Post Viewership from Post Date to 22-Nov-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2302 148 2450

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

प्राचीन मिस्रवासी ‘रा’ नामक सूर्य देवता का क्यों करते थे पूजन?

लखनऊ

 23-10-2023 10:00 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

रोज आकाश में तेज बिखेरने वाला, सूर्य जीवन दाता है। वह हम मनुष्यों द्वारा उगाई गई फसलों के पकने को नियंत्रित करता है। सूर्य के जीवनदायी गुणों के कारण ही, प्राचीन मिस्रवासी(Ancient Egyptians) सूर्य को देवता के रूप में पूजते थे। ब्रह्मांड के निर्माता और जीवन के दाता, सूर्य या ‘रा(ra)’ जीवन, गर्मी और विकास का प्रतिनिधित्व करते थे। इसलिए, लोगों पर सूर्य का गहरा प्रभाव था, जिसके कारण वे मिस्र के सभी देवताओं में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक बन गए और यहां तक कि, उन्हें देवताओं का राजा भी माना जाता था। प्राचीन मिस्रवासी सूर्य की व्यापक रूप से पूजा करते थे। रा देवता का सिर बाज़ पक्षी का तथा वह अपने सिर पर सूर्य चक्र धारण करते थे। मिस्र में भगवान रा सूर्य का अवतार है। लेकिन, यहां कुछ अन्य सूर्य-देवता भी मौजूद हैं। कभी-कभी उगते सूरज खेपरी (Khepri) और डूबते सूरज अतुम(Atum) के बीच भी,अंतर किया जाता है।साथ ही, होरस(Horus) भगवान में भी सौर गुण हैं। जबकि, भगवान अमुन(Amun) मूल रूप से एक छोटे देवता थे, लेकिन बाद में,उन्हें भी प्रमुखता से,रा देवता के साथ पहचाना गया। इन देवताओं के अलावा, कुछ देवियां भी सूर्य से जुड़ी थीं। हैथोर(Hathor)सूर्य, प्रसन्नता और मातृत्व की देवी है। जबकि, सेख्मेट(Sekhmet) औषधि और सूर्य की देवी हैं।
प्राचीन मान्यताओं में यह भी कहा जाता है कि,रा ने दो अन्य देवताओं को उत्पन्न किया था। इन दोनों के विवाह के पश्चात, इनसे अन्य देवताओं का जन्म हुआ।
रा देवताओं और मनुष्यों का पहला शासक था। हालांकि, लोगों के एक समूह ने, उसके विरुद्ध विद्रोह किया था।इसलिए, उसने उन्हें रोकने के लिए, अपनी बेटी सेख्मेट को भेजा था। इस घटना एवं सेख्मेट से संबंधित कुछ अन्य मिथक भी प्राचीन मिस्र में प्रचलित थे।
एक सूर्य देवता के रूप में, रा को हर दिन स्वर्ग पार करना पड़ता है। सूर्यास्त के समय, नट(Nut)– रा की पोती, जिससे रा को प्यार था, उसे निगल लेती है और रात के दौरान वह उसके शरीर में घूमता रहता है। जबकि, भोर में वह अंततः नट की योनि से बाहर निकल जाता है, और एक नए दिन की शुरुआत करता है। हर दिन, रा “सौर नौकाओं” में विशाल आकाश को पार करता था। रा देवता के पास हेलियोपोलिस(Heliopolis) नामक एक पवित्र शहर भी था, जहां एक महान मंदिर उन्हें समर्पित था। हालांकि, अब वह मंदिर अस्तित्व में नहीं है। इस शहर में उन्हें प्रथम देवता माना जाता था।हेलियोपोलिस, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘सूर्य का शहर’, होता है, प्राचीन मिस्र का  एक प्रमुख शहर था। यह अब काहिरा(Cairo) के उत्तरपूर्वी जिले,ऐन शम्स(Ayn Shams) में स्थित है।हेलिओपोलिस प्राचीन मिस्र के सबसे पुराने एवं धार्मिक शहरों में से एक था, जिस पर प्रागैतिहासिक मिस्र का कब्ज़ा था। पूर्व और मध्य साम्राज्यों के तहत, इसका काफी विस्तार हुआ था।हालांकि, आज इसका अधिकतर हिस्सा नष्ट हो चुका है। क्योंकि, इसके मंदिरों और अन्य इमारतों को मध्ययुगीन काहिरा के निर्माण के लिए, नष्ट कर दिया गया था। अतः अब इस प्राचीन शहर के बारे में, अधिकांश जानकारी केवल मौजूद अभिलेखों से मिलती है। जैसे कि हमनें देखा हैं, यह मुख्य रूप से सूर्य देवता एटम(Atum) के पंथ केंद्र के रूप में, उल्लेखनीय था, जिसे बाद में,रा और फिर होरस के रूप में, पहचाना जाने लगा था। इस शहर के प्राथमिक मंदिर को ग्रेट हाउस(Great House) के नाम से जाना जाता था। इसके पुजारियों का कहना था कि, एटम या रा पहला जीव था, जो प्राचीन जल से स्वयं निर्मित हुआ था।
यहां पांचवें राजवंश(Dynasty V) के दौरान रा पंथ के महत्व में गिरावट के कारण, एननेड(Ennead) का विकास हुआ था। एननेड मिस्र के नौ प्रमुख देवताओं का एक समूह था, जिसने दूसरों को रा या एटम के अधीनस्थ स्थिति में रखा। रा के उच्च पुजारियों को अन्य देवताओं के समान अच्छी तरह से प्रलेखित नहीं किया गया है, हालांकि छठे राजवंश(Dynasty VI)(लगभग  2345 से लगभग  2181 ईसा पूर्व) के उच्च पुजारियों के बारे में, खोज की गई है।
कहा जाता है कि, रा ने निर्मित दुनिया के सभी हिस्सों पर शासन किया था। फिर चाहे वह, आकाश हो, पृथ्वी हो या फिर पाताल हो, सभी हिस्से रा के शासन में थे।साथ ही, ऐसा माना जाता है कि, उसने प्राचीन मिस्र के पहले फिरौन(Pharaoh) अर्थात प्राचीन मिस्र के सम्राट, के रूप में भी शासन किया था। और वह सूर्य के देवता के साथ ही, व्यवस्था, राजाओं और आकाश के भी देवता थे। माना जाता है कि, जीवन के सभी रूपों का निर्माण भी रा द्वारा ही किया गया था। कुछ स्रोतों के अनुसार, मनुष्य रा के आंसुओं और पसीने से बने थे।इसी लिए, मिस्रवासी खुद को “रा के मवेशी(Cattle of Ra)” कहते हैं। दिव्य गाय के एक मिथक में, यह बताया गया है कि, कैसे मानव जाति ने रा के खिलाफ साजिश रची थी।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mshwb7j4
https://tinyurl.com/25e98vxj
https://tinyurl.com/ycbb884s
https://tinyurl.com/32njhxsd

चित्र संदर्भ
1. ‘रा’ नामक सूर्य देवता को संदर्भित करता एक चित्रण (worldhistory)
2. रा देवता का सिर बाज़ पक्षी का तथा वह अपने सिर पर सूर्य चक्र धारण करते थे। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. अपने कई रूपों में से एक में, रा के सूर्य के देवता स्वरूप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. फैले हुए पंख वाले बाज़ के रूप में रा के आभूषण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. रा और आमोन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • समय की कसौटी पर खरी उतरी है लखनऊ की अवधी पाक कला
    स्वाद- खाद्य का इतिहास

     19-09-2024 09:28 AM


  • नदियों के संरक्षण में, लखनऊ का इतिहास गौरवपूर्ण लेकिन वर्तमान लज्जापूर्ण है
    नदियाँ

     18-09-2024 09:20 AM


  • कई रंगों और बनावटों के फूल खिल सकते हैं एक ही पौधे पर
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:18 AM


  • क्या हमारी पृथ्वी से दूर, बर्फ़ीले ग्रहों पर जीवन संभव है?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:36 AM


  • आइए, देखें, महासागरों में मौजूद अनोखे और अजीब जीवों के कुछ चलचित्र
    समुद्र

     15-09-2024 09:28 AM


  • जाने कैसे, भविष्य में, सामान्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, पार कर सकता है मानवीय कौशल को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:23 AM


  • भारतीय वज़न और माप की पारंपरिक इकाइयाँ, इंग्लैंड और वेल्स से कितनी अलग थीं ?
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:16 AM


  • कालिदास के महाकाव्य – मेघदूत, से जानें, भारत में विभिन्न ऋतुओं का महत्त्व
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:27 AM


  • विभिन्न अनुप्रयोगों में, खाद्य उद्योग के लिए, सुगंध व स्वाद का अद्भुत संयोजन है आवश्यक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:19 AM


  • लखनऊ से लेकर वैश्विक बाज़ार तक, कैसा रहा भारतीय वस्त्र उद्योग का सफ़र?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:35 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id