दशहरे के मौके पर हमारे रामपुर में गंगा-जमुनी संस्कृति की एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है। दरअसल, रामपुर में एक मुस्लिम परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से रावण के पुतले बना रहा है। रामपुर में रहने वाले जाहिद पिछले 40 सालों से पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। ज़ाहिद की कहानी, हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल बन सकती है। आज दशहरे के दिन, ज़ाहिद की कहानी के बाद हम आपको एक और कहानी सुनाने जा रहे हैं। यह प्रसिद्ध पश्चिमी कहानी, बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाती है। असल में, यह सिर्फ़ एक कहानी नहीं है, बल्कि एक पूरा उपन्यास है, जिसका शीर्षक "द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब (The Lion, the Witch, and the Wardrobe)" है। इस शानदार उपन्यास को सी.एस. लुईस (C.S. Lewis) ने लिखा था। इसे 1950 में जेफ़्री ब्लेस (Geoffrey Bles) ने प्रकाशित किया था। यह " क्रोनिकल्स ऑफ़ नार्निया (Chronicles of Narnia)" श्रृंखला की पहली और सबसे प्रसिद्ध किताब है। इस श्रंखला में कुल सात किताबें हैं। इस कहानी में अच्छे और बुरे दोनों तरह के पात्र हैं। चलिए अब इस कहानी की खासियतों और इसके छिपे संदेशों को समझने के लिए इसमें गहराई से उतरते हैं। इस लेख में हम "द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब" के मुख्य पात्रों की भूमिका को समझेंगे। आगे हम कहानी के सांस्कृतिक महत्व के बारे में बात करेंगे। इसके अलावा, हम देखेंगे कि यह किताब, धार्मिक प्रतीकवाद और विषयों को कैसे जोड़ती है। अंत में, हम इसे दशहरे की आधुनिक प्रासंगिकता से भी जोड़ेंगे।
आइए सबसे पहले हम द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब के सबसे प्रमुख पात्रों से मिलते हैं:
असलान: असलान (Aslan), नार्निया (Narnia) का राजा है। वह एक शक्तिशाली शेर है, जिसने एडमंड (Edmund) की वाइट विच (White Witch) से रक्षा करने के लिए अपनी जान गवां दी। लेकिन अगली सुबह वह फिर से जीवित हो जाता है और वाइट विच को पूरी तरह से परास्त कर देता है। असलान इस कहानी में ईसा मसीह का प्रतीक है।।
द वाइट विच: वाइट विच, नार्निया की मुख्य विलेन (Villain) है। वह "सम्राट की जल्लाद (Emperor's Executioner)" है और उसके पास नार्निया के गद्दारों को मारने का अधिकार होता है। उसके पास एक जादुई छड़ी भी होती है जो लोगों को पत्थर में बदल देती है। वह एडमंड को लालची बनाने के लिए तुर्की डिलाइट (Turkish Delight) का निर्माण करती है। कहानी में वह बुराई का प्रतीक है।
पीटर पेवेन्सी (Peter Pevensie): पीटर, पेवेन्सी बच्चों में सबसे बड़ा भाई है। वह नेक और बहादुर है। बड़ा होने पर वह अपनी बहन सूज़न (Susan) को एक भेड़िये से बचाता है। असलान उसे नाइट (Knight) की उपाधि देता है और अंत में नार्निया का राजा बना देता है। उसे किंग पीटर द मैग्निफिसेंट (King Peter the Magnificent) के नाम से जाना जाता है।
एडमंड पेवेन्सी: एडमंड (Edmund), पेवेन्सी का तीसरा बच्चा है। कहानी में उसे स्वार्थी और मतलबी दिखाया गया है। वह अपनी बहन लूसी (Lucy) को परेशान कर देता है और तुर्की डिलाइट के लिए अपने भाई-बहनों को भी धोखा दे देता है। वह व्हाइट विच के साथ मिल जाता है, लेकिन बाद में अपनी गलतियों का एहसास कर वापस अपने परिवार की मदद करने आता है।
लूसी पेवेन्सी: लूसी (Lucy), पेवेन्सी बच्चों में सबसे छोटी है। वह ख़ुशमिजाज, दयालु और बहादुर है। लूसी नार्निया की खोज करने वाली पहली बच्ची है। जब वह अपने दोस्त टुमनस (Tumnus) को मुसीबत में देखती है, तो अपने भाई-बहनों को उसकी मदद करने के लिए प्रेरित करती है। इस कहानी की शुरुआत में, लूसी नायिका होती है, लेकिन बाद में असलान उस भूमिका को निभाता है।
मिस्टर. टुमनस: मिस्टर. टुमनस (Mr. Tumnus) एक फॉन (Faun) है। वह लूसी से मिलने वाला पहला प्राणी है। वह उसे अपने घर ले जाता है, जहाँ वह उसे चाय और केक परोसता है और जंगल की कहानियाँ सुनाता है। लूसी को उसकी गुफा में किताबें मिलती हैं, जिससे पता चलता है कि वह होशियार भी है। वह लूसी को जाने देता है और उसे लैंप-पोस्ट (Lamp-post) तक वापस जाने का रास्ता भी दिखाता है। बाद में, उसे पुलिस गिरफ़्तार कर लेती है और वाइट विच उसे एक मूर्ति में बदल देती है। लूसी उसे बचाने की भरपूर कोशिश करती है।
प्रोफ़ेसर किर्के: प्रोफ़ेसर किर्के (Professor Kirke) लंदन में पेवेन्सी बच्चों को अपने घर में पनाह देते हैं। वह एक पुराने और रहस्यमय घर में रहते हैं। वह दयालु और उदार हैं और दूसरों को अपना घर दिखाने में खुश होते हैं। उन्हें एक उदार व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है।
फ़ादर क्रिसमस: फ़ादर क्रिसमस (Father Christmas), लंबे समय से नार्निया से दूर रहते हैं। वाइट विच ने अपने जादू से नार्निया को लंबे समय से सर्दियों के आगोश में रखा है और वह वहाँ क्रिसमस भी नहीं होने देती है। लेकिन जब फ़ादर क्रिसमस नार्निया आते हैं, तो चुड़ैल का जादू कमज़ोर पड़ने लगता है। वह पीटर, सुसान और लूसी को ख़ास उपहार देते हैं। वह लाल रंग का लबादा पहनते हैं, उनकी दाढ़ी सफेद है, और वह हिरनों के साथ स्लेज (Sledge) चलाते हैं। वह अलमारी के दूसरी तरफ भी प्रसिद्ध हैं।
मिस्टर बीवर: जंगल में एक रॉबिन बच्चों को मिस्टर बीवर (Mr. Beaver) के पास ले जाता है। वह उन्हें वही रूमाल दिखाते हैं जो लूसी ने मिस्टर टुमनस को दिया था। मिस्टर बीवर बच्चों को चुप रहने के लिए कहते हैं और उन्हें अपने घर ले जाते हैं। जब वे भोजन करते हैं, तब मिस्टर बीवर बताते हैं कि वे असलान से मिलने वाले हैं।
मिसेज़ बीवर: मिसेज़ बीवर (Mrs. Beaver), मिस्टर बीवर की पत्नी हैं। दोनों मिलकर, बच्चों के लिए गर्म खाना तैयार करते हैं। वह स्टोन टेबल (Stone Table) तक की उनकी यात्रा के लिए भोजन भी तैयार करती हैं। वह थोड़ी उधम ज़रूर मचाती हैं, लेकिन बहुत देखभाल करने वाली प्रतीत होती हैं। फ़ादर क्रिसमस उसे कहते हैं कि वह उसे क्रिसमस के लिए एक नई सिलाई मशीन देंगे।
द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब (The Lion, the Witch, and the Wardrobe), अच्छाई की बुराई पर विजय को दर्शाती है। चलिए जानते हैं कैसे?
लंदन में बमबारी के दौरान, पेवेन्सी भाई-बहन बचने के लिए एक प्रोफ़ेसर के घर में पनाह लेते हैं। सबसे छोटी बहन, लूसी, लुका-छिपी खेलते समय वहां पर एक अलमारी को देखती है। अलमारी के अंदर एक जादुई दुनिया होती है, जिसे नार्निया कहा जाता है। नार्निया में हमेशा सर्दी रहती है, क्योंकि वहाँ वाइट विच का जादू फैला हुआ है। इसी दौरान लूसी की मुलाकात मिस्टर टुमनस नाम के एक फॉन से होती है। टुमनस को आदेश होता है कि वह लूसी को चुड़ैल के पास ले जाए, लेकिन इसके बजाय वह लूसी की घर लौटने में मदद करता है। जब लूसी अपने भाई-बहनों को नार्निया के बारे में बताती है, तो वे उस पर विश्वास नहीं करते क्योंकि उसके पास कोई सबूत नहीं होता। लूसी फिर से नार्निया जाती है और इस बार अपने भाई एडमंड को अपने साथ ले जाती है।
यहाँ पर एडमंड वाइट विच से मिलता है। वाइट विच उसे शक्ति और तुर्की डिलाइट का लालच देती है। इसके बाद वह वाइट विच के प्रति वफ़ादार हो जाता है। अंत में, चारों भाई-बहन नार्निया में प्रवेश करते हैं, जिससे साबित होता है कि लूसी ने सच ही कहा था कि अलमारी के भीतर एक दुनिया है। वे श्री और श्रीमती बीवर से एक भविष्यवाणी के बारे में सुनते हैं, जिसमें कहा गया है कि आदम के दो बेटे और हव्वा की दो बेटियाँ नार्निया पर शासन करेंगी। उन्हें यह भी पता चलता है कि, सच्चा राजा, असलान चुड़ैल को हराने के लिए वापस आ गया है। साथ ही, उन्हें पता चलता है कि एडमंड ने चुड़ैल के गुट में शामिल होकर उन्हें धोखा दिया है।
जब बच्चे असलान के शिविर में पहुँचते हैं, तो वे उसे एडमंड के विश्वासघात के बारे में बताते हैं। असलान उसे बचाने का वादा करता है। इधर एडमंड को भी यह समझ में आ जाता है कि चुड़ैल असल में वैसी नहीं है जैसी वह दिखती है। उसकी किस्मत अच्छी होती है, क्यों कि उसे ठीक उसी समय बचा लिया जाता है, जब चुड़ैल उसे मारने की योजना बना रही होती है। हालांकि, असलान, एडमंड को बचाने के लिए चुड़ैल के साथ एक सौदा करता है। एक दुखद क्षण में, वह एडमंड के स्थान पर स्टोन टेबल (Stone Table) पर खुद का बलिदान दे देता है। वहीं चुड़ैल और उसके अनुयायी उसे बेवकूफ समझते हैं और उसका मजाक उड़ाते हैं। लेकिन अगली सुबह वह फिर से जीवित हो जाता है।
असलान, जमे हुए जीवों को फिर से जीवित करता है और एक विशाल सेना बनाता है। वह उन्हें व्हाइट विच के खिलाफ लड़ाई में ले जाता है, जहाँ पीटर और एडमंड संघर्ष कर रहे होते हैं। असलान, चुड़ैल से लड़ता है और उसे हरा देता है, जिससे उसका शासन समाप्त हो जाता है। वह, पेवेन्सी भाई-बहनों को नार्निया के नए राजा और रानी के रूप में ताज पहनाता है। वे कई सालों तक बुद्धिमानी से शासन करते हैं, जिससे नार्निया एक शांतिपूर्ण जगह बन जाता है। कहानी का अंत, वयस्क पेवेन्सी द्वारा एक जादुई हिरण का शिकार करने के साथ होता है। वे फिर से अलमारी ढूंढते हैं और बिना समय गंवाए बच्चों की तरह प्रोफ़ेसर के घर लौट आते हैं। वे नार्निया को याद करते हैं और वापस लौटने का वादा करते हैं।
आइए अब आपको द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब (The Lion, the Witch, and the Wardrobe) कहानी में छिपे धार्मिक प्रतीकवादों से परिचित कराते हैं: ऐसा प्रतीत होता है कि सी.एस. लुईस (C.S. Lewis) द्वारा रचित कृति, "द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब" को ईसाई धर्म को केंद्र में रखकर रचा गया है। इस उपन्यास के पात्रों और घटनाओं के विभिन्न पहलू बाइबिल (Bible) के विचारों को दर्शाते हैं। शेर असलान इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है, क्योंकि उसकी मृत्यु, यीशु मसीह (Jesus Christ) की मृत्यु से बहुत मिलती-जुलती है। वह मृत्यु की अगली सुबह पुनः जीवित हो उठता है। हालाँकि कई पाठक यह मानते हैं कि यह सीधे तौर पर बाइबिल के विचारों को दर्शाती है, लेकिन लुईस कहते हैं कि उन्होंने इसमें ईसाई धर्म के विषयों को जानबूझकर नहीं जोड़ा था। उन्होंने बताया कि उनके लेखन की शुरुआत पात्रों की छवियों को चित्रित करने से हुई, और बाकी के विचार एवं चरित्रों को उन्होंने लेखन के दौरान बुना। लुईस, जानबूझकर कहानी को पूरी तरह से ईसाई धर्मशास्त्रीय उपन्यास बनाने से इनकार करते हैं। हालांकि वह स्वीकार करते हैं कि यह उपन्यास छोटे बच्चों को बड़े होने पर अपने जीवन में ईसाई धर्म को समझने और स्वीकार करने में मदद कर सकता है।
इस उपन्यास का ईसाई धर्म से संबंध उस समय भी देखने को मिलता है, जब बच्चे अलमारी के माध्यम से नार्निया की दुनिया में प्रवेश करते हैं। वहां पहुंचने के बाद, एडमंड खुद को वाइट विच की सेवा में समर्पित कर देता है। व्हाइट विच उसे तुर्की डिलाइट का लालच देती है। बाद में एडमंड को वाइट विच के मंसूबों का पता चल जाता है, और वह पछतावे से घिर जाता है। लेकिन जब वाइट विच, एडमंड को मारने ही वाली होती है, तो असलान उसके बदले में खुद का बलिदान देने की पेशकश करता है। असलान के बाल मुंडवा दिए जाते हैं, और पत्थर की वेदी पर उसे चाकू मारा जाता है। ठीक इसी तरह यीशु को भी सार्वजनिक रूप से पीटा गया, अपमानित किया गया और सूली पर चढ़ाया गया था। अपने बलिदान के बाद, असलान पुनः जीवित हो जाता है, और वह बच्चों की नार्निया की रक्षा करने में मदद करना जारी रखता है। हालांकि ये सभी घटना क्रम यीशु की मृत्यु के समान है, लेकिन यह पूरी तरह से समान नहीं है। दोनों में कुछ अंतर ज़रूर है । जैसे कि असलान ने नार्निया को बचाने के लिए नहीं बल्कि केवल एडमंड को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया।
असलान केवल एक रात के लिए मरा, जबकि यीशु तीसरे दिन जीवित हुए थे। इन अंतरों के बावजूद, असलान की छवि और उसकी मृत्यु और पुनर्जन्म की घटना यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के बाइबिल के वृत्तांत को दर्शाती है।
बाइबिल के विचारों और कहानियों की भांति दशहरे का भी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। लेकिन दशहरा आधुनिक संदर्भ में भी प्रासंगिक है। आज की दुनिया में बुराई और अन्याय होना आम बात है, लेकिन यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि चाहे जो भी हो अच्छाई हमेशा बुराई पर जीत हासिल कर सकती है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम धार्मिकता के लिए खड़े हों और समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ें। यह त्योहार, अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। आज के समय में, यह उन लोगों के लिए आशा की किरण की तरह है, जो कठनाइयों से लड़ रहे हैं। इनमें से एक उदाहरण, तेज़ाब के हमलों को झेलने वाले एसिड अटैक सर्वाइवर्स (Acid Attack Survivors) भी हैं।
एसिड अटैक एक भयानक हिंसा है जो पीड़ितों को बहुत गहरे शारीरिक और भावनात्मक दर्द देती है। एसिड अटैक सर्वाइवर्स, वाकई में अद्भुत साहस और लचीलापन दिखाते हैं।
दशहरे की भावना समाज को एसिड अटैक पीड़ितों का समर्थन एवं सम्मान करने तथा उनकी मदद करने के लिए प्रेरित करती है, ताकि वे अपना जीवन एक आम इंसान की तरह जी सकें। दशहरा, हमें भेदभाव और हिंसा के खिलाफ खड़े होने और सभी के लिए न्याय और समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए भी प्रेरित करता है। इस प्रकार, "द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब" और दशहरे की कहानियाँ, हमें यह सिखाती हैं कि अच्छाई, हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त कर सकती है, और हमें अपने जीवन में भी इसी सिद्धांत को अपनाना चाहिए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ynudj3sy
https://tinyurl.com/y2m57auc
https://tinyurl.com/yrmg87pc
https://tinyurl.com/yqlo5ob6
चित्र संदर्भ
1. द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब पुस्तक के कवर पेज को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. द लायन, द विच, एंड द वार्डरोब पुस्तक को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. द वाइट विच को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. नार्निया के मानचित्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. द क्रॉनिकल्स ऑफ़ नार्निया: द लायन, द विच एंड द वार्डरोब के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)