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मदर डेयरी, आज के समय में हमारे मेरठ और यहाँ के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board (NDDB) की सहायक कंपनी मदर डेयरी की स्थापना, ऑपरेशन फ्लड इनिशिएटिव (Operation Flood Initiative) के तहत की गई थी। ऑपरेशन फ्लड इनिशिएटिव दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास अभियान था, जिसका उद्देश्य भारत को दूध उत्पादन के संदर्भ में आत्मनिर्भर बनाना था। मदर डेयरी की शुरुआत डेयरी उत्पादों से हुई और अब यह फल और सब्जियां, सफल ब्रांड (Safal brand) के तहत जमे हुए खाद्य पदार्थ, खाद्य तेल, जैम और फलों के रस सहित अन्य उत्पादों को भी बेचती हैं, जो ग्राहकों को खूब पसंद हैं।
मदर डेयरी का निर्माण सहकारी दूध मॉडल के आधार पर किया गया था, जिसने भारतीय डेयरी उद्योग को बदल कर रख दिया तथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादकों के जीवन में सुधार किया। इसके दैनिक दूध उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा डेयरी सहकारी समितियों और ग्राम-स्तरीय संगठनों से आता है। स्थानीय दूध बूथों (local milk booths) और बड़े खुदरा चैनलों के मजबूत नेटवर्क के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता और भरोसेमंद उत्पादों ने, मदर डेयरी को ब्रांडेड दूध के क्षेत्र में एक भरोसेमंद घरेलू कंपनी बना दिया है।
मदर डेयरी, देश के बिखरे हुए फल और सब्जी बाजार को व्यवस्थित करने वाली पहली कंपनी भी मानी जाती है। आज, यह दिल्ली में अधिकांश फलों और सब्जियों की दुकानों का प्रबंधन करती है। मदर डेयरी ने जब से सुविधाजनक फ्रोजन सब्जी उत्पाद पेश किए, तब से इसका ग्राहक आधार और अधिक बढ़ गया है। इन उत्पादों ने व्यस्त शहरवासियों के जीवन को आसान बना दिया है। हमेशा नए अवसरों की तलाश में रहने वाली मदर डेयरी के पास बेंगलुरु में एक आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र भी है। यह संयंत्र कोका-कोला (Coca-Cola), हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) और नेस्ले (Nestle) जैसे नामी ब्रांडों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले फलों के गूदे और सांद्रण का उत्पादन करता है। आज मदर डेयरी सालाना 6,000 करोड़ का टर्नओवर करती है, और बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
मदर डेयरी के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और वफादार ग्राहकों ने ब्रांड को अपने नारे "हैप्पी फूड, हैप्पी पीपल (Happy Food, Happy People)" को साकार करने में मदद की है। इसे एफएमसीजी क्षेत्र में दूसरी सर्वश्रेष्ठ कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह भारत की शीर्ष 100 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में 39वें स्थान पर है।
हाल ही में मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (Mother Dairy Fruit and Vegetable Pvt Ltd) ने घोषणा की है कि वह अगले तीन वर्षों में लगभग 100 नये उत्पाद लॉन्च करने की योजना बनाकर अपनी डेयरी पेशकश को बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कंपनी प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश के अनुसार उनका लक्ष्य उद्योग में एक अग्रणी और ग्राहक-केंद्रित डेयरी खिलाड़ी (customer-centric dairy player) के रूप में अपनी स्थिति को फिर से स्थापित करने के लिए अगले तीन वर्षों में 100 से अधिक नए उत्पाद पेश करने का है।
कंपनी ने 2023 के गर्मियों के मौसम के लिए 15 से अधिक नए उत्पादों के लॉन्च की भी घोषणा की थी।
इस साल के नए उत्पाद लाइन-अप में रेडी-टू-ईट कस्टर्ड (ready-to-eat custard), दो प्रकार की कोल्ड कॉफ़ी (cold coffee) और 10 से अधिक आइसक्रीम वेरिएंट (ice cream variants) भी शामिल हैं। ये नए लॉन्च किए गए उत्पाद पारंपरिक और नए जमाने के वितरण चैनलों दोनों के माध्यम से कंपनी के प्रमुख बाजारों में उपलब्ध होंगे।
मदर डेयरी, हमारे उत्तर प्रदेश (यूपी) में भी अपने परिचालन का विस्तार करने की योजना बना रही है। वे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं, और उम्मीद है कि वे जल्द ही मध्य और पूर्वी यूपी में दूध बेचना शुरू कर देंगे। वे यूपी में अपना परिचालन शुरू करने के लिए पराग नामक एक स्थानीय ब्रांड के साथ मिलकर काम करेंगे।
इस विस्तार की पुष्टि डेयरी विकास विभाग के प्रबंध निदेशक हरशरण दास ने की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। वर्तमान में, यूपी से पराग और गुजरात से अमूल इस बाजार में दो मुख्य खिलाड़ी हैं। एमओयू के अनुसार, मदर डेयरी स्वतंत्र रूप से सहकारी समितियों से दूध प्राप्त करेगी, लेकिन अपने उत्पादों को कानपुर में पराग के संयंत्र में संसाधित और पैकेज करेगी। मदर डेयरी पहले से ही यूपी में आइसक्रीम की आपूर्ति करती है और दूध नोएडा, गाजियाबाद और हमारे मेरठ की डेयरी से लेती है।
देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक होने के बावजूद, यूपी के डेयरी किसान प्रतिदिन 565 लाख लीटर से अधिक दूध का उत्पादन करते हैं।
यूपी में 15-20% दूध उपभोक्ता ब्रांडेड या पैकेज्ड दूध पर निर्भर हैं। इस श्रेणी में पराग की हिस्सेदारी 60% है, जबकि 15% उपभोक्ता अमूल का दूध खरीदते हैं। बाकी लोग ज्ञान और कान्हा जैसे स्थानीय ब्रांडों पर निर्भर हैं। लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और मेरठ जैसे शहरों में ब्रांडेड दूध उपभोक्ताओं की उपस्थिति अधिक है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/bddmhjhr
https://tinyurl.com/juuk5rpd
https://tinyurl.com/ycxmnede
चित्र संदर्भ
1. मदर डेयरी के भोजन और विज्ञापन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. मदर डेयरी के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मदर डेयरी प्लांट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. दूध के पैकेट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. प्रगति मैदान, दिल्ली में मदर डेयरी रेस्तरां को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. मदर डेयरी की ठेली को दर्शाता चित्रण (flickr)
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