हमारे शहर के हर नागरिक ने अपने जीवन में कम से कम एक बार तो चीज़ (cheese) का स्वाद चखा ही होगा। केवल लखनऊ ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न हिस्सों में चीज़ की संस्कृति अभी भी विकसित हो रही है। हालांकि, देश में पहले से ही चीज़ के कई निर्माता और ब्रांड मौजूद हैं, जिनमें अमूल (Amul), चीज़ का सबसे बड़ा निर्माता माना जाता है। चीज़ बनाने के लिए, सबसे पहले ताज़े तरल दूध को गर्म करके, उसे सिरके या अन्य सामग्री की मदद से फाड़ लिया जाता है। इसके बाद बर्तन में मौजूद पानी का एक बड़ा हिस्सा निकाल लिया जाता है तथा ठोस पदार्थ को ऐसे ही रहने दिया जाता है। ठोस पदार्थ को पानी से धोकर उसे अच्छे से दबाया जाता है, ताकि चीज़ से सारा पानी निकल जाए। अब इसे कुछ समय के लिए कपड़े से ढककर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। चूंकि पानी की मात्रा कम होने पर चीज़ की शेल्फ लाइफ़ (Shelf life) बढ़ जाती है, इसलिए चीज़ बनाने की प्रक्रिया को खाद्य संरक्षण का एक रूप भी माना जा सकता है। तैयार चीज़ में, दूध के किण्वन (fermentation) के लिए, कई चरणों की आवश्यकता होती है, जैसे दूध को लैक्टिक-एसिड-उत्पादक बैक्टीरिया (lactic-acid-producing bacteria) के साथ तैयार करना, दूध को दही में बदलना, दही को काटना, दही को सिकोड़ना (पकाना), मट्ठे को निकालना, नमक डालना, दबाना और पकाना | ये चरण, चार मूल अवयवों से शुरू होते हैं, जिनमें दूध, सूक्ष्मजीव, रेनेट (rennet) और नमक शामिल हैं । तो आइए, आज हम, कारखानों में चीज़ निर्माण के चलचित्रों को देंखे। हम अमूल चीज़ की पूरी निर्माण प्रक्रिया को विस्तार से देखेंगे। इसके अलावा, हम यह भी जानेंगे कि लोग अपना खुद का चीज़ निर्माण व्यवसाय कैसे शुरू कर सकते हैं।