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सनातन संस्कृति में मंदिर अति विशेष महत्व रखते हैं। मंदिर ऐसे पवित्र स्थल होते हैं। जहां हिंदू अनुयायी ईश्वर की पूजा करने और उसके साथ एकात्म होने लिए जाते हैं। जब परिस्थितियां कठिन हो जाती हैं और संभाले नहीं संभलती। तो उस समय मंदिर ही एकमात्र आशा की किरण बन जाते हैं और कठिन समय के दौरान भी लोगों को सांत्वना और साहस प्रदान करते हैं।
भारत में गुफा मंदिरों को भी बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। लोगों का मानना था कि मानव निर्मित गुफाएं भी प्राकृतिक गुफाओं की तरह ही पवित्र होती हैं। पहले के समय में भारतीय भू-भाग में धार्मिक इमारतों यानी मंदिरों के अंदरूनी हिस्से को एक गुफा जैसा अनुभव प्रदान करने के लिए ही डिज़ाइन किया जाता था। इसलिए, आप देखेंगे कि प्राचीन हिंदू मंदिर अन्य धार्मिक संरचनाओं से छोटे, अंधेरे और बिना प्राकृतिक रौशनी के होते हैं। बिहार की बाराबर गुफाओं को भारत में सबसे पुरानी नक्काशीदार चट्टान संरचनाएं माना जाता हैं, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास बनाई गई थीं। पश्चिमी दक्कन में अधिकांश शुरुआती गुफा मंदिर बौद्ध धर्म से जुड़े थे। जिनका निर्माण 100 ईसा पूर्व और 170 ईस्वी के बीच में हुआ था। प्रारंभ में मूल रूप से इन गुफाओं के साथ लकड़ी की संरचनाएँ भी रही होंगी, लेकिन समय के साथ वे नष्ट हो गईं।
चट्टानों को काटकर बनाए मंदिरों को रॉक कट मंदिर (Rock Cut Temple) भी कहा जाता है। ये मंदिर दो (गुफाएँ और अखंड (Caves And Monoliths) प्रकार के होते। दोनों मंदिर विशाल हो सकते हैं। महाबलीपुरम के सात पैगोडा और एलोरा का कैलाश मंदिर, मोनोलिथ शैली के उत्कृष्ट उदाहरण माने जाते हैं। एलोरा का रॉक कट कैलाश मंदिर, इस शैली की उत्कृष्टता का शिखर माना जाता है। कैलाश मंदिर को पहाड़ काटकर बनाया गया अंतिम प्रभावशाली मंदिर माना जाता है। एलोरा गुफा मंदिर 16, जिसे कैलाश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, बेहद अनोखा अद्वितीय है। इस पूरे एक अखंड मंदिर को एक ही ज्वालामुखीय चट्टान को 100 फीट नीचे तक खोदकर और काटकर, तराशकर बनाया गया है। इसे 8वीं शताब्दी में राजा कृष्ण प्रथम ने बनवाया था और इसे पूरा करने में 100 साल से भी अधिक का समय लगा। कैलाश मंदिर एकल मंदिर की तरह दिखता है, जिसके चारों ओर छोटे-छोटे गुफा मंदिर हैं, जो सभी एक ही काली चट्टान से बनाए गए हैं। यह स्थान हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों से संपन्न है। कैलाश मंदिर महाराष्ट्र में दक्कन के पठार पर है और भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा दक्कन में चट्टान को काटकर बनाए गए छोटे-छोटे अन्य धार्मिक स्थल आज भी मौजूद हैं, जिनमें अधिकतर बौद्ध हैं।
वही, भारत में कुछ प्रसिद्ध प्रारंभिक गुफा मंदिरों में भाजा, कार्ला, बेडसे, कन्हेरी और अजंता की गुफाएं आदि शामिल हैं। इन गुफाओं में मिली वस्तुएं धर्म और व्यापार के बीच मजबूत संबंध का भी संकेत देती हैं। इन्हें ऐसे समय में बनाया गया था, जब रोमन साम्राज्य और एशिया के बीच व्यापार खूब फल-फूल रहा था। भारतीय व्यापार मार्गों पर व्यापारियों के साथ बौद्ध मिशनरी भी जाते थे। कई भव्य गुफा मंदिर भी इन्हीं धनी व्यापारियों द्वारा बनवाए गए थे। कारीगरों ने रॉक-कट मंदिरों की बनावट और संरचना को लकड़ी की तरह दिखाने के लिए चट्टान को कुशलतापूर्वक तराशा। उन्होंने इनमें खंभे, मेहराब और आकर्षक अग्रभाग जैसे तत्व भी जोड़े।
लेकिन, 5वीं शताब्दी तक स्वतंत्र संरचनात्मक मंदिर (Independent Structural Temples) प्रचलित हो गए। हालांकि, गुफा मंदिर इसके बाद भी बनाए जा रहे थे। बाद के गुफा मंदिरों में, जैसे एलोरा गुफाओं में काफी उन्नत रॉक-कट वास्तुकला दिखाई देती है। लगभग 563/480 या 483/400 ईसा पूर्व में बौद्ध भिक्षु भी प्राकृतिक गुफाओं का उपयोग करते थे। सप्तपर्णी गुफा ऐसी ही गुफाओं में से एक है , जो बिहार के राजगीर से दक्षिण पश्चिम में स्थित है। कई जानकार मानते हैं कि यहां पर बुद्ध ने अपने पूर्ण निर्वाण से पहले कुछ समय बिताया था। यह भी माना जाता है कि बुद्ध की मृत्यु के बाद पहली बौद्ध संगीति यहीं हुई थी। हालांकि, रॉक-कट वास्तुकला दुनिया के अन्य हिस्सों में भी दिखाई देती है, लेकिन, भारत को विशेष तौर पर इसे अपनी विशाल विविधता और रॉक-कट मंदिरों के लंबे इतिहास के लिए जाना जाता है। प्राचीन भारत में धार्मिक इमारतों के लिए चट्टान को प्राथमिकता दी गई। भारत में लंबे समय से चट्टानों को काटकर बनाए गए मंदिरों की बहुतायत है। यहां के अलावा इस तरह की संरचनाओं की इतनी प्रचुरता दुनियां में कहीं नहीं देखी जाती है। दक्षिण भारत में कई हिंदू राजाओं ने हिंदू देवताओं के लिए गुफा मंदिरों के निर्माण को समर्थन दिया।
चलिए, एक नजर डालते हैं, भारत में मौजूद कुछ प्रमुख गुफा मंदिरों और संरचनाओं पर:
1. बादामी गुफा मंदिर, कर्नाटक: उत्तरी कर्नाटक में स्थित बादामी गुफा मंदिर, हिंदुओं और जैनियों, दोनों के बीच पूजनीय हैं। कीर्तिवर्मन प्रथम और मंगलेश द्वारा 6 वीं शताब्दी के अंत और 7वीं शताब्दी की शुरुआत में इनका निर्माण किया गया था। यहां चार गुफाएं हैं, जिनमें से तीन हिंदू धर्म और एक जैन धर्म को समर्पित है।
2. रामलिंगेश्वर मंदिर, बैंगलोर: बैंगलोर के हुलीमावु शहर में, स्थित रामलिंगेश्वर गुफा मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। अंदर का मंदिर लगभग 400 से 500 साल पुराना है।
3. महाबलीपुरम मंदिर, तमिलनाडु: तमिलनाडु के महाबलीपुरम में भी एक गुफा मंदिर है, जिन्हें मंडपम के नाम से जाना जाता है। इसे चट्टानों से काटकर बनाया गया है और इनके सामने बरामदे और अंदर खाली कमरे हैं।
4. मंडागापट्टू मंदिर, तमिलनाडु: चेन्नई के पास मंडागापट्टू में एक प्राचीन गुफा मंदिर है। इसे तमिलनाडु का पहला गुफा मंदिर माना जाता है। यह भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है।
5. पिल्लैयारपट्टी मंदिर, तमिलनाडु: करपका विनायक मंदिर या पिल्लैयारपट्टी पिल्लैयार मंदिर 7वीं सदी का रॉक-कट गुफा मंदिर है, जिसका बाद की शताब्दियों में काफी विस्तार हुआ है। यह मंदिर चौथी शताब्दी पुराना है और इसमें 6 फीट की अद्वितीय विनयगर की प्रतिमा है। यह मंदिर भगवान शिव और भगवान गणेश को समर्पित है।
6. एलिफेंटा गुफा मंदिर, महाराष्ट्र: एलीफेंटा की गुफाएँ, मुंबई के पास एक द्वीप पर स्थित हैं। इन गुफाओं में 5वीं और 8वीं शताब्दी के मध्य में निर्मित प्राचीन हिंदू और बौद्ध मंदिर हैं।
7. कार्ला गुफाएँ, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के लोनावाला में मौजूद कार्ला गुफाएं, प्राचीन काल में बौद्धों द्वारा चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाएँ हैं। इन गुफाओं का निर्माण ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में शुरू हुआ और 10वीं शताब्दी में पूरा हुआ।
8.पांडवलेनी गुफाएं, महाराष्ट्र: नासिक के पास पांडवलेनी गुफाएं दुर्लभ मूर्तियों और शिलालेखों के साथ 24 गुफाएं हैं। इनका निर्माण बौद्ध भिक्षुओं के लिए किया गया था।
9. खंडगिरि और उदयगिरि गुफाएं, ओडिशा: ओडिशा में खंडगिरि और उदयगिरि गुफाओं की खुदाई पहली शताब्दी ईसा पूर्व और पहली शताब्दी ईस्वी के बीच की गई थी। उदयगिरि में 18 गुफाएँ हैं वहीं खंडगिरि में 15 गुफाएँ हैं।
मंदिर, एक मनुष्य के व्यक्तिगत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे ईश्वर से मार्गदर्शन प्राप्त करने, उसकी महिमा को समझने और प्रतिबद्धता करने के लिए एक आदर्श स्थान बन जाते हैं। सनातन धर्म में माना जाता है कि मंदिर, यज्ञों एवं अनुष्ठानों के माध्यम से हमें शक्ति भी प्रदान करते हैं, जिससे हमें चुनौतियों पर विजय पाने और अंततः ईश्वर के साथ फिर से एक हो जाने में मदद मिलती है। किसी भी मंदिर में जाते समय, मंदिर की गरिमा एवं सम्मान कायम रखना बहुत जरूरी होता है। आप अपने जूते उतारकर, सादे कपड़े पहनकर और मूर्तियों या कलाकृति को न छू कर, इन पवित्र संरचनाओं के प्रति अपना सम्मान दिखा सकते है। हमारे लखनऊ में भी कई ऐसे पुराने हिंदू और बौद्ध मंदिर हैं, जहां पर प्राचीन परंपराओं और पूजा पद्धतियों का आज भी पालन किया जाता है। लेख में आगे हम लखनऊ के कुछ ऐसे ही लोकप्रिय एवं प्राचीन मंदिरों पर एक नजर डालेंगे।
1.चंद्रिका देवी मंदिर: गोमती नदी के तट पर स्थित देवी चंद्रिका देवी का इतिहास 300 साल पुराना माना जाता है। इस मंदिर को अपने ऐतिहासिक महत्व और नवरात्रि के दौरान धार्मिक आयोजनों के लिए जाना जाता है।
2. काली बाड़ी मंदिर घसियारी मंडी: यह माँ काली को समर्पित एक पवित्र मंदिर है। इस मंदिर परिसर में भगवान गणेश और भगवान शिव के मंदिर भी स्थित हैं।
3. मां पूर्वी देवी मंदिर: तहसीनगंज चौराहे के पास स्थित यह भी एक प्राचीन मंदिर है, जहां भक्त सदियों पुराने नीम के पेड़ के चारों ओर चक्कर लगाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं।
4. बुद्ध मंदिर: लखनऊ के रिसालदार पार्क और गौतम बुद्ध मार्ग में महत्वपूर्ण बुद्ध मंदिर हैं, जो भगवान बुद्ध की ऐतिहासिक उपस्थिति की याद दिलाते हैं।
5. छाछी कुआं हनुमान मंदिर: अलीगंज हनुमान मंदिर के पास स्थित, यह मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है।
6. बड़ी काली मंदिर: इस 2000 साल पुराने मंदिर में भगवान विष्णु और काली की मूर्तियों की संयुक्त रूप से पूजा की जाती है।
7. संकट मोचन मंदिर: गोमती पुल के पास इस मंदिर में भक्त हनुमान जी को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बताते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mwbjw8j3
https://tinyurl.com/8e38rp22
https://tinyurl.com/yc7xr8b9
https://tinyurl.com/mrepj6fd
https://tinyurl.com/yptxu92e
चित्र संदर्भ
1. एलोरा के कैलाश मंदिर को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
2. मसरूर मंदिर को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
3. बादामी गुफा मंदिर को दर्शाता चित्रण (flickr)
4. एलोरा गुफा मंदिर 16, जिसे कैलाश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
5. एलोरा के कैलाश मंदिर के सामने के दृश्य को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
6. बादामी गुफा मंदिर, कर्नाटक को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
6. रामलिंगेश्वर मंदिर, बैंगलोर को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
7. महाबलीपुरम मंदिर, तमिलनाडु को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
8. मंडागापट्टू मंदिर, तमिलनाडु: को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
9. अपिल्लैयारपट्टी मंदिर, तमिलनाडु को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
10. एलिफेंटा गुफा मंदिर को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
11. कार्ला गुफाओं को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
12. पांडवलेनी गुफाओं को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
13. खंडगिरि और उदयगिरि गुफाओं को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
14. वैष्णो देवी मंदिर को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
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