क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार, अब तक प्रारंग और मेरठ का सफर

मेरठ

 13-08-2020 08:30 AM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

प्रारंग शहर की स्थानीय भाषा में विभिन्न शहरों/स्थानों की संस्कृति और प्रकृति पर हर रोज उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करके, संस्कृति - प्रकृति संतुलित करने का उद्देश्य रखता है। हम शहर विशेष की संस्कृति और प्रकृति के संदर्भ में दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ शहर के संसर्गों पर शोध करते हैं और उन्हें प्रस्तुत करते हैं। प्रारंग के लेखों की रूपरेखा में, हमने प्रकृति और संस्कृति दोनों का ही निम्नलिखित 6 (प्रत्येक में 3) भागों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया है:

संस्कृति

1. समयसीमा : इस बिंदु में पृथ्वी की शुरुआत से लेकर अब तक के समयकाल के बारे में बहुत से नये तथ्यों का पता चलेगा। हम दुनिया भर में सभ्यताओं के विकास के संश्रय में हमारे विशिष्ट शहर के विकास का पता लगाते हैं।

2. मानव व उनकी इन्द्रियाँ : शहर के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम मनोरंजन और संवर्धन की वस्तुओं और मानव आवश्यकता की गतिविधियों के विकास का पता लगाते हैं, जो ध्वनि, गंध, स्पर्श, स्वाद, दृष्टि और विचार के रूप में मानव अपनी इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करते हैं।

3. मानव व उसके अविष्कार : हम दस्तकारी और औद्योगिक उत्पादों और सेवाओं में हुए आविष्कारों और नवाचारों का पता लगाते हैं, क्यूंकि इनके द्वारा ही दुनिया ने विभिन्न सभ्यताओं की वृद्धि देखी है।

प्रकृति

1. भूगोल : प्रकृति के इस बिंदु में हम अपने शहर और विश्व के भूगोल के बारे में प्राप्त जानकारियों को संदर्भित करते हैं। यह भाग पृथ्वी पर मौजूद स्थानों की प्राकृतिक विषेशताओं पर रौशनी ड़ालता है जैसे नदियाँ, समुद्र, जंगल इत्यादि।

2. जीव–जन्तु : जीव-जन्तु प्रकृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। प्रारंग के प्रकृति खण्ड के इस भाग में जानिए अपने शहर और विश्व भर में पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं से जुडी रोचक जानकारी का वर्णन।

3. वनस्पति : पेड़-पौधों अथवा वनस्पति लोक का अर्थ, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के रूप, रचना, स्थानिक प्रसार या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से है।


क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार, अब तक प्रारंग और मेरठ का सफर


1. म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण:

हड़प्पा सभ्यता के समकालीन थी गेरू रंग के बर्तनों की संस्कृति

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/3982/The-culture-of-ocher-pots-was-contemporary-with-the-Harappan-civilization


2. हथियार व खिलौने

एक लचीला और घातक अस्त्र: उरुमी
>

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/4033/A-flexible-and-deadly-blade-Urumi


3. य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

अंग्रेज़ों के समय से चली आ रही भारत की यह निजी रेल

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/3479/This-private-train-of-India-which-has-been-running-since-the-time-of-the-British


4. संचार एवं संचार यन्त्र

सोशल मीडिया पर जाली खबरों को रोकने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/2662/Training-programs-to-prevent-fake-news-on-social-media


5. घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

फर्नीचरों का एक अद्भूत रूप केन फर्नीचर (Cane furniture)

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/2683/Cane-furniture-a-wonderful-form-of-furniture


6. वास्तुकला 1 वाह्य भवन

मेरठ कैंट स्थित शनिधाम में है, शनिदेव की 27 फ़ीट ऊँची अष्ठधातु प्रतिमा

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3839/The-Bada-Imambara-of-Lucknow-is-a-very-special-building


7. वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

यह बॉक्स जो कि लंदन में है हमारे मेरठ में उत्पन्न हुआ था

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/2703/jute-market-in-India


8. नगरीकरण- शहर व शक्ति

21वीं सदी में ख़त्म होते, मोची व्यवसाय के लिए नए क्षितिज

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/4560/New-horizons-for-the-dying-cobbler-business-in-the-21st-century


9. सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

स्‍वयं कैसे मापें पृथ्‍वी की परिधि को

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/3295/How-to-measure-the-circumference-of-the-earth-on-your-own


10. सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

क्या थी गांधी जी के विचारों में हिन्दू मुस्लिम एकता?

लिंक - https://prarang.in/meerut/posts/4062/What-was-Hindu-Muslim-unity-in-the-thought-of-Gandhi-ji


प्रारंग द्वारा आपके शहर में अब तक संस्कृति और प्रकृति से जुड़े 1000 से भी अधिक लेख प्रकाशित किये जा चुके हैं, तो आईये प्रारंग के संग, अपने शहर के विभिन्न रंगों का आनंद लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

https://prarang.in/meerut/#

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