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सभी धर्मों और संस्कृतियों में ईश्वर के बेहद प्रिय रहे हैं गुलाब के फूल

लखनऊ

 18-04-2023 09:37 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

रूठे प्रेमी को मनाने के लिए उसे सुंदर एवं सुगंधित गुलाब का फूल भेंट करना एक रामबाण इलाज माना जाता है। विश्व इतिहास की कई संस्कृतियों में सदियों से गुलाब के फूल का उपयोग प्रेम, सौंदर्य और गोपनीयता के प्रतीक के रूप में भी किया जाता रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुलाब न केवल इंसानों बल्कि स्वयं परमेश्वर के भी सबसे प्रिय पुष्पों में से एक माना जाता है।
गुलाब के फूल प्राचीन काल से ही लोकप्रिय और प्रशंसित फूल रहे हैं। जीवाश्म सबूत बताते हैं कि ये फूल पहली बार लगभग 35 मिलियन साल पहले पृथ्वी पर दिखाई दिए थे। यही कारण है कि ये फूल पृथ्वी की लगभग प्रत्येक संस्कृति में नजर आ ही जाते है। गुलाब विभिन्न संस्कृतियों के कई मिथकों तथा किंवदंतियों में प्रकट होने वाला एक लोकप्रिय प्रतीक है। सिक्कों, राज्य चिन्हों , झंडों, बैनरों, मुहरों और चित्रों से लेकर 3डी चित्रकला तक गुलाब एक प्रचलित और कालातीत प्रतीक बन गया है। यह विशेष तौर पर सुंदरता, प्रेम और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। आइये विभिन्न संस्कृतियों और देशों में गुलाब की महत्ता पर एक नजर डालते हैं: १. एशिया: गुलाब ने हमेशा से ही प्राचीन फारस (Persia) और भारत में एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक भूमिका निभाई है। इसका उल्लेख प्राचीन फारस में ज़ेंड (Zend) और संस्कृत भाषा के सबसे पुराने धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में मिलता है। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपनी पत्नी माता लक्ष्मी का सृजन भी 108 बड़ी और 1,008 छोटी गुलाब की पंखुड़ियों से ही किया था। किवदंती के अनुसार एक बार विष्णु और ब्रह्मा के बीच इस बात को लेकर बहस हो गई कि कौन सा फूल सबसे सुंदर है। इस पर श्री हरी विष्णु ने कहा कि गुलाब उत्तम और श्रेष्ठ है। लेकिन ब्रह्मा जी ने पहले कभी गुलाब नहीं देखा था, इसलिए उन्होंने कहा कि कमल बेहतर है। तब श्री हरी विष्णु ने ब्रह्मा जी को एक गुलाब का फूल दिखाया जिसको देखने के बाद ब्रह्मा जी उसकी सुंदरता से चकित रह गए थे। उन्होंने 108 बड़े गुलाब और 1,008 छोटी गुलाब की पंखुड़ियों के साथ एक झाड़ी बनाई जिसमें से देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण को अक्सर उनके गले में गुलाब की माला पहने दिखाया जाता है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। आयुर्वेद में, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में, गुलाब की पंखुड़ियों का उपयोग मन को शांत करने और तनाव को कम करने के लिए किया जाता है। गुलाब का उपयोग भारतीय कविता और साहित्य में प्यार, जुनून और लालसा जैसी भावनाओं को जगाने के लिए भी किया जाता है। २. ग्रीक और रोमन (Greeks and Romans): ग्रीक पौराणिक कथाओं में, प्रेम की देवी, एफ्रोडाइट (Aphrodite) को गुलाब की निर्माता के रूप में माना जाता है। किवदंतियों के अनुसार, एक बार उनका प्रेमी एडोनिस (Adonis) जंगली सूअर द्वारा शिकार करते समय गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसकी बाद में एफ़्रोडाइट की गोद में ही मृत्यु हो जाती है। एफ़्रोडाइट के रक्त तथा आँसुओं के मिश्रण से एक शानदार, सुगंधित, रक्त के रंग के समान लाल गुलाब निकला।
रोमन पौराणिक कथाओं में उल्लेखित है कि वसंत और फूलों की देवी, फ्लोरा (Flora) ने अपने सबसे प्रिय और सबसे सुंदर अप्सरा के मृत शरीर को देखकर सभी देवताओं से विनती की कि वह उसके मृत शरीर को सबसे सुंदर फूल में बदल दें जिसके बाद उसका शरीर ही गुलाब बन गया,जिसे ‘फूलों की रानी’ के रूप में पहचाना गया। कला के देवता अपोलो (Apollo) ने उसे सांसे दी, बैकस (Bacchus) ने उसे अमृत से नहलाया, वर्टमनस (Vertumnus) ने उसे सुगंध दी, पोमोना (Pomona) ने फल और खुद फ्लोरा ने अंत में पंखुड़ियों का एक मुकुट दिया और इस तरह गुलाब का जन्म हुआ। यही कारण है कि लाल गुलाब का संबंध उस प्रेम से है जो मृत्यु से परे है। प्राचीन रोम में, रोसालिया उत्सव (Rosalia Fest) में मृतकों को श्रद्धांजलि देने में गुलाबों का भारी मात्रा में उपयोग किया जाता था। ऐसा कहा जाता है कि ‘गुलाब’ (Rose) शब्द की उत्पत्ति तब हुई जब फ्लोरा, कामदेव (Cupid) के तीर से चोट लगने पर, ‘इरोस' (Eros) शब्द का ठीक से उच्चारण न करके इसे ‘रोस’ (Ros) कह रही थी । इससे गुलाब शब्द ‘इरोस’ का पर्याय बन गया तथा अब यह फूल रोम और ग्रीस दोनों में युवाओं, जीवन शक्ति, प्रेम, सौंदर्य और प्रकृति का प्रतीक है। ३. इस्लामी किंवदंती: एक मुस्लिम किंवदंती के अनुसार, गुलाब का निर्माण पैगंबर मोहम्मद के पसीने की बूंदों से हुआ था। ४. ईसाई धर्म: ईसाई धर्म में गुलाब को प्रतीकात्मक रूप से पुनरुत्थान और पुनर्जन्म से जोड़ा जाता है। गुलाब सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईसा मसीह (Jesus Christ) के बहने वाले खून का प्रतीक है। वर्जिन मैरी (Virgin Mary) के गुलाब के साथ जुड़ाव के कारण उनकी कलाकृति में यह फूल आमतौर पर दिखाई देता है। दांते (Dante) जैसे मध्यकालीन कवि अपनी कविताओं में अक्सर मैरी के प्रतीक के रूप में गुलाब का इस्तेमाल करते थे। कहा जाता है कि शुरुआत में गुलाब बिना कांटों के थे और इनमें कांटे केवल एडम (Adam) और ईव (Eve) के ईडन गार्डन (Eden Garden) से निष्कासन के बाद मानव जाति की दुष्टता के माध्यम से प्रकट हुए। यह भी कहा जाता है बेथलहम (Bethlehem) में एक युवती को काठ पर जलाया जाना था। जैसे ही लपटें उसके चारो ओर पहुँचीं, उसने परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना की और लपटें तुरंत बुझ गईं। बिना आग की लकड़ियों से अंगारों के स्थान पर लाल गुलाब और सफेद गुलाब निकले । ५. यहूदी धर्म: यहूदी साहित्य के धर्म ग्रंथ ‘ज़ोहर’ (Zohar) में तेरह पंखुड़ियों वाले गुलाब को ईश्वरीय दया के तेरह गुणों के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। साथ ही यहूदी धर्म में, गुलाब का उपयोग राजशाही और इजराइल (Israel) के प्रतीक के लिए किया जाता था। स्पेन (Spain) के, कैटेलोनिया (Catalonia) में सेंट जॉर्ज दिवस (George's Day) को ‘प्रेमियों के दिन’ के रूप में मनाया जाता है, इस दौरान प्रेमी जोड़े रक्त के समान गहरे लाल रंग के गुलाब (Blood-Red Rose) का आदान-प्रदान करते हैं। गुलाब इंग्लैंड (England) का राष्ट्रीय फूल भी है। 1485 से 1603 ई तक इंग्लैंड में शासन करने वाले ट्यूडर वंश (Tudor dynasty) ने सफेद और लाल गुलाब को संकरित कर ट्यूडर गुलाब (Tudor Rose) का निर्माण किया, जो नागरिक युद्धों (Civil Wars) के अंत का प्रतीक था। यहां पर लाल गुलाब यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) की लेबर पार्टी (Labor Party) का प्रतीक भी है।
1986 के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) में भी गुलाब को राष्ट्रीय पुष्प प्रतीक के रूप में अपनाया गया था। यह पांच अमेरिकी राज्यों का राज्य फूल अभी भी है। विभिन्न साहित्यों में सफेद गुलाब मासूमियत या पवित्रता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि लाल गुलाब रूमानी और भावुक प्रेम से जुड़े होते हैं। इस फूल को विभिन्न लोक संस्कृतियों और परंपराओं में गहरे प्रतीकात्मक अर्थ दिए गए हैं। गुलाब का इस्तेमाल प्रेमिका की खूबसूरती के प्रतीक के रूप में भी किया जाता है। नीला गुलाब रहस्य का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि काला गुलाब मृत्यु का प्रतीक है। पीला गुलाब दोस्ती का प्रतिनिधित्व करता है और नारंगी गुलाब जुनून का प्रतीक माना जाता है।

संदर्भ

https://bit.ly/3KDkY3Z
https://bit.ly/3MM3p4K
https://bit.ly/3KZz4x5
https://bit.ly/3GMgyqi
https://bit.ly/3mwsKF5
https://bit.ly/3A1UpAU

चित्र संदर्भ
1. माता लक्ष्मी और गुलाब को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. माता लक्ष्मी, श्री हरि विष्णु एवं भगवान ब्रह्मा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एफ्रोडाइट (Aphrodite) को गुलाब की निर्माता के रूप में माना जाता है। को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
4. कुरान और गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
5. वर्जिन मैरी (Virgin Mary) और गुलाब को दर्शाता चित्रण (Wallpaper Flare)
6. गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
7. ट्यूडर गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)



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