Post Viewership from Post Date to 10-Dec-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3193 154 3347

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

हमारे रामपुर में हर साल सर्पदंश के मामले सामने आते हैं, लेकिन हर सांप ज़हरीला नहीं होता

मेरठ

 09-11-2023 09:42 AM
रेंगने वाले जीव

हमारा रामपुर तराई क्षेत्र में स्थित है, जहां पर किंग कोबरा (King Cobra) और बर्मीज अजगर (burmese python) सहित, विभिन्न प्रकार के सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से कई प्रजातियां जहरीली नहीं होती लेकिन लेकिन इन्हीं में सांपों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी शामिल हैं, जिनका काटा हुआ इंसान पानी भी नहीं मांगता। साँपों के काटने से मनुष्यों और जानवरों दोनों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। हमारे रामपुर में भी हर साल सर्पदंश के कुछ मामले सामने आते हैं। क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में हर पांच मिनट के भीतर लगभग 50 लोगों को सांप काट लेता है, और इन पचास लोगों में से एक की मौत हो जाती है। यह घटनाएं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक देखी जाती हैं, क्यों कि वहां पर लोगों की स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सीमित होती है।
भारत में विशेष रूप से रामपुर जैसे तराई क्षेत्रों में तो सर्पदंश एक बहुत ही बड़ी चिंता बनकर उभरी है। देश की लगभग 50% से अधिक आबादी इन्हीं क्षेत्रों में निवास करती है।
तराई क्षेत्र में सर्पदंश की घटनाएँ बहुत अधिक देखी जाती हैं। हर साल यहां पर प्रति 100,000 लोगों में से अनुमानित 261 लोग सर्पदंश का शिकार हो जाते हैं। इस क्षेत्र में किये गए एक सर्वेक्षण में शामिल 12,998 घरों में से, 154 (1.18%) घरों में इंसानों को साँप द्वारा काटे जाने के मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा 91 (0.7%) घरों में घरेलू जानवरों को साँप द्वारा काटे जाने के मामले दर्ज किए गए थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि “ सापों द्वारा जानवरों को काटे जाने की संभावना ठंड के महीनों में अधिक होती है। इस दौरान प्रत्येक डिग्री सेल्सियस (degree celsius) ठंड बढ़ने पर सर्पदंश का खतरा भी 23.4 गुना बढ़ जाता है। तराई क्षेत्रों में सर्पदंश की अधिक घटनाओं का एक मुख्य कारण “गरीबी” भी है। दरअसल इस क्षेत्र में अधिकांश लोग खेती का काम करते हैं और सांपों के करीब रहते हैं। इसी कारण उन्हें सापों द्वारा काटे जाने की संभावना भी अधिक हो जाती है। सर्पदंश की अधिक घटनाओं का एक अन्य कारण सर्पदंश की रोकथाम और उपचार से जुड़ी जागरूकता की कमी भी है। तराई में बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि उन्हें सांप के काटने पर करना क्या चाहिए? इसी उलझन के कारण उन्हें उपचार प्राप्त करने में देरी हो सकती है, जो उनके लिए घातक हो सकता है। हमारे रामपुर के निकट उत्तराखंड में वनकर्मी भी इंसानों और सांपों के बीच इस टकराव को समझने और कम करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिए वे किंग कोबरा (King Cobra) सहित सांपों की कुछ प्रजातियों का मानचित्रण कर रहे हैं, और स्थानीय समुदायों को साँपों से बचने की सुरक्षित तकनीकों के बारे में भी प्रशिक्षित कर रहे हैं।
उत्तराखंड में कॉमन कोबरा (common Cobra,), कॉमन क्रेट (Common Krait), रसेल वाइपर (Russell's Viper) और किंग कोबरा (King Cobra) जैसे जहरीले सांप भी पाए जाते हैं। हालांकि उत्तराखंड में लोग सांपों के साथ रहने के आदी हो गए हैं, और आमतौर पर उनसे डरते नहीं हैं। लेकिन, फिर भी संघर्ष और घायल होने के जोखिम को कम करने के लिए बेहतर साँप प्रबंधन प्रथाओं की सख्त आवश्यकता है। हाल के वर्षों के दौरान उत्तराखंड में 2,400 मीटर (8,000 फीट) की ऊंचाई पर किंग कोबरा की संख्या पहले की तुलना में अधिक देखी गई है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई असामान्य घटना नहीं है,क्यों कि पूर्वोत्तर भारत में इससे भी अधिक ऊंचाई पर किंग कोबरा देखे जाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। उनका मानना है कि सांप अब भोजन और आश्रय की तलाश में ऊंचाई पर जा रहे हैं। उत्तराखंड में किंग कोबरा के अधिकांश दर्शन इंसानी आबादी के निकट हुए हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि इन क्षेत्रों में सांपों के लिए भोजन और आश्रय मिलने की संभावना अधिक होती है।
हिमालय और पूर्वोत्तर भारत की तलहटी में बर्मी अजगर जैसे बड़े और कम या गैर-जहरीले सांप भी रहते हैं। बर्मी अजगर दुनिया के सबसे बड़े सांपों में से एक होते हैं, जिनकी मादाएं नर की तुलना में बड़ी होती हैं। ये सांप पक्षियों, स्तनधारियों, सरीसृपों और उभयचरों जैसे शिकार को खोजने के लिए अपने गर्मी-संवेदन अंगों का उपयोग करके रात में शिकार करते हैं। बर्मी अजगर आम तौर पर शांत और मनुष्यों के प्रति सहनशील होते हैं। हालाँकि, कभी-कभी ग्रामीणों द्वारा उन्हें ज़हरीला सांप समझकर मार दिया जाता है।
यदि सापों की बात चल ही रही है तो आपको हमारे रामपुर में घटित एक चौंका देने वाला मामला भी सुनाते हैं। दरअसल रामपुर के स्वार तहसील क्षेत्र के अंतर्गत गांव मिर्ज़ापुर में एक नागिन ने नाग की हत्या का बदला लेने के लिए एक शख्स को 7 बार डंस लिया। लेकिन मज़े की बात यह है कि वह व्यक्ति हर बार जीवित बच गया। घटना सामने आने के बाद पूरे इलाके और आसपास के गांव वाले भी इस युवक को देखने के लिए उसके घर पर पहुंचने लगे। दरअसल रामपुर के स्वार तहसील क्षेत्र के अंतर्गत गांव मिर्ज़ापुर के रहने वाले एहसान उर्फ बबलू ने लाठी से वार कर नाग को मार दिया था। लेकिन नागिन किसी तरह से वहां से बचकर निकल गई थी। अब बबलू कह रहे हैं कि 7 महीने से एक नागिन उनके पीछे पड़ी हुई है।, और उन्हें 7 बार डंस चुकी है। नागिन और एहसान के बीच हो रही इस जंग में कुदरत दोनों का ही साथ दे रही है। लेकिन इसका अंत अभी भी किसी को नहीं पता। सांप के काटने की एक घटना रामपुर के मिलक के रठौडा स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर के मेला परिसर में भी देखने को मिली, जहाँ एक कांवड़िए को सांप ने डस लिया। हालांकि ड्यूटी पर तैनात दारोगा ने उन्हें नगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया था और इलाज के बाद कांवड़िये की जान बच गई।

संदर्भ
https://tinyurl.com/5dw6a4f7
https://tinyurl.com/5bz7zxfn
https://tinyurl.com/2ums8cth
https://tinyurl.com/2uynamjr
https://tinyurl.com/yc6w9n9y
https://tinyurl.com/nhafj5ab
https://tinyurl.com/3zztjwme

चित्र संदर्भ

1. एक सांप को दर्शाता एक चित्रण (staticflickr)
2. विभिन्न प्रजातियों के साँपों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. घने जंगल को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. भारत में प्रजातियों के आधार पर सर्पदंश (2020 अध्ययन) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. जंगल में सांप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. सर्पदंश को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id