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इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle (EV) की बिक्री को लेकर इस वर्ष 2023 के पहले ही तीन महीनों में जो आंकड़े सामने आए हैं उन्हें देखकर भारत में वर्ष 2023 को ईवी की बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ वर्ष के रूप में देखा जा सकता है । इस साल जनवरी महीने से ही भारतीयों द्वारा अब तक 2.78 लाख इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा चुके हैं, अर्थात हर महीने औसतन 90,000 से भी ज्यादा ईवी की बिक्री भारत में हुई हैं। हालांकि, इस संख्या को बनाए रखने हेतु भारत को कुछ कदम भी उठाने होंगे। हमें अपने शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए ईवी की संख्या बढ़ाने हेतु, प्रमुख महानगरों में सामुदायिक चार्जिंग स्टेशनों (Charging station) का एक विशाल तंत्र बनाना होगा। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेष रूप से दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों, की खरीद के मामले में यह एक कठिन कार्य है, जैसा कि इनकी खरीद के मामले में एक बड़ा अंतर आज भी मौजूद है।
2025 तक, भारत में बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 6% से अधिक होने की उम्मीद है। ईवी खरीद के मामले में, तिपहिया वाहन 4% हिस्सेदारी के साथ ईवी बाजार का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके बाद दोपहिया वाहन (3.5%) और यात्री वाहनों (1.3%) का क्रमांक है। सरकार चार्जिंग स्टेशनों के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विशेष ध्यान देने के साथ ‘फेम 1’ (FAME1) और ‘फेम 2’ (FAME2) जैसी योजनाओं के माध्यम से ईवी उद्योग का समर्थन कर रही है। सरकार ने 2030 तक सभी वाणिज्यिक वाहनों की 70%, निजी कारों की 30%, बसों की 40% एवं दोपहिया और तिपहिया वाहनों की 80% बिक्री ईवी के माध्यम से करने का लक्ष्य रखा है।
ईवी बिक्री के संदर्भ में ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय’ द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, 2021 में भारत में ईवी पंजीकरण केवल 3.29 लाख था, जो 2022 में लगभग तीन गुना बढ़कर 10.20 लाख हो गया। जबकि इस साल 2023 में 15 मार्च तक मात्र 2.5 महीनों में भारतीयों ने कुल 21.70 लाख इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे हैं, जिसमें भी सबसे अधिक ईवी की खरीदारी के साथ हमारा उत्तर प्रदेश राज्य देश में सर्वोच्च क्रमांक पर है। राज्य में केवल तीन महीनों के भीतर ही 4.65 लाख ईवी पंजीकृत किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र राज्य में 2.26 लाख ईवी पंजीकरण हुए हैं, जबकि दिल्ली में लगभग 2.03 लाख ईवी पंजीकृत हुए हैं। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में चारपहिया यात्री वाहन खंड में टाटा मोटर्स (Tata Motors) का दबदबा है। टाटा की इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में हिस्सेदारी 80% से अधिक है। इलेक्ट्रिक दोपहिया खंड में हीरो (Hero), ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric), एथर एनर्जी (Ather Energy) और ओकिनावा ऑटोटेक (Okinawa Autotech) जैसे निर्माता कुछ प्रमुख कंपनियां हैं।
यदि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे की बात की जाए तो 2022 के अंत तक, भारत में 2,700 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और 5,500 चार्जिंग कनेक्टर (Charging connecter) थे। कुछ अनुमानों के अनुसार, 2025 के अंत तक देश में 10,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन होने की संभावना है। जबकि, देश को 2030 तक लगभग 20.5 लाख चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता हो सकती है। हमें इस विशाल लक्ष्य को उस समय तक ईवी की बिक्री में वृद्धि के साथ–साथ ही पूरा करना होगा। 2020 से भारत में हर साल ईवी की बिक्री ऊंचाइयां छू रही हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों की बदलती मानसिकता को दर्शाता है।
जैसे-जैसे ईवी की मांग बढ़ेगी, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत भी बढ़ेगी। क्योंकि चार्जिंग किए बिना आपके इलेक्ट्रिक वाहनों का कोई मोल नहीं हैजैसे- जैसे ईवी क्षेत्र में उद्योग और सेवाएं समृद्ध होंगी, सुलभ, सस्ती और विश्वसनीय चार्जिंग की मांग भी बढ़ेगी। भारत में अब तक 60 से अधिक शहरों में 7,000 से अधिक चार्जर संयंत्र है, और वर्ष 2023 के अंत तक देश भर में 20,000 ईवी चार्जर स्थापित करने की योजना है। अतः अब ईवी चार्जिंग के लिए समाधान और इसके रखरखाव की मांग को पूरा करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों के साथ काम किया जा रहा है।
चार्जिंग के प्रकार के संदर्भ में, भारत में ईवी बाजार में वर्तमान में फास्ट चार्जिंग (Fast charging) ईवी के लिए सीमित क्षमताएं हैं। भविष्य में चार्जिंग के बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए कार्यस्थलों, शॉपिंग मॉल और रेस्तरां में 3-22 किलोवाट तक क्षमता के चार्जर द्वारा पूरक सार्वजनिक फास्ट चार्जिंग की आवश्यकता होगी। अतः अब सरकार का लक्ष्य, कंपनियों के साथ साझेदारी करके पूरे भारत में 1 लाख से अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए ईवी चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत करने पर केंद्रित है।
इलेक्ट्रिक वाहनों तथा उनके चार्जिंग स्टेशनों के विषय में एक और मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ हैं कि क्या ईवी और चार्जिंग स्टेशन वास्तव में शून्य कार्बन उत्सर्जन का दावा कर सकते है? प्रश्न यह भी है कि क्या ईवी पर्यावरण के अधिक अनुकूल हैं? इलेक्ट्रिक वाहन स्थानीय बिजली संयंत्र द्वारा नियमित चार्जिंग पर निर्भर करते हैं। किंतु क्या आप जानते हैं कि ऊर्जा प्रदान करने वाले यह बिजली संयंत्र कार्बन उत्सर्जन मुक्त नहीं हैं। भारत और विश्व के तमाम देशों में आज भी बिजली उत्पादन प्रदूषण एवं कार्बन उत्सर्जन के लिए काफी हद तक ज़िम्मेदार है। ज्यादातर देशों में आज भी खपत की जाने वाली ऊर्जा में से केवल कुछ का ही उत्पादन कम प्रदूषण करने वाले तरीको से होता है।
हालांकि, यदि तुलनात्मक रूप से देखा जाए, तो फिर भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां पर्यावरण के लिए बेहतर हैं। देश का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं हैं जहां इलेक्ट्रिक वाहनों का कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)उत्सर्जन एक पेट्रोल या डीजल पर चलने वाले वाहन की तुलना में अधिक हो। इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा बहुत ही कम मात्रा में या कहें तो न के बराबर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन किया जाता है ।अतः यह निश्चित है कि ईवी कम से कम शहरों की स्थानीय वायु गुणवत्ता में तो सुधार कर ही सकते हैं।
हालांकि, कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस (Green House Gas) है, और यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है किंतु पेट्रोल और डीजल वाहनों द्वारा तो नाइट्रोजन (Nitrogen) और सल्फर (Sulphur) जैसे यौगिकों का उत्सर्जन किया जाता हैजो अम्लीय वर्षा में योगदान करते हैं और छोटे हवाई कणों का निर्माण कर वायु की गुणवत्ता को खराब करते हैं। यह अस्थमा सहित स्ट्रोक (Stroke), हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और श्वसन रोगों में भी योगदान करते हैं। वायु प्रदूषण की बढ़ती चिंताओं के कारण ही, चीनी सरकार ने भी बार-बार इलेक्ट्रिक वाहनों को विकसित करने की घोषणा की है।
इलेक्ट्रिक वाहनों तथा इसके लिए लगने वाले चार्जिंग स्टेशनों के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भारत सतत कार्यरत है। ईवी की बिक्री की बढ़ती वर्तमान दर, हमें जल्द ही उचित चार्जिंग स्टेशनों के ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। थोड़े प्रदूषण के बावजूद भी, ईवी का वायु तथा ध्वनि प्रदूषण में कम योगदान है; और यह बात लोगों को इनकी तरफ आकर्षित कर रही है।
संदर्भ
https://bit.ly/3G50yja
https://bit.ly/40TuNkV
https://bit.ly/40SavIt
चित्र संदर्भ
1. एक कार चार्जिंग स्टेशन को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
2. टाटा की इलेक्ट्रिक कार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ओला इलेक्ट्रिक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. बेगमपेट, हैदराबाद में इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कार चार्जिंग स्टेशन को दर्शाता चित्रण (Architecture & Design)
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