Post Viewership from Post Date to 11-Dec-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2449 161 2610

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भाग्य के प्रकार क्या हैं, जिन्हें लोग अपने अनुभव के अनुसार जानते हैं?

मेरठ

 10-11-2023 10:16 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

‘भाग्य’ तथा ‘भाग्यशाली’ शब्दों का उपयोग कई तरीकों से किया जाता है।हमारी रोजमर्रा की भाषा में, भाग्य का अर्थ “सौभाग्य” है। जबकि, हमारी सामान्य चर्चा में, “भाग्य” का अर्थ, सौभाग्य या दुर्भाग्य हो सकता है। यदि आप किसी भी चीज़ में सफल होने का लक्ष्य बना रहे हैं, तो भाग्य स्पष्ट रूप से एक महत्वपूर्ण विचार होता है। पहला वह है, जब संयोग का तत्व उस व्यक्ति के साथ जुड़ा हुआ होता है। इस प्रकार का भाग्य व्यापक और सामान्य है। जैसे कि, अमीर माता-पिता की संतान स्वयं भी अमीर बन जाती है। जबकि, दूसरे प्रकार का भाग्य व्यक्ति की जिंदगी में, बाद में घटित होता है। लेकिन, इसकी भविष्यवाणी या नियंत्रण करना अभी भी असंभव है।
उदाहरण के तौर पर, बड़ी रकम वाली लॉटरी (Lottery) जीतना। तथा, तीसरी तरह की किस्मत हमारे दुनिया में आने के बाद, निश्चित होती है। कुछ लोगों के सफल होने और दूसरों के असफल होने का कारण यह है कि, सफल व्यक्ति के पास कौशल और ज्ञान होता है, जबकि असफल व्यक्ति के पास इन गुणों की कमी हो सकती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कर रहे हैं या किस व्यवसाय में हैं, भाग्य अपनी भूमिका निभाता ही है। लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि, भाग्य भी कई प्रकार का होता है। कुछ प्रकार के भाग्य पर हमारा नियंत्रण नहीं होता है। लेकिन, कुछ भाग्य को हम अपने कार्यों से प्रभावित कर सकते हैं। भाग्य के कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
अंधविश्वास के रूप में भाग्य: भविष्य का कोई अच्छा या बुरा भाग्य,कुछ चीजों से प्रभावित हो सकता है।इसमें ऐसे कार्य भी शामिल हो सकते हैं, जो कोई व्यक्ति जानबूझकर कर सकता है। जैसे कि, जन्मदिन के केक की मोमबत्तियां बुझाना, गलती से दर्पण तोड़ना। या फिर, जो चीज़े हमारे आस-पास घटित होती है, जैसे कि, काली बिल्ली द्वारा रास्ता काटना; कुछ लोगों के अनुसार इससे भी भाग्य प्रभावित हो सकता है। सभी संस्कृतियों में, अलग–अलग अंधविश्वास हैं। “भविष्य की घटनाओं” के अलावा,यह विश्वास करना कि,अतीत में घटी घटनाएं भी बुरी किस्मत के कारण हुई थी, एक और अंधविश्वास होगा।
पूर्वव्यापी भाग्य: यह अच्छे भाग्य की एक संक्षिप्त परिभाषा है।जब किसी आकस्मिक घटना का परिणाम विचाराधीन व्यक्ति के अनुकूल होता है, तब हम इस अवधारणा पर विचार करते हैं।हम में से अधिकांश लोग, अपने व्यक्तिगत अतीत के अनुभवों को देखते हुए, ऐसे कई उदाहरण पाएंगे, जहां हम मानते हैं कि, हम भाग्यशाली या बदकिस्मत थे।और, “पूर्वव्यापी भाग्य” से यही अभिप्राय है।
भविष्य के अवसर को पाने के रूप में भाग्य: ‘मौका’ इस शब्द का प्रयोग अक्सर ही, किसी‘अवसर’ के लिए किया जाता है।भाग्यशाली लोग अपने जीवन में, विभिन्न अवसर पैदा करते हैं तथा उन पर कार्य करते हैं।अतः वे अपने अंतर्ज्ञान एवं आंतरिक भावनाओं का उपयोग करके सफल निर्णय लेते हैं। भविष्य को लेकर उनकी उम्मीदें, उनके सपनों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करती हैं।इस तरह, भाग्यशाली लोग अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने में सक्षम होते हैं। एक तरफ, अधिकांश लोग भाग्य को एक ऐसी चीज़ के रूप में समझते हैं, जो बस हमारे साथ घटित होती है, और जो की हमारे लिए, ब्रह्मांड का एक उपहार होता है। इस आधार पर, भाग्य के निम्न प्रकार हो सकते हैं:
भाग्य जो विचारों के पार हो: यह उस प्रकार का भाग्य है, जो तब काम करता है, जब हमें एक असाधारण मौका मिलता है या फिर, जब हम एक प्रतिभाशाली स्तर की लॉटरी जीतते हैं। हां, हम ऐसे भाग्य को प्रभावित करने हेतु, कुछ भी नहीं कर सकते हैं। हमें बस यह सुनिश्चित करना चाहिए कि, यदि यह हमारे भाग्य को उज्वलित करता है, तो हमें इसे बर्बाद नहीं करना हैं। यदि आप लॉटरी जीतते हैं, तो उस पैसे को खर्च करने के बजाय, कार्यात्मक व्यवसायों में निवेश करें।
गतिविधि द्वारा भाग्य: दरअसल, यह भाग्य हमारे नियंत्रण में होता है। इस प्रकार का भाग्य तब होता है, जब आप “संघर्ष और ऊर्जा के माध्यम से, गति पैदा कर रहे होते हैं।” आप सरल गतिविधियों के माध्यम से, अपना भाग्य क्षेत्र बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार की किस्मत को शारीरिक गतिविधि द्वारा बढ़ाया जा सकता है, जैसे कि, अधिक लोगों से मिलना, अधिक स्थानों पर जाना…आदि।
यदि हम अपनी रुचि वाली चीज़ों के इर्द-गिर्द कुछ कंटेंट (Content), व्यवसाय या मीडिया(Media) बनाते हैं, तो हम गति से, अपना भाग्य उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए, अधिक चीज़ों का समन्वेषण करें, अधिक लोगों से मिलें और अपना कार्य जारी रखें।
जागरूकता द्वारा भाग्य: कुछ अभ्यासकों का दावा है कि, यदि हम जागरूक है, तो हम, “पहले ही, भाग्य का पता लगा सकते हैं।”खुलेपन, जिज्ञासा, आशावाद तथा अनुभव के कुछ संयोजन के माध्यम से, जब भाग्य प्रकट होता है, तो हम उसे पहचानने की अधिक संभावना रखते हैं। इसलिए, इन गुणों को विकसित करने से हम भाग्यशाली बन सकते हैं। अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में होने वाली सकारात्मक घटनाओं पर नज़र रखें। और, यदि हमें कोई ऐसा अवसर मिलता है जो आशाजनक लगता है, तो लगातार उसका अनुसरण करें।
विशिष्टता द्वारा भाग्य: दुनिया को कौशल, अनुभव एवं रुचियों का एक असामान्य संयोजन प्रदान करने से, हमारी अलग दिखने और अवसरों को आकर्षित करने की संभावना अधिक हो जाती है। और यह विशिष्टता हमें सिर्फ दिलचस्प ही नहीं, बल्कि भाग्यशाली भी बनाएगी। जिन चीज़ों में आपकी रुचि है, उनका दृढ़तापूर्वक पालन करें और उन क्षेत्रों में कौशल विकसित करें। आप दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बन जायेंगे, क्योंकि, आप जो करते हैं, वह केवल आप ही कर सकते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/ytrhz5kr
https://tinyurl.com/yvxj7z64
https://tinyurl.com/2tzxzjbw
https://tinyurl.com/r92ampuy

चित्र संदर्भ
1. भाग्य के प्रतीकों को दर्शाता एक चित्रण (PxHere)
2. गरीब और अमीर के भेद को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. सौभाग्य के तथाकथिक प्रतीकों को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id