Post Viewership from Post Date to 23-Nov-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1464 159 1623

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

जीवनदायक हेलिओस अर्थात सूर्य देव का ग्रीस व रोम से लेकर एशियाई बौद्ध धर्म में संबंध

लखनऊ

 23-10-2023 09:57 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

कुछ महत्त्वपूर्ण ग्रीक पौराणिक कथाओं (Greek mythology) के अनुसार, हेलिओस(Helios)हमें जीवन प्रदान करने वाले एवं मौसम में बदलाव के लिए, ज़िम्मेदार और इसलिए पूज्यनीय सूर्य के देवता थे। कलाकृतियों में वह आकाश में घोड़े से सुसज्जित अपने रथ पर सवार होकर दिखाई देते था तथा अन्य देवी-देवताओं के जीवन की कई प्रमुख घटनाओं का प्रत्यक्ष गवाह भी थे । दरअसल, सूर्य देवता– हेलिओस को आम पृष्ठ भूमि में, एक विद्यमान देवता के रूप में चित्रित किया गया था, जो पृथ्वी और स्वर्ग दोनों में होने वाली हर गतिविधि और प्रतिकिया के गवाह थे । क्योंकि,हेलिओस अपनी दैनिक दिनचर्या का पालन हमेशा सुनिश्चित करते थे । हेलिओस के माता-पिता, प्रकाश के देवता–टाइटन्स हाइपरियन(Titans Hyperion) और दृष्टि की देवी– थिया(Theia) थे। उनकी बहनें सेलीन(Selene)(चंद्रमा) और ईओस(Eos)(Dawn)(उषा) थीं। ग्रीक पौराणिक कथाओं के स्वर्ण युग में जन्मे, हेलिओस, सूर्य के देवता के रूप में, दुनिया में प्रकाश लाने के लिए जिम्मेदार थे। उनका नाम लैटिन(Latin) भाषा में, हेलियस(Helius) के रूप में है, तथा इसे अक्सर ही, हाइपरियन(Hyperion)(“ऊपर वाला”) और फेथॉन(Phaethon)(“चमकदार”) यह विशेषण दिए जाते हैं।
भगवान हेलिओस के प्रेमियों में, एक महासागरीय जल-अप्सरा –पर्से(Perse), जिन्हें कुछ पौराणिक स्रोत उनकी पत्नी कहते हैं, और क्लाइमीन(Clymene) तथा क्रेते(Crete) एवं रोड्स(Rhodes) नामक अप्सराएं शामिल थीं। पर्से के साथ उनकी बेटियों में, प्रसिद्ध जादूगरनी– सिर्से(Circe) तथा पासिफे(Pasiphae) शामिल हैं। जबकि, पर्से के साथ उनके दो बेटे कोल्चिस (Kolchis/Colchis) के राजा एइतेस(Aietes)या ऐटे(Aeete) तथा फारस(Persia) के राजा पर्सेस (Perses) थे।
इसके साथ ही, फ़ेथोन(Phaethon) उनका एक और बेटा था, जो अप्सरा क्लाइमीन(Clymene) के गर्भ से जन्मा था। जबकि, क्लाइमीन से ही, उन्हें तीन(या कुछ स्रोतों के अनुसार, पांच) बेटियां थीं, जिन्हें सामूहिक रूप से हेलियड्स(Heliades) के नाम से जाना जाता था। इन संततियों के अलावा, रोड्स अप्सरा से हेलिओस देवता के सात बेटे तथा इलेक्ट्रियोन(Electryone)नामक एक बेटी भी थी। हेलिओस तब सभी प्रकार की ग्रीक कला में दिखाई देते थे। ग्रीक पौराणिक कथाओं, कविता और साहित्य में, हेलिओस का प्रमुख रूप में, उल्लेख किया गया है। उन्हें आम तौर पर, सूर्य की किरणों का मुकुट पहने या चमकीले, घुंघराले बालों वाले एक युवा व्यक्ति के रूप में चित्रित किया जाता है। साथ ही, उनकी भेदी आंखे उनकी पूरे विश्व को देखने वाली दृष्टि की किंवदंतियों को दर्शाती हैं। प्राचीन ग्रीक चित्रण में, इन सूर्य देवता हेलिओस को आमतौर पर, भगवान होने के नाते, उपयुक्त परिधान में भी चित्रित किया जाता था। जबकि, देवता हेलिओस के लिए एक सरल ग्रीक प्रतीक, एक बड़ी एवं आभायुक्त आंख है।
हालांकि, कला में हेलिओस का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण रोड्स का कोलोसस(Colossus of Rhodes) था। यह उनकी एक विशाल प्रतिमा थी, जो दरअसल, प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यों में से भी एक थी (Seven Wonders of the World)। इसका निर्माण 304 और 280 ईसा पूर्व के बीच किया गया था, हालांकि, 228 या 226 ईसा पूर्व में आए एक भूकंप के दौरान यह ढह गई थी। यद्यपि, हेलिओस शास्त्रीय ग्रीस(Greece) में अपेक्षाकृत छोटे देवता थे। हालांकि, रोमन काल(Roman period) के कई प्रमुख सौर देवताओं, विशेष रूप से,अपोलो(Apollo) और सोल(Sol) के साथ, उनकी पहचान के कारण, प्राचीन काल में उनकी पूजा और अधिक प्रमुख हो गई थी। क्या आप जानते हैं कि, हेलिओस का हमारे देश भारत एवं मध्य एशिया(Asia)से भी संबंध है। टोरंटो(Toronto) के रॉयल ओन्टारियो संग्रहालय (Royal Ontario Museum, Canada) में बोधिसत्व सिद्धार्थ की गांधार प्रतिमा, एक शिरोभूषण पहने हुए है।इस शिरोभूषण में बोधिसत्व के स्वरूप में, सूर्य देवता को दर्शाया गया है, जो ‘अभयमुद्रा– निर्भयता के संकेत’ का प्रदर्शन करते हुए, चार घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले एक रथ में खड़े हैं।
बौद्ध अर्थों के साथ, ग्रीक हेलिओस तथा हमारे भारतीय सूर्य देवता की यह समन्वित छवि ‘गांधार कला’ की अंतर-सांस्कृतिक प्रकृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मध्य भारत और गांधार में, सूर्य-देवता की कल्पना का विकास ब्रह्मांड के निर्माता और सभी जीवन के स्रोत के रूप में, सूर्य और हेलिओस की पूजा के कारण हुआ। यह उल्लेखनीय समकालिक छवि, कुषाण काल में शायद एक बुद्ध के रूप में या फिर एक बौद्ध प्रतीक के रूप में उभरी थी। भारत, मध्य एशिया और चीन(China) में, सूर्य देवता का सबसे पहला प्रतिनिधित्व बौद्ध संदर्भ में ही हुआ था। बोधगया बिहार के महाबोधि मंदिर की रेलिंग(Railing) में, भज विहार गुफा में, और जमालपुर में हुविस्का विहार के लिंटेल(Lintel)में,सूर्य देवता को बुद्ध की ‘अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने की उपलब्धि’ के साथ समन्वयित किया गया है। ‘इसी तरह, सूर्य देव ने बोधिसत्व के समान कपड़े पहने, लेकिन भारतीय सूर्य देव के स्वरूप में और रॉयल ओन्टारियो संग्रहालय में बोधिसत्व सिद्धार्थ के शिरोभूषण में, ग्रीक हेलिओस का रूप धारण किया है। दूसरी ओर, बामियान(Bāmiyan) में सूर्य देव ने ईरानी(Iranian) मिथ्रा(Mithra) का रूप धारण किया है, जो ‘भ्रम के अंधेरे को दूर करने के लिए, इस दुनिया में चमकने वाले’ बुद्ध का प्रतीक है।
ग्रीक सूर्य देवता– हेलिओस की उत्पत्ति और ग्रीस से मध्य एशिया में गांधार तक, उनकी प्रतिमा विज्ञान के प्रसार के साथ-साथ, भारत में सूर्य या आदित्य के प्रतिमा विज्ञान की उत्पत्ति और विकास का विश्व में अतः कई अभ्यासकों ने संक्षेप में अध्ययन किया है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/36p5z8f9
https://tinyurl.com/yrn3vuey
https://tinyurl.com/5x48cxnm
https://tinyurl.com/4anz6xh7

चित्र संदर्भ
1. हेलिओस की भित्ति चित्रकला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. टेराकोटा डिस्क पर हेलिओस की पेंटिंग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बुडापेस्ट के स्ज़ेचेनी बाथ के प्रवेश कक्ष के गुंबद पर हेलिओस और रथ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. कला में हेलिओस का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण रोड्स का कोलोसस(Colossus of Rhodes) था। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. गांधार बुद्ध को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id