Post Viewership from Post Date to 12-Oct-2022 (31st)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1476 1476

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

रामपुर से निर्यात होती वस्तुओं को बंदरगाहों तक कैसे पहुँचाया जाए लागत प्रभावी रूप में?

मेरठ

 09-11-2022 11:31 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

भारत को खेती-किसानी का देश भी कहा जाता है। किंतु फसल की भरपूर उपलब्धता होने के बावजूद, देश के दूर-दराज क्षेत्रों में खाद्य संकट अभी भी स्थिर बना हुआ है। इसका एक बड़ा कारण उन दूरगामी क्षेत्रों तक परिवहन संचार का आभाव भी है। हालांकि भारत सरकार की कई महत्कांक्षी योजनाएं, न केवल राष्ट्रिय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी परिवहन और खाद्य संकट को दूर करने में अहम् भूमिका निभा सकती हैं।
परिवहन या गतिशीलता किसी भी देश के विकास की रीढ़ मानी जाती है। भारत के परिवहन और रसद क्षेत्र ने, कोविड-19 के दौरान यानी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच भी देश भर में आपातकालीन यात्री परिवहन, आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परिवहन और रसद सुलभ करने, बुनियादी ढांचे में निवेश और तकनीकी अपनाने के कारण, पैदल चलने वालों, अंतिम मील कनेक्टिविटी (Last Mile Connectivity) तथा बेहतर शहरी संयोजकता डिजाइन का मार्ग प्रशस्त होगा। #१ सड़कें: सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह औद्योगिक समूहों के साथ जुड़ाव, समय सीमा, टिकट आकार, उनके आर्थिक महत्व और परियोजना स्थल पर श्रमिकों की उपस्थिति जैसे मापदंडों के आधार पर राजमार्ग परियोजनाओं को प्राथमिकता दे। #२ रेलवे: सड़कों की ही भांति, रेलवे परियोजनाओं पर भी काम पहले से ही चल रहा है। महामारी के बाद, सड़क और रेलवे के खाते में कोई बड़ा निवेश आने की उम्मीद है। #३.बंदरगाह: सरकार द्वारा देश में प्रमुख बंदरगाहों के आसपास की भूमि के मुद्रीकरण को प्राथमिकता देने की संभावना है। #४.हवाई अड्डे: नवी मुंबई हवाई अड्डे और मोपा हवाई अड्डे के साथ-साथ विलंबित परियोजनाओं जैसी, बड़े पैमाने पर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होगी।
लॉजिस्टिक्स (logistics) यानी परिवहन एक ऐसा कारक है, जो भारत को व्यापार के क्षेत्र में असहजता के सूचकांक में सबसे ऊपर रखता है। भारत जैसे विशाल देश में लॉजिस्टिक्स के माध्यम से माल की आवाजाही काफी महंगी और अक्षम साबित हो जाती है। हालांकि देश की कुल रसद लागत, सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 14% है, जो कई अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है। सड़क की तुलना में रेल द्वारा माल परिवहन की लागत 45% (प्रति टन, प्रति किमी के आधार पर) कम होती है, लेकिन रेल परिवहन में अक्षमताओं के कारण पूरे देश में तीन-चौथाई माल सड़क मार्ग से ही भेजा जाता है। हालांकि सरकार इस समस्या का भी एक समाधान लेकर आई है, जिसे नाम दिया गया है, मल्टी- मोडल लॉजिस्टिक पार्क (Multi-Modal Logistics Park (MMLP)
दरसल एमएमएलपी (MMLP), देश के विभिन्न लॉजिस्टिक्स केंद्रों में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने हेतु सरकार द्वारा समर्थित एक लॉजिस्टिक कार्यक्रम है। इस पहल का नेतृत्व सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। एमएमएलपी के विकास से परिवहन क्षेत्र को जबरदस्त लाभ मिलने की उम्मीद है। जिसके अंतर्गत कम समग्र माल ढुलाई लागत, कम भंडारण लागत, वाहनों से होने वाले प्रदूषण और भीड़भाड़ में कमी, परिवहन खेपों की ट्रैकिंग और पता लगाने की क्षमता आदि शामिल हैं। इन पार्कों की व्यवस्था को समझने के लिए भारत में कपड़ा, फर्नीचर आदि के निर्यात के एक प्रमुख उत्पादन केंद्र जोधपुर, राजस्थान को उदाहरण के तौर पर लेते हैं। अभी तक, जोधपुर में तीन अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (Inland Container Depot (ICD) हैं, लेकिन इनमें से केवल एक डिपो ही रेल नेटवर्क से जुड़ा है, जिस कारण यहाँ ट्रेनों की आवाजाही भी कम है। वहीं पर आईसीडी ऐसे बंदरगाह की भांति होते हैं, जो कंटेनरों में लाए गए कार्गो (Cargo) को संभालने और अस्थायी रूप से स्टोर करने के लिए सुसज्जित होते हैं। चूंकि केवल एक डिपो में रेल संपर्क अनियमित होता है, इसलिए निर्यातक रेल द्वारा परिवहन की प्रतीक्षा करने के बजाय सड़क मार्ग से माल को निकटतम बंदरगाह तक भेजना पसंद करते हैं। इससे समय की बचत होती है लेकिन लागत अधिक होती है।
नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) (Names should always start with capital letters) के कार्यकारी निदेशक राजीव विजय के अनुसार, ट्रकों के साथ समय पर माल पहुंचने की निश्चितता होती है, जबकि रेल परिवहन में देरी का खतरा होता है। “लेकिन यदि जोधपुर में एक MMLP आता है, तो यह न केवल निर्यातकों के लिए लॉजिस्टिक्स की लागत को कम कर देगा बल्कि मांग के एकत्रीकरण में भी मदद करेगा। यह पार्क बेहतर ट्रेन सेवाओं, आधुनिक उपकरणों का उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज सुनिश्चित करेगा जो मैन्युअल रूप से फॉर्म भरने की आवश्यकता को भी समाप्त कर देगा। इसलिए, उत्पादन केंद्र से बंदरगाहों तक माल ले जाने की पूरी प्रक्रिया में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। केवल निर्यात के लिए ही नहीं, एमएमएलपी अंतर्देशीय मांग के लिए कंटेनरों को बंदरगाहों तक ले जाने की सुविधा भी प्रदान करेगा। अभी तक, अंतर्देशीय (जैसे दिल्ली और बैंगलोर, या दिल्ली और चेन्नई) के बीच माल की आवाजाही, आमतौर पर कंटेनरों के माध्यम से नहीं की जाती है। लेकिन एमएमएलपी के साथ, कंटेनर की आवाजाही में तेजी आएगी।
एक अन्य उदाहरण के तौर पर उत्तराखंड के एक अन्य उत्पादन केंद्र, पंतनगर को ले सकते हैं, जिसमें कई कंपनियां (फार्मा, ऑटोमोबाइल आदि) हैं, जिन्हें बंदरगाहों तक माल को पहुचाने के लिए कुशल और कम लागत वाले परिवहन की आवश्यकता होती है। लेकिन एमएमएलपी जैसी एकीकृत सुविधा के अभाव में, ट्रक के लोड माल को पहले नोएडा के दादरी या दिल्ली के तुगलकाबाद तक की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। वहां से उन्हें मालगाड़ियों से मुंद्रा बंदरगाह के लिए रवाना किया जाता है। जोधपुर की तरह, पंतनगर में भी एक आईसीडी है, लेकिन यहां भी फिर से ट्रेनों की आवृत्ति कम है और मुंद्रा से लगभग 2,000 किमी की दूरी का मतलब है कि सड़क के माध्यम से माल की आवाजाही व्यवहार्य नहीं है। इसलिए सड़क और रेल दोनों मार्गों का उपयोग करना पड़ता है।
एमएमएलपी के अन्य लाभ भी हैं:
कम वेयरहाउसिंग शुल्क (Low Warehousing Charges): क्योंकि ये पार्क आमतौर पर शहर की सीमा के बाहर स्थित होते हैं जहां भूमि की लागत कम होती है अतः इससे व्यस्त शहर की सड़कों पर माल ढुलाई में कमी होगी, जिससे लागत और प्रदूषण भी कम होगा । साथ ही बड़े ट्रकों में माल की आवाजाही माल ढुलाई की कुल लागत को भी कम करेगी। यह नई राष्ट्रीय रसद नीति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य बिंदु ए से बिंदु बी तक सबसे सस्ते तरीके से माल परिवहन की एक प्रणाली बनाना है। एमएमएलपी से उम्मीद की जाती है कि वह अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ आधुनिक और मशीनीकृत हैंडलिंग बुनियादी ढांचे की उपस्थिति के कारण हैंडलिंग लागत को कम करेगा।
पार्क अन्य चीजों के अलावा मशीनीकृत वेयरहाउसिंग सेवाएं भी प्रदान करेंगे। उदाहरण के लिए, जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के भंडारण के लिए कोल्ड चेन (Cold Chain) उपलब्ध होंगे, पैकेज और परिधान के लिए रैक्ड वेयरहाउसिंग सुविधाएं (Racked Warehousing Facilities) उपलब्ध होंगी। देश का पहला मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक पार्क चेन्नई में आ रहा है। बोली प्रक्रिया, जिसमें निजी कंपनियों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था, वह इस साल अगस्त में बंद हो गई। यह पार्क 153 एकड़ भूमि में फैला होगा और ऐसे 35 पार्कों में से पहला होगा जिसे सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी, PPP, Public Private Partnership) मोड के तहत बनाना चाहती है। देश भर में ऐसे कई पार्कों के निर्मित करने की योजना है, उनसे भारत में कुल सड़क माल ढुलाई का लगभग 50% पूरा करने की उम्मीद है, जिससे निर्बाध इंटर मोडल फ्रेट ट्रांसफर (Inter modal freight transfer) सक्षम हो सकेगा। सरकार की एक अन्य पहल, जैसे कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में एक डिवीजन स्थापित करना, एक राष्ट्रीय वस्तु और सेवा कर (GST) शुरू करना और रसद को बुनियादी ढांचा का दर्जा देना, परिवहन अक्षमताओं को कम करने में मदद कर सकता है। लीड समय में कम परिवर्तनशीलता और उच्च सेवा स्तरों के साथ एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला, इन्वेंट्री लागत (Inventory Cost) को भी 50-70% तक कम कर सकती है।

संदर्भ

https://bit.ly/3fzgbFx
https://bit.ly/3hfXLKn
https://bit.ly/2pytLeO

चित्र संदर्भ
1. एक ट्रक और बंदरगाह को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. हाईवे में चल रहे ट्रकों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक कार्गो ट्रैन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. मुंद्रा पोर्ट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. हवाई अड्डे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. लॉजिस्टिक पार्क को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. लॉजिस्टिक माध्यमों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. वेयरहाउस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id