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मेरठ शहर को न केवल अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के लिए, बल्कि यहां पर मौजूद कपड़ों के थोक बाजारों के लिए भी जाना जाता है। ये बाज़ार देशभर के खुदरा विक्रेताओं, बुटीक मालिकों और फैशनेबल (Fashionable) तथा किफायती कपड़ों की खरीदारी करने वाले व्यवसायियों को भी आकर्षित करते हैं। ब्लू जींस (Blue Jeans) इन बाजारों में सबसे अधिक मांग वाले परिधानों या वस्त्रों में से एक मानी जाती है। पश्चिमी मूल की उत्पत्ति होने के बावजूद भी, ब्लू जींस भारत के गांव-गांव में अपनी पहुंच बना चुकी है।
जींस, जिसे डंगरी (Dungarees), डेनिम (Denim) या लीवाइस (Levi's) के नाम से भी जाना जाता है, एक तरह की पतलून होती है। इन्हें मूल रूप से 19वीं शताब्दी के मध्य में टिकाऊ वर्कवियर (Sustainable Workwear) के रूप में “लीवाइ स्ट्रॉस (Levi Strauss)” द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में डिजाइन किया गया था।
लीवाइ स्ट्रॉस ने अपनी मेहनत और काबीलियत के बल पर 1853 में लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी (Levi Strauss & Co.) नामक एक कंपनी शुरू की जो, आज की तारीख में विश्व स्तर पर सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध वस्त्र निर्माता कंपनियों में से एक बन चुकी है। इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया (San Francisco, California) में है। इस कंपनी को विशेष तौर पर “लीवाइ (Levi's)” नामक अपनी नीली डेनिम जींस के लिए जाना जाता है, जिसे हम आम भाषा में लीवाइस के नाम से भी जानते हैं। हालांकि यह कंपनी इस जींस के अलावा अन्य परिधानों की एक विस्तृत श्रृंखला का भी उत्पादन करती है, जिसमें स्लैक्स (Slacks), जैकेट (Jacket), टोपी, शर्ट (Shirt), स्कर्ट (Skirt) और बेल्ट (Belt) शामिल हैं।
कंपनी के संस्थापक लीवाइ स्ट्रॉस का जन्म 26 फरवरी, 1829 को जर्मनी के बवेरिया (Bavaria) के एक छोटे से शहर बुटेनहेम (Butenhem) में हुआ था। लीवाइ का परिवार यहूदी था, और उन्हें बवेरिया में धार्मिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ा था। लीवाइ जब महज 16 साल के थे, उस समय उनके पिता की तपेदिक से मृत्यु हो गई। इसके बाद अपने घर की जिम्मेदारी लीवाइ के ऊपर आ गई।
साल 1847 में, 18 साल की उम्र में, लीवाइ और उनकी मां और दो बहनें संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। यहाँ पर न्यूयॉर्क शहर में उनके भाइयों ने पहले ही कपड़ों का छोटा व्यवसाय स्थापित कर लिया था। लीवाइ ने कई वर्षों तक अपने भाइयों के लिए काम किया। लेकिन वह एक महत्वाकांक्षी बालक थे, और उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना भी देखा था।
1853 में, लीवाइ ने पश्चिम अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया जाने का फैसला किया, जो उस समय गोल्ड रश (Gold Rush) के कारण खूब फलफूल रहा था। उन्होंने यहाँ पर एक कपड़े की दुकान खोली और विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बेचना शुरू किया, जिसमें मजबूत डेनिम कपड़े (Strong Denim Fabric) से बने वर्क पैंट (Work Pants) भी शामिल थे। 1873 में लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी ने नीली जींस के लिए अमेरिकी पेटेंट (Patent) प्राप्त कर लिया। 'पेटेंट', किसी एक विचार या आविष्कार के लिए दिया गया एक विशेष अधिकार है, जो सामान्य तौर पर कुछ करने का एक नया तरीका प्रदान करता है, या किसी समस्या का एक नया तकनीकी समाधान प्रदान करता है।
1886 में, लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी नामक उनकी कंपनी ने अपना प्रतिष्ठित टू हॉर्स ट्रेडमार्क (Two Horse Trademark) भी पेश किया, जिसमें दो घोड़ों को लीवाइ की जींस को खींचने / फाड़ने का प्रयास करते हुए दिखाया गया है। यह लोगो (Trademark Logo), कंपनी के उत्पादों की मजबूती और स्थायित्व का प्रतीक बन गया। 1936 में कंपनी ने जींस की दाहिनी पिछली जेब में लाल टैब जोड़ा, जो उन्हें प्रतिस्पर्धी उत्पादों से अलग करता है।
1946 के बाद लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी ने थोक बिक्री बंद करने और अपने स्वयं के लेबल के तहत कपड़े बनाना शुरू करने का फैसला किया, जिसके बाद उनके द्वारा निर्मित कपड़ों की मांग बहुत ही तेज़ी से बढ़ने लगी। 1960 के दशक तक, लीवाइ की जींस और अन्य डेनिम पैंट दुनिया भर में लोकप्रिय हो गए थे। यह कंपनी 1971 में सार्वजनिक हुई और तब तक यह 50 देशों में काम कर रही थी।
हालांकि 1980 के दशक के दौरान, लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी को बढ़ती प्रतिस्पर्धा और वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कंपनी के लगभग 60 अमेरिकी विनिर्माण संयंत्र ठप्प पड़ गए और कंपनी ने अपने उत्पादन को विदेशों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया। 1990 में, कंपनी पर श्रमिकों के एक वर्ग द्वारा मुकदमा भी दायर किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी ने सैन एंटोनियो, टेक्सास (San Antonio, Texas) में अपना संयंत्र बंद कर दिया था और पेंशन, विकलांगता और अन्य लाभों का भुगतान करने से बचने के लिए इसे कोस्टा रिका (Costa Rica) में स्थानांतरित कर दिया था। मामला अंततः खारिज कर दिया गया, लेकिन इससे लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुँचा।
1986 में कंपनी द्वारा डॉकर्स खाकी (Dockers Khaki) लॉन्च की गई, जिसने व्यावसायिक पोशाक क्षेत्र में क्रांति ला दी और कार्यस्थल में आरामदायक पहनावे (Casual Attire) को अधिक स्वीकार्य बना दिया। कंपनी ने 2004 में अपने अंतिम दो अमेरिकी विनिर्माण संयंत्र बंद कर दिए। हालांकि, लीवाइ स्ट्रॉस वस्तुओं का कुछ उत्पादन पिछले दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में फिर से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और नवीन नए उत्पादों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करके परिधान उद्योग में आज भी अग्रणी बनी हुई है।
आज इसके उत्पाद अपनी गुणवत्ता, स्थायित्व और शैली के लिए जाने जाते हैं। लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी के अध्यक्ष मिशेल गैस (Michel Gass) यह बताते हैं कि इस जींस निर्माता कंपनी के लिए भारत अब एशिया में सबसे बड़ा और वैश्विक स्तर पर छठा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। " लीवाइ ब्रांड ने इस महत्वपूर्ण बाजार में महामारी से पहले के राजस्व स्तर की तुलना में लगभग 50% की वृद्धि की है।" उन्हें उम्मीद है कि युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की बदौलत 2023 में भारत में उनकी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। लीवाइ जींस पूरी दुनिया में लोकप्रिय है और भारत, कंपनी के सबसे बड़े बाजारों में से एक के रूप में उभर रहा है। आज इस कंपनी का एक स्टोर मंगल पांडे नगर, मेरठ में भी खुल चुका है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yrr5ktyd
https://tinyurl.com/2h7azrea
https://tinyurl.com/5n8erzxv
https://tinyurl.com/ytufkfhs
https://tinyurl.com/2x55bewj
चित्र संदर्भ
1. लीवाइस जींस और लीवाइ स्ट्रॉस को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. लीवाइस जींस को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. लीवाइ स्ट्रॉस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. लीवाइ स्ट्रॉस कार्गो को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. लीवाइस स्टोर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. लीवाइस की डेनिम जैकेट को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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