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कलाकृतियाँ संस्कृति, विचारों व इतिहास का मूल्यवान प्रतिबिंब हैं, कला की जालसाजी से निपटना है महत्वपूर्ण

लखनऊ

 27-09-2022 10:10 AM
द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

जैसे-जैसे भारतीय कला की मांग बढ़ रही है, जालसाजी, चोरी, और दृश्य कलाकारों के लिए अधिशुल्क की अनुपस्थिति जैसी चुनौतियां कला के कामों और उनके प्रामाणिकता प्रमाणपत्रों के डिजिटल (Digital) हेरफेर के शिकार होने के कारण कला बाजार में कई बाधाएं उत्पन्न कर रही हैं।कलाकृतियाँ लोगों की संस्कृति, विचारों और इतिहास का प्रतिबिंब हैं और कला समग्र रूप से समाज का एक अभिन्न अंग है। संग्राहक कला के मूल्य को जानते हैं, और वे उन कृतियों के लिए अच्छी तरह से भुगतान करते हैं। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कलाकृतियों की प्रामाणिकता का ठीक से पता लगाया जाए और स्वामित्व की पंजीकरण के विवरण की जांच की जाएं।
और यही कारण है कि इन चिंताओं को दूर करने के लिए अब ब्लॉकचेन (Blockchain) समाधान का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें आर्ट एनरोल (Art enRoll) उद्योग-विशिष्ट चुनौतियों का समाधान कर सकता है जैसे गैलरी (Gallery) के बीच आर्टवर्क ट्रांसफर (Artwork transfer), शिपिंग (Shipping) मुद्दे, उद्गम और ऑर्डर मॉनिटरिंग (Order monitoring)। गैलरी अक्सर प्रदर्शन के लिए अन्य गैलरियों को कला की कृति उधार देती हैं, और वे उन ऑर्डर का पता लगाने के लिए संघर्ष करते हैं, क्योंकि सिस्टम की कमी के कारण ऑर्डर का स्थान निर्धारित करना लगभग असंभव हो जाता है।इसके अलावा, प्रमाणीकरण अभी भी एक और बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है जब लोग मूल कलाकृतियों के लिए हजारों और लाखों डॉलर का भुगतान करते हैं। फिर भी कई लोग अभी भी नकली कला खरीदने में फंस जाते हैं। जिसके लिए पोलैंड (Poland) स्थित आर्ट एनरोल तीन-कारक प्रमाणीकरण प्रदान करती है। प्रक्रिया कला की उत्पत्ति की पहचान के साथ शुरू होती है कि यह मूल है या नहीं। इसके बाद ऑन-चेन (On-chain) मॉनिटरिंग (Monitoring) होती है, जो सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों, बीमा कंपनियों, पिछले मालिकों और दीर्घाओं की जानकारी को जोड़ती है। अंत में, ट्रैकिंग (Tracking)गृहीता या खरीदार को सूचित करती है और आश्वस्त करती है कि उनकी कलाकृति प्रामाणिक और सुरक्षित है।वहीं आर्ट एनरोल इस क्षेत्र में मदद करने वाली पहली कंपनी नहीं है, लंदन स्थित कला नीलामी घर क्रिस्टी (Christie) ने अक्टूबर 2018 में आर्टरी (Artory - जो एक आर्टवर्क डिजिटल रजिस्ट्री ब्लॉकचेन समाधान है) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की।
आर्टरी और क्रिस्टी की साझेदारी को उद्योग में एक बहुत जरूरी प्रगति के रूप में देखा जाता है, विशेष रूप से कला बाजार में चोरी, जालसाजी और गलत बयानी के व्यापक इतिहास को देखते हुए।
इस बीच, ब्लॉकचैन आर्ट कलेक्टिव (Blockchain Art Collective) कलाकृतियों पर लागू होने के लिए एक हस्तक्षेप-प्रतिरोधी टिकट विकसित कर रहे हैं, इस से कला की एक विशिष्ट जानकारी ब्लॉकचेन पर दर्ज करके दूसरों को चेतावनी दी जाती है। उल्लिखित पहल न केवल कलाकृति प्रमाणीकरण के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों पर काबू पाने के द्वारा उद्योग में विश्वास का निर्माण करने में मदद करेगी, बल्कि महंगी कला खरीदते समय ग्राहकों को मन की शांति भी प्रदान करेगी। यह दर्शाता है कि ब्लॉकचेन समाधान किसी भी उद्योग के लिए प्रासंगिक साबित हो सकता है। जर्मनी (Germany) में अपनी कार से 200 से अधिक नकली अल्बर्टो जिओकोमेटी (Alberto Giacometti) मूर्तियों को बेचने वाले व्यक्ति से लेकर लॉस एंजिल्स (Los Angeles) कला विक्रेता, जिसने नकली पिकासो (Picasso) को कृत्य किया और इसे $ 2 मिलियन में बेचा, कुछ बड़े और अजीब कला घोटाले प्रत्येक वर्ष सामने आते हैं। कुछ उल्लेखनीय कला जालसाजियों का विवरण:
 हान वैन मीगेरेन (Han van Meegeren) ने हर्मन गोरिंग (Hermann Göring) से लेकर नीदरलैंड (Netherland) की सरकार तक सभी को 60 मिलियन डॉलर के नकली वर्मीर्स (Vermeers) बेचे। दरसल डच (Dutch) कलाकार हान वैन मीगेरेन ने एक जालसाज के रूप में शुरुआत नहीं की थी। बल्कि वे बस एक वैध कलाकार के रूप में पहचाना जाना चाहते थे।वास्तव में, वे अपनी पहचान बनाने के पीछे इतने क्षीण थे कि उन्होंने जोहान्स वर्मीर (Johannes Vermeer) की शैली की नकल करते हुए अपनी रचनाएँ बनाईं और उन्हें ऐसे अनजान खरीदारों को बेचा, जिन्होंने उन तस्वीरों को वास्तविक मान कर खरीद लिया। द टेलीग्राफ के अनुसार, कुछ समय के लिए वह आश्चर्यजनक कीमतों के लिए विस्तृत जालसाजी से बच चुके थे, और डच बाजार में बेचे गए छह नकली वर्मीर के लिए $ 60 मिलियन प्राप्त कर चुके थे।
लेकिन जब वैन मीगेरेन की एक चित्रकारी उच्च पद वाले नाजी (Nazi) अधिकारी हरमन गोरिंग के संग्रह में पहुंची, तो वैन मीगेरेन को कृति के मूल मालिक का नाम प्रस्तुत न करने के लिए राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
 एलमीर डी होरी (Elmyr de Hory)ने दुनिया भर में कला दीर्घाओं को 1,000 जाली चित्रकारी बेचीं थीं। हंगेरियन (Hungarian) चित्रकार एल्मिर डी होरी का एक चोर कलाकार के रूप में मायावी अतीत उनकी आत्महत्या तक एक रहस्य बना हुआ था, लेकिन 1976 में एक कला धोखाधड़ी की जांच के दौरान मोदिग्लिआनी (Modigliani), डेगास (Degas), पिकासो (Picasso) और मैटिस (Matisse) सहित प्रसिद्ध कलाकारों के जाली कार्यों के उनके प्रदर्शनों का पता चला था।
 वहीं जॉन मायट (John Myatt) एक ब्रिटिश (British) कलाकार हैं, जिन्होंने लगभग 200 जालसाजी कृतियों को बनाया, जिनमें से कई फिलिप्स (Philips), सोथबी (Sothebys) और क्रिस्टी (Christie) सहित सम्मानित नीलामी घरों में बेची गईं।उन्हें 1995 में स्कॉटलैंड यार्ड् (Scotland Yard) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और बाद में अनुमान लगाया गया था कि मैटिस (Matisse), जिओकोमेटी (Giocometti), ब्रैक (Braque), पिकासो (Picasso), जियाकोमेटी (Giacometti), ले कॉर्बूसियर (Le Corbusier), मोनेट (Monet) और रेनॉयर (Renoir) जैसे कलाकारों की उनकी जालसाजी से उन्हें वर्षों में केवल $ 165,000 की कमाई हुई। ऐसी कई प्रसिद्ध मामले मौजूद हैं, तथा ऐसी जालसाजी से बचने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कलाकृतियों की प्रामाणिकता का ठीक से पता लगाया जाए और किसी भी कृति को खरीदने से पहले उसके स्वामित्व की अच्छे से जांच की जाएं।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3BRytKo
https://bit.ly/3dqoHW3
https://bit.ly/3xBOOjY
https://bit.ly/3qX0kCo

चित्र संदर्भ
1. पेंटिंग के डिजिटल चोर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. ब्लॉकचैन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. मोनालीसा की नकली छवि को दर्शाता एक चित्रण (flickr)



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