किताबें सदैव ही इतिहास के मुख्य स्रोत के रूप में देखी जाती हैं और सोने पर सुहागा तब होता है जब आपके स्थान के विषय में कोई व्यक्ति 500 साल पहले ही लिख दिया हो वो भी अन्य भाषा में। एक यूरोपीय पुस्तक में जौनपुर शहर का सबसे पहला उल्लेख आता है। चित्र में बाईं तरफ इस किताब का एक शुरुआती पन्ना दर्शाया गया है। जिसके लेखक डच इतिहासकार और चित्रकार जोन्स डी लाएट हैं। जिन्होंने कभी भारत का दौरा नहीं किया लेकिन 1633 में "द एम्पायर ऑफ द मुगल" नाम की सबसे पुरानी ज्ञात पुस्तक लिखी। उनकी यह किताब विभिन्न स्थानों से संकलित की गयी, विभिन्न यात्रियों द्वारा जुटाई गई सामग्रियों के आधार पर व्यवस्थित है।
शाहजहां के समय से लेकर जहांगीर के समय और पहले के इतिहास का वर्णन इस पुस्तक में देखने को मिलता है। यह पुस्तक स्थायी रूप से अति उपयोगी है। यह जहांगीर के भारत का पूरा विवरण प्रस्तुत करती है। यह एक व्यवस्थित और भरोसेमंद संकलन है जो कि भारत के इतिहास को उस समय काल के आधार पर प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में कुछ त्रुटियाँ हैं परन्तु इतिहास और उसके विषयों पर यह पुस्तक खरी उतरती है। भारतीय इतिहास के जिस टुकड़े का यह अवलोकन करती है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पुस्तक को अकबर और जहांगीर के शासनकाल की स्रोत पुस्तक के रूप में देखा जाना कहीं से भी गलत प्रतीत नहीं होता। विन्सेंट स्मिथ के अनुसार यह पुस्तक कुछ वास्तविक फारसी कथाओं पर आधारित है। इस पुस्तक में उस समय के भारत के प्रमुख शहरों का जिक्र किया गया है। पुस्तक में जौनपुर का नाम 6 स्थानों पर आया है तथा इससे सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण इतिहास के स्रोतों को इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। चौसा के विवरण के समय भी जौनपुर का विवरण इस बात का घोतक है कि जौनपुर कितना महत्वपूर्ण राज्य होगा। जौनपुर के गवर्नर के विषय में भी इस पुस्तक में विवरण दिया गया है। उस वक़्त जौनपुर के गवर्नर अली कूली खान ज़मान थे।
जोन्स डी लाएट एक डच नक्श्साज़, इतिहासकार और डच वेस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक थे। डी लाएट मैनहाटन, न्यू एम्स्टर्डम (अब न्यूयॉर्क शहर) और मैसाचुसेट्स आदि का नक्शा छापने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई नक़्शे बनाये। उन्होंने कई किताबें लिखी जिनमें से 'हिस्ट्री ऑफ़ द न्यू वर्ल्ड' (History of the New World) और 'द एम्पायर ऑफ़ द ग्रेट मुग़ल' (The Empire of the Great Mogul) प्रमुख हैं। उनकी किताबों में विभिन्न नक़्शे आदि का भी संकलन किया जाता था। मशहूर डच कलाकार रेम्ब्रांट के लिए भी यह पुस्तक भारत में मुग़ल राज के बारे में जानने का प्रमुख स्रोत रही। उन्होंने ‘द ग्रेट मुग़ल’ (The Great Mogul) के ऊपर कई चित्र बनाए जिनमें से एक को दिए गए चित्र में दाईं ओर प्रस्तुत किया गया है जिसमें शाहजहां और दारा शिकोह को दर्शाया गया है।
1.द एम्पायर ऑफ़ ग्रेट मुग़ल
2.https://books.google.co.in/books?id=8T9pAAAAcAAJ&printsec=frontcover&dq=johannes+laet+de+imperio+magni+mogolis&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiKt4zsssjaAhXJNJQKHW95D4kQ6AEIMDAC#v=onepage&q=Jounpore%20&f=false
3.रेम्ब्रांट एंड द इन्सिपिरीशनल ऑफ़ इंडिया, स्टेफेनी स्च्रादर
4.https://en.wikipedia.org/wiki/Joannes_de_Laet
5.https://books.google.co.in/books?id=W20oAAAAYAAJ&pg=PA170&dq=johannes+laet+de+imperio+magni+mogolis&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiKt4zsssjaAhXJNJQKHW95D4kQ6AEIKzAB#v=onepage&q=johannes%20laet%20de%20imperio%20magni%20mogolis&f=false
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