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जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में

मेरठ

 18-11-2024 09:31 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक
हमीरपुर शहर, हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में बेतवा और यमुना नदियों के बीच, गंगा-यमुना दोआब में, उनके संगम के ठीक उत्तर पश्चिम की ओर, कानपुर से लगभग 35 मील (55 किलोमीटर) दक्षिण में स्थित है। यहां दो प्रमुख नदियां – यमुना और बेतवा मिलती हैं। आज हम, हमीरपुर तथा यहां बोली जाने वाली भाषाओं, इसकी आबादी, यहां के नागरिकों के रहन-सहन और खान-पान की आदतों एवं यहां घूमने लायक कुछ लोकप्रिय जगहों के बारे में बुनियादी जानकारी समझने की कोशिश करेंगे। हम हमीरपुर में महत्वपूर्ण विरासत स्थलों के बारे में भी चर्चा करेंगे। इसके बाद, हम हमीरपुर के कुछ पुरातत्व स्थलों के बारे में बात करेंगे। अंत में, हम हमीरपुर की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का भी पता लगाएंगे।
जनगणना 2011 के अनुसार:
ज़िले की जनसंख्या : 11,04,285
विकास दर : 5.80%
लिंगानुपात : 861
साक्षरता : 68.77
हमीरपुर ज़िले के बारे में संक्षिप्त जानकारी:
हमीरपुर ज़िला, 18’ 44’ पूर्वी देशांतर और 25’ से 52’ उत्तरी अक्षांश के बीच स्थित है। यह क्षेत्र पहाड़ी ह और शिवालिक पर्वतमाला से ढका हुआ है। इसकी ऊंचाई 400 मीटर से 1100 मीटर तक भिन्न-भिन्न है। इसमें, लगभग समतल भूमि से लेकर ब्यास नदी के हिस्से की सीमा व चट्टानों की ऊंची ऊंचाइयों और पहाड़ी-श्रृंखलाओं की खड़ी ढलानों तक का विन्यास शामिल है।
भाषा: हिंदी, पंजाबी, अंग्रेज़ी, पर्यटन व्यापार से जुड़े लोगों द्वारा समझी और बोली जाती है।
रहन-सहन एवं खान-पान की आदतें:

इस ज़िले की लगभग 92% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और वे कृषक हैं। वे रबी मौसम में गेहूं, जौ, चना, मसर आदि फ़सलें उगाते हैं और ख़रीफ़ मौसम में मक्का, धान, उड़द, कुल्थ आदि उगाते हैं। लोगों को गेहूं, चावल के साथ-साथ मक्के की रोटी के साथ लस्सी और सरसों का साग भी पसंद है। उन्हें करी भी पसंद है।
नदी प्रणाली: नदीयां कई बारहमासी धाराओं द्वारा बहती है, जो ब्यास या सतलुज नदी की सहायक नदियां हैं।
जीव-जंतु और वनस्पति: पौधों और वन वृक्षों की विभिन्न प्रजातियां – आमतौर पर किकर, खैर, बिल, सिरीश, अम्बला, नीम, कराल, तौर, कसमल आदि, इस ज़िले में पाई जाती हैं।
इतिहास:
हमीरपुर का इतिहास, कटोच राजवंश से निकटता से जुड़ा हुआ है। इस राजवंश ने पुराने दिनों में रावी और सतलुज नदियों के बीच के क्षेत्र पर शासन किया था। “पुराणों” और पाणिनि की “अष्टाध्याई” से यह स्पष्ट है कि, महाभारत काल के दौरान, हमीरपुर पुराने जलंधर-त्रिगर्त साम्राज्य का एक हिस्सा था।
घूमने योग्य स्थान:
1. दियोटसिद्ध मंदिर:

बाबा बालक नाथ के गुफ़ा मंदिर में, साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यह बिलासपुर (70 किलोमीटर), हमीरपुर (30 किलोमीटर) की सीमा पर स्थित है और सभी तरफ़ से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
2. नादौन:
यह शहर तब प्रसिद्ध हुआ था, जब जहांगीर की सेना से कांगड़ा किला हारने के बाद कांगड़ा शासकों ने अपनी राजधानी यहां स्थानांतरित कर दी।
3. सुजानपुर टीहरा:
यह स्थान, हमीरपुर शहर से 22 किलोमीटर की दूरी पर है। यह जगह कटोच राजवंश की राजधानी रही है और यहां का पुराना किला देखने लायक है।
4. मारकंडा:
यह ज़िला हमीरपुर में, डेरा परोल से 6 किलोमीटर दूर कुनाह खड्ड के तट पर मार्कंडय ऋषि का स्थान है।
5. भोटा:
यह शहर से धर्मशाला-शिमला रोड पर हमीरपुर से बिलासपुर की ओर 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
6. मेले: गसोता महादेव, हमीर उत्सव (राज्य मेला), टीरा सुजानपुर का होली मेला (राज्य मेला), बाबा दियोटसिद्ध मेला, घसियान मेला, अवाह देवी मेला, चाणियारी मेला, पिपलू-रा-मेला, सायर मेला (लादरौर), बग्गी मेला, टौणी देवी, मेला मारकंडा, आदि इस ज़िले के उल्लेखनीय मेले हैं।
7. लोकगीत: यहां के लोगों को समृद्ध लोक साहित्य विरासत में मिला है, जिसे कभी-कभी विवाह, मेलों और त्योहारों के दौरान प्रदर्शित किया जाता है।
हमीरपुर में प्रसिद्ध मंदिर:
1.श्री सिद्धपीठ मुमुक्षु आश्रम (गौरा देवी)

श्री सिद्धपीठ मुमुक्षु आश्रम (गौरा देवी), ग्राम इंगोहटा में लगभग 250 वर्ष पुराना गौरा देवी सिद्धपीठ एवं भगवान शंकर का स्थान है। 1965 में, प्रबुद्ध संत – श्री रोटीराम महाराज इस स्थान पर आए थे, जिनके निर्देशन में 1972 में एक हज़ार चण्डीययज्ञ का आयोजन किया गया था। तब से हर वर्ष, इस स्थान पर एक बड़ा मेला लगता है। यह ज़िला मुख्यालय से, 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
2.सिसोलर के मंदिर और समाधियां
महाराज बाबा के नाम से प्रसिद्ध, यह धार्मिक स्थल परममंदिर एवं समाधि स्थल है। महाराज बाबा ने लगभग 300 साल पहले, जीवित समाधि ले ली थी। चाहे कितने भी भक्त आ जाएं, इस स्थान पर भंडारे का भोजन कभी कम नहीं होता। मंदिर परिसर में कोई भी व्यक्ति झूठ नहीं बोलता।
3.श्री बांकेबिहारी मंदिर
श्री बांकेबिहारी मंदिर, मुस्करा विकासखंड के ग्राम गहरौली में स्थित है, जो ज़िले का सबसे अधिक आबादी वाला गांव है। वर्ष 1872 में निर्मित यह मंदिर, भारतीय शिल्प कौशल का एक अनूठा उदाहरण है। इस मंदिर में, दीवारों से लेकर छत तक, देवी-देवताओं की तस्वीरें ऑयल पेंटिंग के जरिए उकेरी गई हैं
4.मां महाकाली सिद्ध पीठ मंदिर, रामगढ किला
हमीरपुर ज़िले के रामगढ़ डांडा में, धसान नदी के तट पर स्थित रामगढ़ के किले में मां महाकाली का अति प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1138 ईस्वी में, प्रतिहार वंश के राजा रामदेव ने करवाया था। यहां एक मेला भी लगता है।
हमीरपुर के पुरातत्व स्थल:
प्राचीन इतिहास: वर्तमान समय मे, हमीरपुर ज़िले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का प्रारंभिक इतिहास, पुरापाषाण युग में खोजा जा सकता है। यह कुल्हाड़ी, हाथ की कुल्हाड़ियों और कंकड़ की चीज़ों की खोज से प्रमाणित होता है। पौराणिक परंपरा के अनुसार, सबसे पहले ज्ञात आर्य लोग जो यमुना और विंध्य के बीच स्थित इस क्षेत्र में बस गए थे, ‘चेदि’ कहलाते थे।
मध्यकाल: कुछ काल तक, इस क्षेत्र पर खंगारों और बुंदेलों का शासन रहा था। अकबर के शासनकाल (1556-1605) के दौरान, हमीरपुर ज़िले को दो सूबों के बीच विभाजित किया गया था। महोबा, मुलकिरा, मौदाहा और सुमेरपुर के परगने और अन्य क्षेत्र का काफ़ी हिस्सा, कालिंजर के सरकार और इलाहाबाद के सूबा के भीतर मौदाहा, खंडेला और महोबा के तीन महलों (राजस्व देने वाले परगना) में शामिल थे।
औरंगज़ेब के शासनकाल के दौरान, बुंदेलों के एक प्रमुख नेता – छत्र साल ने 1671 में, औरंगज़ेब के खिलाफ़ अभियान शुरू किया और धसान नदी के पूर्व में, पूरे देश पर अपनी शक्ति का विस्तार किया था। लगभग 1680 में, कालिंजर के प्रसिद्ध किले पर कब्जा करने के साथ, उन्होंने अपनी विजय पूरी की। उनकी सेनाओं ने उस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया, जिसमें अब वर्तमान ज़िला हमीरपुर शामिल है।
आधुनिक काल: 1721 में, मुहम्मद खान बंगश, जो नवाब फर्रुखाबाद के नाम से प्रसिद्ध थे, उनको इलाहाबाद का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। बुंदेलों के साथ लड़ाई में, वर्तमान ज़िले का अधिकांश क्षेत्र, 31 दिसंबर 1802 को बेसिन की संधि(Treaty of Bassein) द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिया गया था। उसी वर्ष, अंग्रेज़ों द्वारा कालपी पर कब्ज़ा करने से बुन्देलखण्ड पर ब्रिटिश कब्ज़े की प्रभावी पुष्टि हुई। तब हमीरपुर को बुन्देलखण्ड के नवगठित ज़िले में शामिल किया गया और मार्च, 1819 तक यह हमीरपुर का हिस्सा बना रहा, जब तक की वे दो अलग ज़िले बनाए गए। उत्तर में हमीरपुर सहित एक ज़िले को उत्तरी बुन्देलखण्ड या कालपी कहा जाता था और दक्षिण ज़िले को बांदा कहा जाता था।
हमीरपुर की सामाजिक-आर्थिक स्थिति:
बुनियादी विवरण
जनसंख्या
: 17,604
जनसंख्या (ज़िला क्रमांक) : 684वां
क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर) : 4,325
क्षेत्र (क्रमांक) : 270वां
कस्बों की संख्या : 446
गांवों की संख्या : 81
बोली
हिंदी बहुभाषी जनसंख्या: 16,904
अंग्रेजी बहुभाषी जनसंख्या: 1,693
पंजाबी बहुभाषी जनसंख्या: 455
हमीरपुर की मुख्य विशेषताएं: अन्य शहर/ज़िलों की तुलना:
भारत की 768 ज़िला राजधानियों में से, हमीरपुर, जनसंख्या के मामले में, 684वें स्थान पर है। भारत में हमीरपुर ज़िला जनसंख्या में 485वें और क्षेत्रफल में 270वें स्थान पर है।
भारत के औसत से बेहतर-
1. भारत के 768 शहरों/ज़िलों में से, ‘उच्च शिक्षा नामांकन के अनुसार ( यू डी आई एस ई[UDISE 2021]) में हमीरपुर तीसरा सर्वोच्च स्थान पाता है। इससे पता चलता है कि, यह ज़िला अन्य ज़िलों की तुलना में अधिक शहरीकृत है और/या इसमें बेहतर विकसित शैक्षणिक बुनियादी ढांचा है।
2. भारतीय शहर (ज़िला राजधानियों)/ज़िलों की प्रति व्यक्ति औसत जी डी पी ( आर बी आई एस सी बी 2023) 153 है। हमीरपुर 768 शहरों/ ज़िलों में से, 16वां सर्वोच्च स्थान वाला शहर है। इसका तात्पर्य यह है कि, यह ज़िला अत्यधिक शहरीकृत/उच्च सकल घरेलू उत्पाद वाला शीर्ष 40 महानगर है।
3. भारत के 768 ज़िला राजधानियों/ज़िलों में से, हमीरपुर शहर की साक्षर आबादी के सिटी एफ़ बी उपयोगकर्ताओं(City FB users) (%, एफ़ बी 2022) के अनुसार,, ये 24वें स्थान पर है। यह अन्य शहरों की तुलना में, इस शहर के लिए एफ़ बी विज्ञापन मॉड्यूल में, उच्च फेसबुक आई डी को इंगित करता है।
4. राजधानियों/ज़िलों में से गुमशुदा व्यक्तियों की संख्या ( आईपीसी 2020) के अनुसार, हमीरपुर, 452वें स्थान पर है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में, सुरक्षित ज़िले को दर्शाता है।
5. भारत के 768 शहरों/ज़िलों में से साइबर अपराधों की संख्या ( आई पी सी 2020) के मामले में, हमीरपुर 318वें स्थान पर है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में, सुरक्षित ज़िले को दर्शाता है।
6. भारतीय शहर (ज़िला राजधानियों)/ज़िलों में अपराधों की औसत संख्या ( आई पी सी 2020) 2801 है। 768 शहरों/ज़िलों में से हमीरपुर, 315वां क्रमांक वाला ज़िला है। यह अन्य ज़िलों की तुलना में, सुरक्षित ज़िले को दर्शाता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/j2mnt699
https://tinyurl.com/m6f9rs3r
https://tinyurl.com/yn3fxh2z
https://tinyurl.com/mr2utjfa

चित्र संदर्भ
1. हमीरपुर के मानचित्र और यमुना नदी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. उत्तर प्रदेश के मानचित्र में हमीरपुर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. खेत में चल रहे एक किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
4. हमीरपुर में धर्मों के विवरण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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