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कौंगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of the Congo) दुनिया का एक ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। यह देश वैश्विक हरित ऊर्जा क्रांति की भारी कीमत चुका रहा है। एकमात्र रहने योग्य ग्रह, जो कि हमारी पृथ्वी है, हमारी गतिविधियों के कारण खतरे में है।
विभिन्न देश, निगम और लोगों का दावा है कि वे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हरित ऊर्जा को जलवायु परिवर्तन से निपटने के सबसे अच्छे समाधानों में से एक माना जाता है। आज हम कोयले की जगह पनबिजली, जीवाश्म ईंधन की जगह सौर ऊर्जा, पेट्रोल और डीजल कारों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) (Electric Vehicle (EV))का उपयोग कर रहे हैं। ईवी को स्वच्छ, हरित और टिकाऊ वाहनों के रूप में पेश किया जा रहा है। लेकिन प्रश्न यह है कि पर्यावरण के लिए जो स्वच्छ माना जाता है, वह क्या वास्तव में स्वच्छ है? एक इलेक्ट्रिक वाहन के चमकदार बाहरी हिस्से के नीचे अत्यधिक गरीबी और बालश्रम रूपी रक्त से बनने वाली बैटरी (blood batteries), की चौंकाने वाली कहानी छिपी हुयी है।
कौंगोअफ्रीका (Africa) का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद $49 बिलियन है। यह देश संघर्ष, गरीबी और भ्रष्टाचार का पर्याय है। कौंगोकी लाल धरती के नीचे दुनिया का सबसे ज्यादा कोबाल्ट जमा है। कौंगोकी कुल आबादी लगभग 92 मिलियन है कौंगोजिनमें से लगभग दो मिलियन लोग कोबाल्ट उत्पादन पर निर्भर हैं। उन्हें नेगोसिएंट्स (Negociants) कहा जाता है।
जून, 2014 में, कौंगो के एक शहर, कोलवेज़ी (Kolwezi) के बाहरी इलाके में, एक व्यक्ति ने अपने घर के पिछले हिस्से में खुदाई की । वह शौचालय बनाने के उद्देश्य से यह खुदाई कर रहा था। लगभग आठ फीट खोदने के बाद उसका फावड़ा एक ग्रे चट्टान के एक टुकड़े से टकराया, जो काले रंग की लकीरों से घिरा हुआ था और चमकीले-फ़िरोज़ा मोल्ड के बूँद जैसा दिख रहा था। यह एक अयस्क था जिसे कोबाल्ट में परिष्कृत किया जा सकता है, यह लिथियम-आयन बैटरी में उपयोग किए जाने वाले तत्वों में से एक है। कोबाल्ट बैटरी को आग पकड़ने से रोकता है, जो मोबाइल फोन से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक में प्रयोग किया जाता है। चूंकि लिथियम-आयन बैटरी की वैश्विक मांग बढ़ी है, इसलिए कोबाल्ट की कीमत भी बढ़ी है।
हालांकि इस व्यक्तिगत खोज के बाद स्थानीय नगर पालिका ने औपचारिक रूप से कोल्वेज़ी में खनिजों के लिए खुदाई को प्रतिबंधित कर दिया।
दक्षिणी कौंगोमें अनुमानित 3.4 मिलियन मीट्रिक टन कोबाल्ट मौजूद है, जो दुनिया की ज्ञात आपूर्ति का लगभग आधा हिस्सा है। हाल के दशकों में, कौंगोके हज़ारों लोग पूर्व के दूरस्थ क्षेत्र में चले गए हैं। कोल्वेज़ी में अब आधे मिलियन से अधिक निवासी रहते हैं। कौंगोके कई लोगों ने इस क्षेत्र की औद्योगिक खदानों में नौकरी करते है; अन्य लोग " खुदाई करने वाले कारीगर " जिन्हें क्र्यूज्यर्स र (Creuseurs ) भी कहा जाता है, बन गए हैं। यहां पर इस खनिज की खुदाई वैध एवं अवैध रूप में चल रही है।
कोल्वेज़ी में, तीन साल की उम्र के बच्चे भी चट्टानों की पट्टियों से सबसे शुद्ध अयस्क निकालना सीख जाते हैं। जल्द ही, वे क्र्यूज्यर्स (Creuseurs) पर्याप्त अयस्क जुटाना शुरू कर देते हैं। किशोर लड़के अक्सर भयानक स्थितियों को नजरअंदाज करते हुए कार्य करते हैं। बड़ी-बड़ी खदानों के पास महिलाओं और युवतियों का देह व्यापार व्याप्त है। अन्य महिलाएं कच्चे खनन सामग्री को धोती हैं, जो अक्सर जहरीली धातुओं से भरा होता है और कुछ मामलों में, हल्का रेडियोधर्मी होता है। यदि एक गर्भवती महिला कोबाल्ट जैसी भारी धातुओं के साथ काम करती है, तो इससे उसके बच्चे के मृत होने या जन्म दोष वाले बच्चे के होने की संभावना बढ़ सकती है। द लांसेट (The Lancet) पत्रिका में एक अध्ययन के अनुसार, दक्षिणी कौंगो में महिलाओं में "धातु की सांद्रता थी जो गर्भवती महिलाओं में अब तक सबसे अधिक रिपोर्ट की गई है।" अध्ययन में पाया गया कि यह समस्या खनन में कार्य करने वाले पिता के भ्रूण से महिला में आयी थी, इसके लिए पैतृक व्यावसाय खनन जोखिम के जन्म दोषों से सबसे दृढ़ता से जुड़ा कारक था।
क्र्यूज्यर्स (Creuseurs) के बीच नशीली दवाओं और शराब का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है। खानों में काम करने वाले बच्चों को अक्सर भूख मिटाने के लिए नशीले पदार्थ खिलाए जाते हैं। बाल श्रम को रोकने की कोशिश करने वाली कोलवेज़ी की एक कैथलिक दान संस्था, गुड शेपर्ड (Good Shepherd) की संस्थापक सिस्टर कैथरीन मुटिंडी (Sister Catherine Mutindi) ने कहा, "अगर बच्चे पर्याप्त पैसा नहीं कमाते हैं, तो उनके पास पूरे दिन के लिए भोजन नहीं होता है। जिन कुछ बच्चों से हमने बात की, उन्हें याद नहीं था कि उन्होंने पिछली बार कब खाना खाया था।”
ये बच्चे रोज मौत से खिलवाड़ करते हैं। वे ऊर्ध्वाधर सुरंगों में प्रवेश करते हैं जो वयस्कों के प्रवेश के लिए बहुत संकीर्ण हैं। भट्टी जैसे वातावरण में अमानवीय परिस्थितियों में खदान में बच्चे कोबाल्ट के लिए खुदाई करते हैं। वे आमतौर पर अपने नंगे हाथों से खुदाई करते हैं, हालाँकि, कभी-कभी वे फावड़ियों का उपयोग भी करते हैं। उन्हें मास्क, दस्ताने और काम करने वाले कपड़े तक नहीं दिए जाते हैं और उन्हें एक बार में केवल 20 मिनट तक ऑक्सीजन प्रदान की जा सकती है। इस काम में थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चों की जान ले लेती है। फिर भी ये छोटे बच्चे घंटों खुदाई करते हैं। वे चट्टान को खोदकर, धातु निकालकर उसे धोते हैं और फिर उन्हें बेचने के लिए बाजार में ले जाते हैं। और इतना सब करने के बाद वह कितना कमा पाते हैं - सिर्फ $1! या कभी-कभी एक डॉलर से भी कम।
बाजार और कंपनी के आंकड़ों में विशेषज्ञता रखने वाली जर्मन (German) कंपनी स्टेटिस्टा (Statista) के अनुसार, कोबाल्ट एक मल्टीबिलियन-डॉलर का उद्योग है, जो 2027 तक 17.39 डॉलर बिलियन का होने का अनुमान है। लेकिन यह पैसा उस बच्चे तक कभी नहीं पहुंचता, जो धातु को खोजकर, उसे निकाल रहा है। गरीबी से त्रस्त कौंगो में, लोग एक डॉलर के लिए भी अपने जीवन को जोखिम में डाल देते हैं है। कई लोग इस पैसे को कमाने की कोशिश में मर भी जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित रेडियो स्टेशन रेडियो ओकापी (Radio Okapi) के अनुसार, कौंगो में, 2014 और 2015 के बीच कम से कम 80 कारीगर खनिकों की मृत्यु हुयी। 2019 में, एक दुर्घटना में 43 खनिकों की मौत हो गई थी। ब्रिटिश अकादमी (British academy) में वैश्विक प्रोफेसर सिद्धार्थ कारा का अनुमान है कि कौंगोमें हर साल 2,000 अवैध खनिकों की मौत हो जाती है। कई लोगों को स्थायी रूप से फेफड़े की क्षति, त्वचा में संक्रमण और अन्य जीवन बदलने वाली चोटें आती हैं। धातु की मांग पिछले एक दशक में तीन गुना हो गई है और 2035 तक फिर से दोगुनी होने की उम्मीद है। ईवी इस मांग को और भी अधिक बढ़ा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में दुनिया भर में ईवी की 6.5 मिलियन से अधिक इकाइयां बिकीं। 2040 तक यह संख्या 66 मिलियन यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है। विश्व बैंक के अनुसार, कोबाल्ट की मांग 2050 तक 585 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। कौंगोके लोग इस अवसर का फायदा उठाना और गरीबी से बचना चाहते हैं। उनके लिए अपने बच्चों को खानों में भेजना कोई विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। इनमें से कई बच्चे कारीगर खनिक या अनौपचारिक श्रमिकों के रूप में काम करते हैं। हालांकि वे किसी भी कंपनी द्वारा नियोजित नहीं हैं।
माइनिंग.कॉम (Mining.com)के अनुसार, अब तक परिष्कृत कोबाल्ट का सबसे बड़ा उत्पादक 66 प्रतिशत के साथ चीन है, जिसके बाद फिनलैंड (Finland) (10 प्रतिशत) है । न्यूयॉर्क टाइम्स(New York Times) के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में, चीनी कंपनियों ने कौंगो में खनन करने वाली उत्तरी अमेरिकी (North American) और यूरोपीय ((European)) कंपनियों को खरीद लिया है। पिछले साल तक, चीनी कंपनियों के पास कौंगो में 19 में से 15 औद्योगिक खदानें थीं। चीन ने कौंगोको कोबाल्ट के बदले कौंगोमें बुनियादी ढांचे, स्कूलों और सड़कों को बनाने के लिए अरबों डॉलर के निवेश का वादा किया है।
आज की दुनिया में, चीन इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति श्रृंखला में रक्त कोबाल्ट का रिसाव कर रहा है। चीनी कंपनियां रक्त बैटरी के व्यापार में संलग्न होने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के प्रयास में बच्चों से कोबाल्ट खरीद रही हैं।यह आपका इलेक्ट्रिक वाहन है जो लोगों को सड़क पर पहुंचने से पहले ही मार रहा है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स(The New York Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए कच्चे माल का उत्पादन करने वाली चीनी कंपनियां जबरन श्रम का उपयोग करने के संकेत देती हैं । खनन समूह झिंजियांग गैर-लौह धातु उद्योग (Xinjiang Nonferrous Metal Industry) ने कार्य हस्तांतरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में चीन में जातीय रूप से अल्पसंख्यक, सैकड़ों उइगरों को रोजगार दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ,चीन ने इस तरह के एक कार्यक्रम को चलाने की बात स्वीकार की है जो उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को शिनजियांग (Xinjiang) के दक्षिण से उत्तर की ओर औद्योगिक नौकरियों में काम करने के लिए ले जाता है। हालांकि चीनी वक्ताओं ने जबरन श्रम के आरोप को झूठ बताया है। यह रिपोर्ट संयुक्त राज्य अमेरिका में लागू होने वाले ‘उइघुर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम’ की पूर्व संध्या पर प्रकाशित हुई थी, जो शिनजियांग में जबरन श्रम से बने सामानों को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने से प्रतिबंधित करता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3jQihlQ
https://cnb.cx/3Zdhz2C
https://bit.ly/3vCQwjw
चित्र संदर्भ
1. इथियोपिया में बाल श्रम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. कौंगो लोकतांत्रिक गणराज्य के नागरिकों को दर्शाता एक चित्रण (PIXNIO)
3. कौंगो की एक महिला को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. बाल श्रम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. लोकतांत्रिक गणराज्य कौंगो में बच्चों के साथ एक महिला को दर्शाता एक चित्रण (PIXNIO)
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