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‘रूह अफ़ज़ा’ के बिना रमज़ान अधूरी, देश-विदेशी व्यंजनों के रूह में भी अब समा रही गुलाब की खुशबू

लखनऊ

 18-04-2023 09:33 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

यह तो हम सभी जानते हैं कि गुलाब के फूल का प्रयोग कई सदियों से इत्र, साबुन या खुशबू से जुड़े अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुलाब का फूल अनेक प्रकार के व्यंजनों में जान फूंकने का काम भी करता है, और गुलाब से जुड़े खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे आम घरों की रसोइयों में भी अपनी मजबूत पकड़ बना रहे हैं!
जी हाँ यह सत्य है कि फूल न सिर्फ देखने में खूबसूरत होते हैं, बल्कि इनका इस्तेमाल खाना बनाने में भी किया जा सकता है। कई संस्कृतियों द्वारा सदियों से अपनी खाद्य कला में फूलों का उपयोग किया जा रहा है। गुलाब का फूल खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक है। गुलाब का उपयोग न केवल सजावट के लिए किया जाता है, बल्कि इसमें एक विशिष्ट सुगंधित स्वाद भी होता है, जो व्यंजनों के स्वाद और गुणवत्ता को बढ़ा सकता है। प्राचीन यूनानियों (Greeks), रोमनों (Roman) और फारसियों (Persian) द्वारा भी तेल और औषधीय जल प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी दावत की मेज को सजाने तथा व्यंजनों में प्राकृतिक मिठास को जोड़ने के लिए गुलाब का इस्तेमाल किया गया था। फारसियों ने गुलाब की पंखुड़ियों से सुगंधित तेल निकालने की एक तकनीक विकसित की, जो समय के साथ भारत, अरब और यूरोप में फैल गई। आज, बुल्गारिया में स्थित रोज वैली (Bulgarian Rose Valley) पूरी दुनिया में गुलाब की खेती के लिए मशहूर है और यहां गुलाब के तेल का सबसे बड़ा प्रतिशत उत्पन्न किया जाता है। विक्टोरियन (Victorians) लोगों को फूल बहुत पसंद थे और वे अपने भोजन खासकर मिठाई और पेस्ट्री (Pastries) को सजाने के लिए फूलों का इस्तेमाल करते थे। आप पश्चिमी संस्कृति में आज भी डेसर्ट (Desserts) और अन्य मीठे व्यंजनों में गुलाब और गुलाब की पंखुड़ियों की मौजूदगी को देख सकते हैं। खाना पकाने के लिए किसी भी प्रकार के गुलाब का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि वे रसायनों और कीटनाशकों से मुक्त हों। डमास्क गुलाब (Damask Roses), गार्डन गुलाब (Garden Roses), एयरलूम (Heirlooms), रोजा रूगोसा (Rosa Rugosa) और जेनरस गार्डनर (Generus Gardner) नामक गुलाब के फूल की किस्में खाना पकाने के लिए आदर्श मानी जाती हैं। हालांकि, लाल गुलाब का स्वाद कम होता है। यदि आप गुलाब के मजबूत स्वाद से अभी तक अपरिचित हैं, तो आप अपनी खुद की गुलाब की चाय बनाकर छोटी शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए आप अपनी पसंद की चाय की पत्तियों में सूखे गुलाब की पंखुड़ियां मिला सकते हैं।
गुलाब जल, कई प्रकार के व्यंजनों में प्रयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। यह एक सुगंधित पानी होता है, जिसे गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में भिगोकर बनाया जाता है। यह इत्र बनाने में उपयोग किए जाने वाले गुलाब के तेल के उत्पादन का एक उप-उत्पाद होता है, जो भाप-आसवन (Steam Distillation) प्रक्रिया द्वारा गुलाब की कुचली हुई पंखुड़ियों से प्राप्त किया जाता है। सदियों से गुलाब जल का उपयोग विभिन्न तरीकों (जैसे औषधीय रूप से, पोषण के रूप में और इत्र के स्रोत के रूप में) से किया जाता रहा है। गुलाब जल सहित इत्र की प्रारंभिक खेती संभवतः फारस में हुई थी। आज, गुलाब जल के विश्व उत्पादन का लगभग 90% हिस्सा ईरान में उत्पादित किया जाता है। गुलाब जल का इस्तेमाल भोजन, मिठाई और दूध से बने व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने वाले तत्व के रूप में भी किया जाता है। साथ ही ईसाई धर्म, पारसी धर्म और बहाई धर्म के कुछ धार्मिक समारोहों में भी विशिष्ट रूप से गुलाब जल का उपयोग किया जाता है। भारतीय घरों में गुलाब जल का उपयोग नींबू पानी के साथ-साथ लड्डू, गुलाब जामुन और पेड़ा जैसी मिठाइयों में तथा दूध, लस्सी, चावल की खीर और अन्य डेयरी व्यंजनों में स्वाद के लिए भी किया जाता है। मलेशिया (Malaysia) और सिंगापुर (Singapore) में, मीठे लाल रंग के गुलाब जल को दूध के साथ मिलाया जाता है, जिससे बांडुंग (Bandung) नामक एक मीठा गुलाबी पेय बनता है। इसके अलावा गुलाब जल का उपयोग चाय ,आइसक्रीम, बिस्किट तथा अन्य मिठाइयों में भी किया जाता है ।
क्या आप जानते हैं कि गुलाब से जुड़ा एक ऐसा पेय भी है जिसे पूरी दुनिया में 1 अरब से भी अधिक लोगों द्वारा इतना पसंद किया जाता है कि वे गर्मियों भर इसका निरंतर सेवन करते हैं , और इसका इतिहास 100 साल से अधिक पुराना है? इसका सेवन भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, इंग्लैंड (England), न्यूजीलैंड (New Zealand), फ्रांस (France), जर्मनी (Germany) और कई अन्य यूरोपीय देशों में किया जाता है। जी हाँ हम निश्चित रूप से सबके पसंदीदा ‘रूह अफजा’ (Rooh Afza) की बात कर रहे हैं! ‘रूह अफ़ज़ा’ नाम का अर्थ “आत्मा को ताज़ा करने वाला” होता है ।यह एक ताजगी देने वाला पेय है जिसे लोग गर्मियों के दौरानपीना पसंद करते हैं। दरअसल रूह अफ़ज़ा एक ऐसापेय है, जिसे विशेष रूप से पुरानी दिल्ली के इलाके में गर्मी से बचने में लोगों की मदद करने के लिए तैयार किया गया था। इसे 1906 में ब्रिटिश भारत के गाजियाबाद में हकीम मुहम्मद कबीरुद्दीन (Hakim Muhammad Kabiruddin) द्वारा बनाया गया था और हकीम हाफिज अब्दुल मजीद (Hakeem Hafiz Abdul Majeed) द्वारा पेश किया गया था। हकीम हामिद अब्दुल मजीद ने इसे बनाने के लिए पारंपरिक यूनानी दवाओं से जड़ी-बूटियों और सिरप का चयन किया था ताकि एक ऐसा हर्बल मिश्रण बनाया जा सके जो लोगों को हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और निर्जलीकरण से बचा सके। समय के साथ रूह अफजा की लोकप्रियता आसमान छू गई और रूह अफ़ज़ा एक प्रसिद्ध नाम बन गया। अब्दुल मजीद ने राष्ट्रीय स्तर पर इसका विज्ञापन और वितरण करना भी शुरू कर दिया। वर्तमान में, रूह अफज़ा का निर्माण उनके और उनके बेटों द्वारा भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में स्थापित “हमदर्द” प्रयोगशालाओं द्वारा किया जाता है। रूह अफ़ज़ा के मूल सूत्रीकरण में विभिन्न जड़ी-बूटियां, फल, सब्जियाँ, फूल और जड़ें जैसे कि कासनी, कमल, स्ट्रॉबेरी (Strawberry), गाजर और गुलाब आदि शामिल हैं। रूह अफ़ज़ा सिरप को आम तौर पर ठंडे दूध और बर्फ के साथ मिलाकर एक ठंडा पेय बनाया जाता है, और इसका सेवन अक्सर रमजान के दौरान इफ्तार के हिस्से के रूप में किया जाता है। 1925 में हकीम साहब की मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी राबिया बेगम ने अपने और अपने दो बेटों के साथ एक धर्मार्थ ट्रस्ट (Charitable Trust) शुरू किया। 1947 में भारत के विभाजन के बाद यह पेय और भी अधिक सफल हो गया। हकीम साहब के बड़े बेटे हकीम अब्दुल हमीद भारत में ही रुके , जबकि छोटे बेटे हकीम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए। उन्होंने कराची में एक अलग हमदर्द कंपनी खोली और बाद में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में एक शाखा शुरू की। आज तीनों देशों में रूह अफजा का स्वाद एक जैसा प्रतीत होता है क्योंकि वे एक जैसे फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान में, हमदर्द का राजस्व सालाना 40 मिलियन बोतलों की बिक्री के साथ 1000 करोड़ रुपये के करीब है । भारत में इसके तीन बॉटलिंग प्लांट (Bottling Plant) हैं जिनके द्वारा अपने लाभ का 85% ‘हमदर्द नेशनल फाउंडेशन’ (Hamdard National Foundation (HNF) को हस्तांतरित किया जाता है , जो इस लाभ की धनराशि को धर्मार्थ संगठनों को दान करता है।

संदर्भ
shorturl.at/rD129
https://bit.ly/3oiwtX0
https://bit.ly/3o4VEfF
https://bit.ly/3L1RJt0
https://bit.ly/3L2880x

चित्र संदर्भ
1.‘रूह अफ़ज़ा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. गुलाब की शराब को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. गुलाब चुगती महिला को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
4. जेनरस गार्डनर को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
5. डिस्टिलिंग गुलाब जल को दर्शाता चित्रण (Flickr)
6. ‘रूह अफ़ज़ा को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
7. बोतल में ‘रूह अफ़ज़ा को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)



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