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रामपुर के निकट भीमताल में जाकर समझिए पर्यावरण में तितलियों की अहमियत को

मेरठ

 08-12-2023 10:10 AM
तितलियाँ व कीड़े

यदि आपको तितलियों की सुंदरता लुभाती है, और आप भी तितलियों के संसार को नज़दीक से देखने और समझने में रूचि रखते हैं, तो आपको रामपुर के नज़दीक में बसे पहाड़ी शहर “भीमताल के तितली अनुसंधान केंद्र” से बेहतर विकल्प कहीं नहीं मिलेगा। यहां जाकर आप यह भी जान पाएंगे कि “तितलियाँ हमारे पारिस्थितिक तंत्र में कितनी अहम भूमिका निभाती हैं?”
तितलियाँ वाक़ई में अत्यंत सुंदर कीट होती हैं, जिन्हें पूरी दुनिया में देखा जा सकता है। दुनियांभर में तितलियों की 20,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, और उनमें से अधिकांश प्रजातियां उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में रहती हैं। तितलियाँ कई जानवरों, पक्षियों, छोटे स्तनधारियों और अन्य कीड़ों के लिए भोजन का एक प्रमुख स्रोत होती हैं। तितलियों की कुछ प्रजातियाँ, एफिड्स (Aphids) जैसे हानिकारक कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज वैज्ञानिक, पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत की जाँच करने के लिए भी तितलियों का अध्ययन करते हैं। दरअसल तितलियाँ हमारे पर्यावरण में हो रहे छोटे से परिवर्तन के प्रति भी बेहद संवेदनशील होती हैं। इसलिए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने के लिए भी उनका अध्ययन किया जा रहा है।
तितलियों को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए विशिष्ट परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। लेकिन इन परिस्थितियों में थोड़े बहुत बदलाव से भी तितलियों की बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है। इस प्रकार तितलियाँ पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य को समझने में एक अच्छा संकेतक साबित होती हैं। इसलिए आज वैज्ञानिक विशेष तौर पर उन तितलियों का अध्ययन कर रहे हैं, जो जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने में सक्षम हैं। यदि आप भारतीय इतिहास में गोता लगाकर देखें तो, मुगल काल तक भारतीय कला के क्षेत्र में तितलियों पर किसी का ध्यान नहीं गया। इस समय से पहले बनाई गई नक्काशी, दीवार पेंटिंग और अन्य कलाकृतियों की प्रचुरता के बावजूद, उनमें तितलियाँ बहुत कम या बिलकुल भी नहीं दिखाई देती हैं। इसी तरह, शास्त्रीय भारतीय साहित्य में भी उनके संदर्भों का अभाव नज़र आता है। हालांकि हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी में भगवान ब्रह्मा द्वारा अपने बगीचे में कैटरपिलर (Caterpillar) को तितलियों में बदलते हुए देखने का वर्णन मिलता है। इस कहानी के अनुसार एक बार ब्रह्म देव अपने उद्यान में यह देखते हैं कि कैसे कैटरपिलर खुद ही को खाते हुए, प्यूपा (Pupa) में बदल जाते हैं और अंततः तितलियों के रूप में उभर आते हैं। इस घटना को देखकर ब्रह्म देव को विश्वास हो गया कि वह अपने अंतिम अवतार में अपनी पूर्णता तक पहुँच जायेंगे। इस अनुभव ने उन्हें अपनी अंतिम पूर्णता में आत्मविश्वास से भर दिया। हालांकि, इस कहानी की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि आप भी तितलियों की दुनियाँ को क़रीब से देखने में रुचि रखते हैं, तो आपको जानकार अच्छा लगेगा कि हाल के वर्षों में, तितली पर्यटन की लोकप्रियता बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण यह है कि दुनिया भर के लोग इन खूबसूरत कीटों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने में अधिक रुचि लेने लगे हैं। लोग तितलियों में वैज्ञानिक कारणों के साथ-साथ उन्हें देखने से मिलने वाली खुशी के कारण भी रुचि रखते हैं।
यदि आप भी क़रीब से तितलियों की सुंदरता को देखने या इनके बारे में जानने में अधिक रुचि रखते हैं, तो आप हमारे रामपुर के नज़दीक में ही स्थित एक पहाड़ी क्षेत्र भीमताल में मौजूद बटरफ्लाई रिसर्च सेंटर और संग्रहालय (Butterfly Research Center And Museum) का भ्रमण कर सकते हैं। इस संग्रहालय की देखरेख पीटर स्मेटाचेक (Peter Smetacek) के द्वारा की जाती है, जो एक सम्मानित लेपिडोप्टरिस्ट (Lepidopterist) और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। इन्होंने कुमाऊं की पहाड़ियों में तितलियों के संरक्षण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। उनका बटरफ्लाई रिसर्च सेंटर और संग्रहालय, दुनिया भर के आगंतुकों को आकर्षित करता है। उनके पिता भी इसी रुचिकर काम में संलग्न थे। पीटर को जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन और प्रजातियों के अंतर्संबंध का बहुत अधिक ज्ञान है। उनका उपनाम, "बटरफ्लाई मैन (Butterfly Man)" है, जो तितलियों के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
तितली विशेषज्ञ, पीटर स्मेटाचेक ने पढ़ना सीखने से भी पहले, तितलियों की पहचान करना सीख लिया था। उनकी रुचि का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने घर को ही तितलियों को समर्पित एक संग्रहालय और अनुसंधान केंद्र में बदल दिया है। उनके संग्रह में तितलियों की कई अनूठी प्रजातियों को देखा जा सकता हैं। पीटर का पालन-पोषण उत्तराखंड के शांत झील वाले कस्बों, नैनीताल और भीमताल में हुआ और यहाँ के प्राकृतिक वातावरण में ही तितलियों के प्रति उनका प्यार परवान चड़ा था। आज, उनके पास कई प्रकाशित शोध पत्र, आज़ादी के बाद पहली भारतीय तितली सूची, भारतीय उपमहाद्वीप की स्वेलोटेल और अपोलो तितलियों (Swallowtail And Apollo Butterflies) के लिए एक मार्गदर्शिका और उनके अद्वितीय जीवन का एक संस्मरण उपलब्ध है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/9nz4nfh4
https://tinyurl.com/3fjvbra9
https://tinyurl.com/345vvrsj
https://tinyurl.com/4nbpwpbp
https://tinyurl.com/295ayezf

चित्र संदर्भ
1. तितलियों के संग्रह को संदर्भित करता एक चित्रण (pixels)
2. फूल पर बैठी तितली को संदर्भित करता एक चित्रण (Environment America)
3. तितली के जीवन के विभिन्न चरणों को संदर्भित करता एक चित्रण (publicdomainpictures)
4. तितलियों के संग्रह को संदर्भित करता एक चित्रण (pixels)
5. पीटर स्मिटाचेक और उनके तितली संग्रह को दर्शाता चित्रण (youtube)
6. तितली अनुसंधान केंद्र के बोर्ड को दर्शाता चित्रण (flickr)

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