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भारत अपनी बिजली आपूर्ति के लिए मुख्य रूप से परमाणु, , पवन, सौर और बायोमास जैसे विभिन्न स्रोतों पर निर्भर है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में आज भी अधिकांश यानी 75% बिजली का उत्पादन कोयला संचालित थर्मल पावर प्लांटों (Thermal Power Plants) से होता है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2020 में भारत का कुल बिजली उत्पादन 103.66 बिलियन यूनिट था। थर्मल उत्पादन स्रोतों के लिए कोयले की मांग 0.64 किलोग्राम कोयला प्रति किलोवाट-घंटा होने का अनुमान है। यह अनुमान पिछले दो वर्षों (FY2021-FY2022) की औसत विशिष्ट कोयला खपत पर आधारित है!
कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों में भाप उत्पन्न करने के लिए कोयले को जलाया जाता है, फिर इस भाप का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। दुनिया की लगभग 40% बिजली इन्ही संयंत्रों से उत्पन्न होती है। दुनियाँ के कई देश जैसे कि दक्षिण अफ्रीका, अपनी 94% बिजली के लिए कोयले का उपयोग करता है, जबकि चीन और भारत अपनी बिजली की 70-75% जरूरतों के लिए कोयले पर निर्भर हैं। हालांकि, चीन की कोयले की खपत अधिकांश अन्य देशों की तुलना में कम है। कोयला संयंत्रों को बिजली पैदा करने के लिए बहुत अधिक कोयले की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, 1000 मेगावाट के कोयला संयंत्र को प्रति दिन 9000 टन कोयले की ज़रूरत पड़ती है।
ऊपर दिये गये आँकड़ों से आप यह समझ ही सकते हैं कि भारत का ऊर्जा क्षेत्र अपने ताप विद्युत संयंत्रों के लिए ईंधन के रूप में कोयले पर कितना अधिक निर्भर करता है। आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने हेतु बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने और चौबीसों घंटे बेस लोड क्षमता (Base Load Capacity) प्रदान करने के लिए कोयला आधारित बिजली संयंत्र अत्यंत आवश्यक हैं।
कोयला आज भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि यह वर्तमान में देश की आधे से अधिक प्राथमिक वाणिज्यिक ऊर्जा की आपूर्ति करता है। नीति निर्माता भविष्य में भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति के लिए कोयले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं, क्योंकि यह घरेलू स्तर पर सबसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जीवाश्म ईंधन होता है। नीति निर्माता भारत में ऊर्जा पहुंच बढ़ाने में कोयले को एक प्रमुख तत्व के रूप में देखते हैं, क्योंकि आज भी देश के एक चौथाई से अधिक हिस्से में बिजली नहीं पहुंच है। यह स्पष्ट है कि निकट से मध्यम अवधि में भारत कोयले पर महत्वपूर्ण रूप से निर्भर बना रहेगा।
आज भारत का कोयला क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी, कमजोर योजना और अंतर-एजेंसी समन्वय (Inter-Agency Coordination) तथा एकाधिकारवादी बाजार संरचना (Monopolistic Market Structure) जैसी समस्याएँ शामिल है। 2008 और 2012 के बीच भारत में कोयले से चलने वाली बिजली की उत्पादन क्षमता में लगभग 10% सालाना की वृद्धि हुई है, लेकिन कोयला उत्पादन में केवल 4% प्रति वर्ष की वृद्धि हुई है। इसी बढ़ते अंतर के कारण इस अवधि में बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 300% की वृद्धि दर्ज की गई है।
मानसून के मौसम में खदानों से उत्पादन कम हो जाता है, जिससे बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में कमी आती है। इसके परिणामस्वरूप देश भर में बिजली विनिमय और बिजली कटौती पर कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। पिछले मानसून के बाद के सीज़न में भी भारत में ऐसी ही स्थिति देखी गई थी।
हाल के वर्षों में भारत में कोयले के भंडार में जो कमी आई है, उसके पीछे कई कारण है, उनमें वितरण कंपनियों का उत्पादन कंपनियों पर उच्च बकाया, बिजली संयंत्रों में उच्च क्षमता में कमी, बिजली की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि, उच्च अंतरराष्ट्रीय कोयले की कीमतें और कोयला परिवहन से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। मानसून के बाद के मौसम में प्रत्याशित संकट से निपटने के लिए, भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें घरेलू उत्पादन और प्रेषण में वृद्धि, तैयार आयात और डिस्कॉम की तरलता में सुधार शामिल हैं। कोल इंडिया लिमिटेड और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (Coal India Limited And Singareni Collieries Company Limited) ने अपने संचयी कोयला उत्पादन और बिजली क्षेत्र को प्रेषण में वृद्धि की है। बिजली मंत्रालय ने थर्मल आधारित बिजली उत्पादन के लिए कोयले के आयात पर एक गतिशील नीति बनाए रखी है।सरकार द्वारा घरेलू कोयला आपूर्ति बढ़ाने के लिए मांग पूर्वानुमान के माध्यम से उत्पादन और प्रेषण योजना के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/nhz6upub
http://tinyurl.com/4ywnj2b9
http://tinyurl.com/3fzkb76k
http://tinyurl.com/489xaapk
चित्र संदर्भ
1. कोयला खदान में काम करते मजदूरों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. कोयला आधारित पावर स्टेशन को संदर्भित करता एक चित्रण (Construction World)
3. श्रोत के आधार पर भारत में विजली उत्पादन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. कोयले की खदान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कोयले की खदान में काम करते भारतीय परिवार को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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