Post Viewership from Post Date to 27-Oct-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2009 11 2020

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कोशिका प्रतिकृति में गणित की भूमिका

लखनऊ

 26-09-2022 10:28 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

मशीनों एवं तकनीकी उपकरणों में गणित की महत्ता से हम सभी भली भांति परिचित है। लेकिन क्या आप जानते है, जीव विज्ञान में भी गणित, बेहद ही अहम भूमिका निभाती है, जहां गणित का प्रयोग करके वैज्ञानिक कोशिकाओं का भविष्य बता सकते हैं।
कोशिकाओं द्वारा गठित सुंदर ज्यामितीय पैटर्न देखकर कोई भी व्यक्ति चकित हो सकता है। हालांकि, ये कोशिका व्यवस्था केवल दर्शकों को प्रसन्न करने के लिए, बेतरतीब ढंग से नहीं बनती हैं। बल्कि यह एक क्रमागत गणितीय पैटर्न के अनुसार स्वयं का विकास करते हैं। शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि ये नियमित पैटर्न बाहरी उत्तेजनाओं को प्रसारित करने और उन्हें मस्तिष्क में भेजे जाने वाले संकेतों में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि अभी भी यह रहस्य ही बना हुआ है कि ये कोशिकाएं इन स्थिर प्रतिमानों को बनाने में कैसे सहयोग करती हैं। एक कोशिका से, कोशिका विभाजन, कोशिका विभेदन और कोशिका मृत्यु से जुड़ी एक प्रक्रिया के माध्यम से एक इंसान आकार लेता है, अर्थात सैकड़ों या हजारों विभिन्न प्रकार (37 ट्रिलियन से अधिक) कोशिकाओं के संयोजन से एक मनुष्य का निर्माण होता है। एक निषेचित अंडा मानव बनने के लिए खरबों कोशिकाओं में कैसे बदल जाता है, इसकी बेहतर समझ मुख्य रूप से अभी भी एक गणितीय चुनौती है।
टोक्यों में कोबे विश्वविद्यालय (Kobe University in Tokyo) के एक शोध के अनुसार विभिन्न प्रकार की संवेदी और संबंधित कोशिकाएं, अनेक प्रकार के आसंजन अणुओं को व्यक्त करती हैं, जिससे एक पैटर्न का निर्माण होता है। अब, क्योटो विश्वविद्यालय के कारेल स्वैडलेन्का (Karel Swadlenka of Kyoto University) सहित अनुभवी गणितज्ञों की एक टीम ने, एक गणितीय मॉडल विकसित किया है, जो इनपुट मापदंडों के रूप में आसंजन अणुओं (adhesion molecules) की तीव्रता के आधार पर संवेदी उपकला, या शरीर के ऊतकों में देखे गए सेलुलर पैटर्न को सफलतापूर्वक पुन: पेश करता है। मनुष्यों में, लगभग 22,000 जीन (Gene) और उनके उत्पाद, कोशिकीय गतिशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। इसकी तुलना में, बैक्टीरिया में जीन की संख्या बहुत कम होती है। एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli), सबसे महत्वपूर्ण जीवाणु मॉडल जीव में लगभग 4,500 जीन होते हैं जो यह प्रभावित करते हैं कि यह कोशिका पर्यावरण के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करेगी।
1970 के दशक में गणितज्ञों ने “घाटी की अवधारणा (concept of valley)” को अपनाया और गणित की एक नई शाखा विकसित की, जिसका नाम " आपदा सिद्धांत (Disaster Theory) " था। यह सिद्धांत मानता है कि अत्यधिक निषेचित गणितीय "परिदृश्य" बदल सकते हैं। पचास साल बाद, गणितज्ञों और कम्प्यूटेशनल वैज्ञानिकों ने इन परिदृश्य मॉडल को पूरी तरह से नए अनुप्रयोगों में फिर से खोजा है। अब हम एकल कोशिकाओं में जीन अभिव्यक्ति (या सक्रियण) को माप सकते हैं, और देख सकते हैं कि आंतरिक आणविक प्रक्रियाएं एक घाटी परिदृश्य में कोशिकाओं की तरह होती हैं। आज जीन की गतिविधि को लैंडस्केप मॉडल (landscape model) से जोड़ना अनुसंधान का एक सक्रिय और रोमांचक क्षेत्र बन गया है। आज हम इसका उपयोग यह समझने के लिए करते हैं कि, एक वयस्क मानव में एक निषेचित अंडे की कोशिका से हजारों पूरी तरह से विभेदित कोशिका प्रकारों तक, कोशिकाएं कैसे चलती हैं। 1891 में, जब जर्मन जीवविज्ञानी हैंस ड्रिश (Hans Driesch) ने दो-कोशिका वाले समुद्री यूरिनिन भ्रूणों को आधे में विभाजित किया, तो उन्होंने पाया कि अलग-अलग कोशिकाओं में से प्रत्येक ने अपने स्वयं के पूर्ण, लेकिन छोटे लार्वा को जन्म दिया। तब से, वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इस ब्लूप्रिंट को बनाने में क्या किया जाता है, और यह कितना शिक्षाप्रद है।
दशकों से, वैज्ञानिक फल मक्खी के लार्वा का अध्ययन कर रहे हैं। इससे कुछ विवरण जल्दी ही स्पष्ट हो गए: आनुवंशिक संकेतों का एक उदाहरण लार्वा के सिर से पूंछ की धुरी के साथ एक पैटर्न स्थापित करता है। मॉर्फोगेंस नामक सिग्नलिंग अणु (signaling molecules called morphogens) फिर भ्रूण के ऊतकों के माध्यम से फैलते हैं, और आखिरकार शरीर के अंगों को गठित करते हैं। गणित, जीव वैज्ञानिकों को यह वर्णन करने की अनुमति देती है कि अणु कोशिकाओं के अंदर और बाहर कैसे जाते हैं, बैक्टीरिया रक्त वाहिकाओं के माध्यम से कैसे घूमते हैं और शरीर में दवाएं कैसे टूट जाती हैं। वैज्ञानिक गणित का उपयोग एक कोशिका, एक अंग या पूरे जीव के सभी अलग- अलग हिस्सों को एक साथ जोड़ने के लिए भी करते हैं ताकि यह बेहतर ढंग से समझ सकें कि ये भाग कैसे संचार करते हैं। मात्रात्मकता जैविक सोच की एक अनिवार्य विशेषता है, और इस प्रकार कोशिका जीव विज्ञान प्रयोगशाला में दैनिक आधार पर गणित का उपयोग किया जाता है।

सन्दर्भ
https://bit.ly/3BPRtc8
https://bit.ly/3RRBKPx
https://bit.ly/2IxV4PV

चित्र संदर्भ
1. विभिन्न कोशिकीय चरणों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. जानवरों की कोशिका को दर्शाता एक चित्रण (Free SVG)
3. एस्चेरिचिया कोलाई को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. मूल कोशिका को दर्शाता एक चित्रण (Innovative Genomics Institute)
5. किडनी ब्लड सर्कुलेशन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • समय की कसौटी पर खरी उतरी है लखनऊ की अवधी पाक कला
    स्वाद- खाद्य का इतिहास

     19-09-2024 09:28 AM


  • नदियों के संरक्षण में, लखनऊ का इतिहास गौरवपूर्ण लेकिन वर्तमान लज्जापूर्ण है
    नदियाँ

     18-09-2024 09:20 AM


  • कई रंगों और बनावटों के फूल खिल सकते हैं एक ही पौधे पर
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:18 AM


  • क्या हमारी पृथ्वी से दूर, बर्फ़ीले ग्रहों पर जीवन संभव है?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:36 AM


  • आइए, देखें, महासागरों में मौजूद अनोखे और अजीब जीवों के कुछ चलचित्र
    समुद्र

     15-09-2024 09:28 AM


  • जाने कैसे, भविष्य में, सामान्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, पार कर सकता है मानवीय कौशल को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:23 AM


  • भारतीय वज़न और माप की पारंपरिक इकाइयाँ, इंग्लैंड और वेल्स से कितनी अलग थीं ?
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:16 AM


  • कालिदास के महाकाव्य – मेघदूत, से जानें, भारत में विभिन्न ऋतुओं का महत्त्व
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:27 AM


  • विभिन्न अनुप्रयोगों में, खाद्य उद्योग के लिए, सुगंध व स्वाद का अद्भुत संयोजन है आवश्यक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:19 AM


  • लखनऊ से लेकर वैश्विक बाज़ार तक, कैसा रहा भारतीय वस्त्र उद्योग का सफ़र?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:35 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id