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हमारे शहर जौनपुर के नज़दीक स्थित वाराणसी, हमेशा से ही पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। वाराणसी को विश्व का सबसे प्राचीन शहर माना जाता है, जो शिव नगरी के नाम से भी विख्यात है। इस देव नगरी में निवास करना सभी के लिए सौभाग्य की बात मानी जाती है। इस शहर में घूमने के लिए देश-विदेश से हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। हिंदुओं के सात पवित्र नगरों में से एक वाराणसी का पुराना नाम काशी है, जिसका वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। गंगा किनारे बसा यह शहर हज़ारों सालों से उत्तर भारत का धार्मिक व सांस्कृतिक केंद्र रहा है। 1956 ईस्वी के पहले तक इस शहर को बनारस के नाम से जाना जाता था,
लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर वाराणसी कर दिया गया। वाराणसी का अर्थ है, ‘दो नदियों वरूणा व असि के बीच स्थित’ शहर। इसके इतिहास की बात करें, तो यह प्राचीन समय में धार्मिक केंद्र के साथ-साथ, एक औद्योगिक केंद्र भी था, जो रेशमी वस्त्र, इत्र, हाथी दांत व मूर्तिकला के काम के लिए जाना जाता था। महात्मा बुद्ध के समय यह स्थान धार्मिक, शैक्षिक व कलात्मक गतिविधियों का केंद्र भी रहा है। यहां देखने के लिए कई आकर्षण बिंदु हैं, जिनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट, संकट मोचन हनुमान मंदिर, अस्सी घाट, औरंगज़ेब द्वारा निर्मित आलमगीर मस्जिद की दो मीनारें आदि शामिल हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत की कुछ सबसे पुरानी वीडियो रिकॉर्डिंग्स, वाराणसी के घाटों की हैं। तो आइए आज हम कुछ चलचित्रों के ज़रिए, 1899 से 1935 की अवधि के इन दृश्यों को देखेंगे।
संदर्भ:
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