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क्या हैं हमारे पड़ोसी लाल ग्रह, मंगल पर, जीवन की संभावनाएँ और इससे जुड़ी चुनौतियाँ ?

जौनपुर

 16-09-2024 09:30 AM
मरुस्थल
क्या आप जानते हैं कि जौनपुर से लगभग, 1,271 किलोमीटर दूर स्थित, थार रेगिस्तान को दुनिया में सबसे घनी आबादी वाले रेगिस्तानों में गिना जाता है। यहाँ पर प्रति वर्ग किलोमीटर में लगभग 83 लोग रहते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि “ब्रह्मांड में कई ऐसे ग्रह भी हैं, जहाँ की ज़मीन रेगिस्तानी है!” ऐसे ग्रहों को रेगिस्तानी ग्रह (Desert planet) कहा जाता है। इन्हें शुष्क ग्रह या बंजर ग्रह भी बुलाया जाता है। पृथ्वी के रेगिस्तानों की तरह, इन ग्रहों की सतह भी शुष्क और बंजर होती है। हमारे सौरमंडल में रेगिस्तानी ग्रहों का एक जाना-माना उदाहरण "मंगल" (Mars) है। आज, हम ऐसे ही दिलचस्प रेगिस्तानी ग्रहों और उनकी महत्वपूर्ण विशेषताओं की रोमांचक यात्रा पर चलेंगे। साथ ही हम मंगल के भूभाग और वातावरण के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे। अंत में, हम सिंट्रिकिया कैनिनर्विस (Syntrichia caninervis) नामक एक रेगिस्तानी काई (Desert Moss) के बारे में जानेंगे, जिसका मंगल ग्रह से गहरे संबंध का पता चला है।
“रेगिस्तानी ग्रह को एक ऐसे ग्रह के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो ज़्यादातर या पूरी तरह से रेगिस्तान से ढका होता है।” इसकी जलवायु गर्म और शुष्क होती है। इस प्रकार के ग्रह पर बारिश नहीं होती है। किसी ग्रह को रेगिस्तानी ग्रह मुख्य रूप से इसलिए माना जाता है, क्यों कि "इसकी सतह पर तरल पानी की कमी होती है।" यदि ग्रह पर बहुत कम पानी है, तो उसे रेगिस्तानी ग्रह कहा जा सकता है।
इसके अलावा एक रेगिस्तानी ग्रह की कई अन्य प्रमुख विशेषताएं भी होती हैं।
इनमें शामिल हैं:
पानी की कमी:
यह कहना उचित नहीं होगा कि रेगिस्तानी ग्रहों पर पानी बिल्कुल भी नहीं होता है।" यहाँ पर, पानी अक्सर सतह के नीचे भूजल के रूप में पाया जा सकता है। यहाँ पर पानी स्थायी ध्रुवीय बर्फ़ (Permanent Polar Ice) की चोटियों में भी मौजूद हो सकता है। कुछ रेगिस्तानी ग्रहों पर थोड़ी मात्रा में सतह पर भी तरल पानी देखा जा सकता है। इससे दलदली क्षेत्रों का निर्माण हो सकता है।
भूआकृति विज्ञान: कुछ रेगिस्तानी ग्रह, अभी भी अपने "गीले" होने के संकेत दिखाते हैं। यहाँ पर नदी के तल, घाटियाँ, बहिर्वाह चैनल (Outflow Channels) और नाले देखे गए हैं। हालांकि, अन्य रेगिस्तानी ग्रहों पर ऐसे संकेत नहीं दिखते। ऐसा चित्रण विशेष रूप से उन ग्रहों में देखा जाता है, जो बनने के तुरंत बाद अपना पानी खो चुके होते हैं। इन ग्रहों की सतह, मुख्य रूप से टेक्टोनिक गतिविधि (Tectonic Activity), ज्वालामुखी गतिविधि (Volcanic Activity) और हवा के कटाव से आकार लेती है।
रहने योग्य परिस्थतियाँ: सतह पर कठोर परिस्थितियों के बावजूद, शुष्क ग्रहों में जीवन पाया जा सकता है। वास्तव में, इन ग्रहों में जलीय ग्रहों की तुलना में रहने योग्य क्षेत्र, अधिक बड़ा हो सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इन ग्रहों में उच्च तापमान पर ग्रीनहाउस प्रभाव (Greenhouse Effect) होने और कम तापमान पर सतह पर पानी के बर्फ़ के रूप में जमने की संभावना कम होती है।
हमारे सौर परिवार में, मंगल ग्रह, शुष्क ग्रह का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह पृथ्वी के बाद चौथे स्थान पर आता है। इसका रंग लाल-भूरा है। मंगल के कक्ष (Orbit) में दो असामान्य चंद्रमा भी हैं। यह ग्रह ठंडा और शुष्क ग्रह है। यहां का वायुमंडल बहुत पतला है। मंगल एक छोटा ग्रह है। लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों की इसमें ख़ूब दिलचस्पी रहती है। नासा (NASA) के अनुसार, मंगल हमारे सौरमंडल के सबसे अधिक खोजे गए ग्रहों में से एक है।
इसके अलावा भी मंगल से जुड़े कई दिलचस्प तथ्य हैं, जो आपको हैरान कर देंगे:
१. मंगल ग्रह पर भयंकर धूल के तूफान आते हैं, जो पूरे ग्रह को ढक सकते हैं।
.यहाँ का तापमान बहुत ठंडा हो सकता है।
३. यहाँ के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide), बर्फ या पाले (frost) में बदल सकता है।
४. पृथ्वी की तरह, मंगल पर भी समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं।
यदि अभी तक के लेख को पढ़ने के बाद आपकी भी मंगल ग्रह के प्रति रुचि बढ़ रही है, तो हम आपको पृथ्वी पर मंगल जैसे वातवरण वाले कुछ दिलचस्प स्थानों की सैर करा सकते हैं। ये स्थान, आपको करीब-करीब मंगल ग्रह जैसा ही अनुभव देंगे।
कुछ रोमांचक स्थानों में शामिल हैं:
अटाकामा रेगिस्तान, चिली (Atacama Desert, Chile): अटाकामा रेगिस्तान, चिली में स्थित है। यह एंटोफ़गास्टा (Antofagasta) के दक्षिण में युंगय (Yungay) के परित्यक्त खनन शहर के पास स्थित है। यह रेगिस्तान, धरती में सबसे अधिक मंगल ग्रह जैसी दिखाई देने वाली जगहों में से एक माना जाता है। इसे धरती के सबसे शुष्क स्थानों में से एक माना जाता है। यहाँ कई दशकों तक बारिश ही नहीं होती। यहाँ हर साल, औसतन 10 मिमी से भी कम बारिश होती है। इस कारण यहाँ की मिट्टी बहुत शुष्क हो जाती है।
मैकमर्डो ड्राई वैलीज़, अंटार्कटिका (McMurdo Dry Valleys, Antarctica): मैकमर्डो ड्राई वैलीज़, पूर्वी अंटार्कटिका (East Antarctica) में स्थित हैं। ये बर्फ़ रहित घाटियों की एक श्रृंखला है । यह क्षेत्र बहुत ठंडा है और मंगल ग्रह के वातावरण से बहुत अधिक मिलता-जुलता है। यहाँ पर पूरे साल औसत तापमान -15°C से -30°C के बीच रहता है। यहाँ के कुछ हिस्सों में लाखों सालों से बारिश नहीं हुई है। यहाँ पर हर साल केवल 7-11 मिमी बर्फ़ गिरती है। यह बर्फ़ बहुत जल्द ही गायब भी हो जाती है।
हैंक्सविल, यूटा (Hanksville, Utah): हैंक्सविल, कोलोराडो पठार (Colorado Plateau) के कैन्यनलैंड्स (Canyonlands) में स्थित है। यह क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिम अमेरिका के चार राज्यों को कवर करता है। यहाँ पर लेट जुरासिक काल (Late Jurassic Period) की चट्टानों की संरचनाएँ हैं। प्राचीन दलदलों से आया गाद और रेत, यूटा रेगिस्तान में एक नारंगी-लाल परिदृश्य का निर्माण करता है। यह परिदृश्य, काफ़ी हद तक मंगल की सतह के समान दिखाई देता है।
टेनेरीफ़े, कैनरी द्वीप (Tenerife, Canary Islands): टेनेरीफ़े कैनरी द्वीप, छुट्टियाँ बिताने के लिए एक लोकप्रिय द्वीप है। इसका निर्माण, लगभग तीन मिलियन वर्ष पहले एक निष्क्रिय ज्वालामुखी द्वारा हुआ था। यहाँ पर 3,718 मीटर ऊँची माउंट टेइड (Mount Teide) की ढलान में खोखले लावा ट्यूब और ज्वालामुखीय गुफ़ाएं हैं। ये विशेषताएँ भी मंगल के समान हैं।
आइसलैंड (Iceland): आइसलैंड, दुनिया के सबसे भूगर्भीय रूप से सक्रिय स्थानों में से एक है। आइसलैंड के अधिकांश आंतरिक भाग को हाइलैंड्स (Highlands) कवर करते हैं। इस क्षेत्र में, ज़्यादातर निर्जन ज्वालामुखी रेगिस्तान हैं। यहाँ की गहरे रंग की ज्वालामुखीय मिट्टी में बहुत कम पानी होता है, इसलिए यहाँ पौधे भी बहुत कम उग पाते हैं। बहुत पहले मंगल की भांति, बड़े विस्फोटों ने यहाँ की घाटियों को लावा से भर दिया था।
चलते-चलते आपको एक ऐसी शानदार रेगिस्तानी काई के बारे में बताते चलते हैं, जो मंगल पर भी जीवित रह सकती है? क्या आप जानते हैं कि सिंट्रिकिया कैनिनेर्विस (Syntrichia caninervis) नामक एक काई, (Moss) बहुत शुष्क परिस्थितियों में भी जीवित रह सकती है। इसके अतिरिक्त, यह, -320.8°F (-196°C) जैसे बेहद ठंडे तापमान में भी जीवित रह सकती है। यह काई, उच्च स्तर के विकिरण को झेल सकती है। यह इन तीनों कठोर परिस्थितियों में एक साथ जीवित रह सकती है। मंगल ग्रह पर भी, ठीक ऐसी ही परिस्थितियाँ पाई जा सकती हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह काई, शैवाल (Algae) और टार्डिग्रेड (Tardigrade) जैसे बहुत कठोर जीवों से भी अधिक टिकाऊ है। इन जीवों की जीवित रहने की क्षमता का परीक्षण, अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में भी किया गया है। पृथ्वी पर, सिंट्रिकिया कैनिनेर्विस, रेगिस्तानी इलाक़ों में ज़मीन पर उगती है। इसे तिब्बत (Tibet), मध्य पूर्व (Middle East), मोजावे रेगिस्तान (Mojave Desert) और अंटार्कटिक (Antarctic) जैसी कठोर और विषम जगहों पर देखा जा सकता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/27t8bu7o
https://tinyurl.com/ycmsoh3t
https://tinyurl.com/259wswxa
https://tinyurl.com/276ylkdg

चित्र संदर्भ
1. मंगल ग्रह जैसे माहौल में दो अंतरिक्ष यात्रियों को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. आधे चमक रहे ग्रह को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
3. मंगल की सतह पर उठ रहे तूफ़ान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. मंगल ग्रह पर सबसे ऊंचे ज्वालामुखी, ओलंपस मॉन्स को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. अटाकामा रेगिस्तान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. हैंक्सविल, यूटा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. सिंट्रिकिया कैनिनेर्विस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


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