इसके स्वाद को बढ़ाता है। यह कृत्रिम रूप से ठंडा किए गए पानी या प्लास्टिक के कंटेनर में रखे पानी की तुलना में कहीं अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है। टेराकोटा उत्पादों के उपयोग के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि ये उत्पाद भोजन के पोषण मूल्य को संरक्षित करने में मदद करते हैं। टेराकोटा के निर्माण की प्रक्रिया सरल और प्राकृतिक है, क्योंकि इसमें किसी भी हानिकारक रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके अलावा आज के समय में हमारे आस-पास व्याप्त वर्तमान पर्यावरणीय स्थितियों के साथ, यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य एवं जिम्मेदारी बन गई है कि अधिक से अधिक नवीकरणीय और पुनर्चक्रण योग्य उत्पादों का उपयोग किया जाए। टेराकोटा को आसानी से पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और इसकी पुनर्चक्रण(recycle) दर भी बहुत अधिक है। टूटे हुए टेराकोटा उत्पादों से लेकर पुराने टेराकोटा उत्पादों तक, सभी को एक सरल प्रक्रिया की मदद से पूरी तरह से पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और एक आसान प्रक्रिया के माध्यम से नए वांछनीय आकार में ढाला जा सकता है। टेराकोटा की पुनर्चक्रण दर भी 95 प्रतिशत है, जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए टेराकोटा उत्पाद प्लास्टिक एवं अन्य धातु उत्पादों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर हैं।

संदर्भ

https://rb.gy/xq9581
https://rb.gy/mclsrp
https://rb.gy/vut7vd
https://rb.gy/qjvxnm
https://rb.gy/fpyi54

चित्र संदर्भ

1. टेराकोटा के टूटे हुए बर्तन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. सिरेमिक पॉटरी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. कैओलिन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. मिट्टी के बर्तन बनाते व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
5. टेराकोटा के टूटे हुए बर्तन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. टेराकोटा के टुकड़ों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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