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रामपुर तथा विभिन्‍न संस्कृतियों एवं परंपराओं में गुलाब और इत्र का प्रतीकात्‍मक स्‍वरूप

लखनऊ

 28-01-2022 09:16 AM
बागवानी के पौधे (बागान)

प्रारंभ में भारत के अन्य स्थानों से रामपुर में इत्र का व्यापार किया जाता था। राजकुमारी मेहरुन्निसा खान ने अपनी जीवनी में विभिन्न इत्रों का वर्णन किया है। रामपुर के कोठी खास बाग में कई समर्पित उद्यान बनाए गए थे जो इत्र के लिए शुरुआती सामग्री के रूप में गुलाब उगाते थे। कन्नौज, जौनपुर, गाजीपुर और लखनऊ भारत के इत्र बनाने के मुख्य केंद्र थे और ये वे स्थान थे जहाँ से रामपुर के लिए इत्र मंगवाया जाता था। विभिन्न लोक संस्कृतियों एवं परंपराओं में गुलाब को प्रतीकात्मक अर्थ दिया गया है, हालांकि इन्हें शायद ही कभी गहराई से समझा गया हो। इसके कुछ गहरे अर्थों के उदाहरण फूलों की भाषा में निहित हैं, और विभिन्‍न परिस्थितियों में गुलाब के अलग अलग अर्थ होते हैं। दुनिया में सभी गुलाब भगवान के प्यार का प्रतीक हैं, लेकिन गुलाब के विभिन्न रंग भी विभिन्न आध्यात्मिक अवधारणाओं का प्रतीक हैं। सफेद गुलाब का मतलब पवित्रता है। लाल गुलाब का अर्थ है सच्‍चा प्रेम, जुनून और बलिदान। पीले गुलाब का अर्थ है ज्ञान और आनंद। गुलाबी गुलाब का मतलब कृतज्ञता और शांति है। बैंगनी गुलाब का अर्थ है आश्चर्य, विस्मय और बेहतरी के लिए परिवर्तन।
विभिन्‍न धर्म एवं भागों में गुलाब का अर्थ एवं महत्‍व:
यूनान: यूनानी पौराणिक कथाओं में, गुलाब की उत्पत्ति पौधों और पुनर्जन्म के देवता एडोनिस (Adonis) से हुई है। एडोनिस का जन्म राजा थियास (Theias) और उनकी बेटी मिर्रा (Myrrha) के बीच एक भ्रामक मिलन से हुआ था। जब राजा थियास को पता चला कि उसकी बेटी ने उसे धोखा दिया है, तो उसने अपनी तलवार लेकर उसका पीछा किया। मिर्रा की रक्षा के लिए, एफ़्रोडाइट (Aphrodite) ने उसे एक पेड़ के रूप में बदल दिया। राजा थियास ने उस पेड़ को तीर से आधा काट दिया। इसी पेड़ से एडोनिस का जन्म हुआ । एफ़्रोडाइट ने एडोनिस को गोद ले लिया और उसे एक बेटे की तरह पाला। जैसे-जैसे एडोनिस बड़ा हुआ, वह एक उत्साही शिकारी बन गया। एक दिन एडोनिस ​शिकार करते करते एफ़्रोडाइट के पिछले प्रेमियों में से एक, एरेस के पास पहुंच गया जो एक जंगली सुअर के रूप में छिपा हुआ था। एरेस ने एडोनिस पर हमला कर दिया और जब एफ़्रोडाइट ने उसकी चीख सुनी, तो वह जंगल की ओर भागी वहां उसने एडोनिस को अधमरी हालत में पाया। उसके घावों से जो खून बह रहा था वह जमीन से टकराया और गुलाब में बदल गया। कहानी के एक अन्य संस्करण में, लाल गुलाब की उत्पत्ति तब हुई जब एफ़्रोडाइट एडोनिस की तरफ दौड़ रही थी, फूलों के कांटों से उसका पैर कट गया था, जिससे गुलाब का रंग लाल हो गया। प्राचीन यूनान में, गुलाब को देवी एफ़्रोडाइट के साथ निकटता से जोड़ा गया है। इलियड (Iliad) में, एफ़्रोडाइट (Aphrodite) "गुलाब के अमर तेल" का उपयोग करके हेक्टर (Hector) के शरीर की रक्षा की थी और पुरातन यूनानी गीत कवि इब्यकस (Ibycus ) एक सुंदर युवा की प्रशंसा करते हुए कहता है कि एफ़्रोडाइट ने उसे "गुलाब के फूलों के बीच" में पाला।
ईसाई धर्म: रोमन साम्राज्य के ईसाईकरण के बाद, गुलाब की पहचान वर्जिन मैरी (Virgin Mary) से हो गई। गुलाब को प्रतीक मानकर अंततः ईसाई धर्म में माला और अन्य भक्ति प्रार्थनाओं का निर्माण हुआ। 1400 के दशक के बाद से, फ्रांसिस्कन (Franciscans) के पास धन्य वर्जिन मैरी की सात खुशियों से जुड़ी एक मुकुट माला है। 1400 और 1500 के दशक में, कथूजीयन (Carthusians)ने गुलाब के प्रतीक और गुलाब के बगीचों से जुड़े पवित्र रहस्यों के विचार को बढ़ावा दिया। अल्ब्रेक्ट ड्यूरर (Albrecht Dürer) की पेंटिंग द फीस्ट ऑफ़ द रोज़री (The Feast of the Rosary) (1506) में वर्जिन मैरी को अपने उपासकों को गुलाब की माला वितरित करते हुए दर्शाया गया है। कैथोलिक धर्म में, गुलाब की गंध को अक्सर "पवित्रता की गंध" कहा जाता है क्योंकि यह आध्यात्मिक पवित्रता की उपस्थिति को इंगित करता है। लोगों ने स्वर्ग में संतों से प्रार्थना करने के बाद गुलाब की सुगंध को सूंघने के आदेश दिए हैं।
इंग्लैंड (England) में गुलाब का सांस्कृतिक महत्व: गुलाब इंग्लैंड (England) का राष्ट्रीय फूल है। पंद्रहवीं शताब्दी में, इन्होंने दो महत्वपूर्ण परिवारों का प्रतिनिधित्व किया – लैंकेस्टर (Lancasters ) और यॉर्क (Yorks)। 1455 और 1487 के बीच इंग्लैंड में गुलाब का युद्ध हुआ जिसमें लैंकेस्टर का प्रतीक लाल गुलाब बना और यॉर्क का प्रतीक सफेद गुलाब बना, ये दोनों इंग्लैंड पर शासन करने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। गुलाब ने इंग्लैंड के महानतम लेखकों में से एक विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare) को भी प्रेरित किया। उनके नाटक, रोमियो एंड जूलियट (Romeo and Juliet) में गुलाब पर सबसे लोकप्रिय उद्धरणों में से एक है। नाटक में, जूलियट कहती है, “नाम कोई सा भी हो किंतु गुलाब की महक उतनी ही मीठी होगी।“ वह रोमियो को याद दिला रही है कि भले ही वे प्रतिद्वंद्वी घरों से आते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उनका प्यार असली है।
इस्लाम और सूफीवाद: इस्लाम में, गुलाब की सुगंध लोगों की आत्माओं की पवित्रता का प्रतिनिधित्व करती है। यदि गुलाब की गंध हवा में प्रवेश करती है, जबकि वास्‍तव में वहां पर कोई गुलाब मौजूद नहीं है, तो यह एक संकेत है कि भगवान या उनका कोई फरिश्ता दिव्यता के माध्यम से अलौकिक रूप से एक आध्यात्मिक संदेश भेज रहा है। इस तरह के संदेश लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए होते हैं। ज्यामितीय उद्यानों की खेती में गुलाब को अक्‍सर गौरव का स्‍थान प्राप्‍त होता है, ईरान और आसपास की भूमि में इसका एक लंबा इतिहास रहा है। इस्‍लामी गीत ग़ज़ल में, गुलाब की सुंदरता को विभिन्‍न कवियों द्वारा सराहा गया है।आगे चलकर, प्रेमी और प्रिय की कल्पना दिव्य प्रेम के लिए सूफी फकीर की खोज का एक प्रकार बन गई, इब्न अरबी (मशहूर सूफी इस्लामिक विचारक), उदाहरण के लिए, एक तरफ प्रेमी के शरमाते गाल के साथ गुलाब को संरेखित करता है और दूसरी तरफ, परमात्मा के नाम और गुण के साथ।
सूफीवाद में गुलाब के प्रतीकवाद के अन्य प्रसिद्ध उदाहरणों में शामिल हैं: सूफी गुरु जिलानी को "बगदाद के गुलाब" के रूप में जाना जाता है और उनका आदेश, कादिरिया, गुलाब को अपने प्रतीक के रूप में उपयोग करता है।
सूफीवाद से जुड़ी दो प्रमुख पुस्तकें हैं सादी की द रोज गार्डन (The Rose Garden) और महमूद शबिस्त्री की द रोज गार्डन ऑफ सीक्रेट्स (The Rose Garden of Secrets)। दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों के वृतांतों में गुलाब को चमत्कारी प्रेम के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। प्राचीन पौराणिक कथाओं में, गुलाब आंतरिक प्रेम का प्रतीक है यह दर्शाता है कि कैसे भगवान एक दूसरे के साथ और मनुष्यों के साथ बातचीत करते हैं। बुतपरस्त या पेगन (Pagans ) अपने दिल का प्रतिनिधित्व करने के लिए गुलाब का उपयोग सजावट के रूप में करते हैं। मुसलमान गुलाब को मानव आत्मा के प्रतीक के रूप में देखते हैं, इसलिए गुलाब की गंध को सूंघना उन्हें उनकी आध्यात्मिकता की याद दिलाता है। हिंदू और बौद्ध गुलाब और अन्य फूलों को आध्यात्मिक आनंद की अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं। ईसाई गुलाब को ईडन गार्डन (Garden of Eden) एक ऐसी दुनिया में एक स्वर्ग जो पाप को नष्ट करने से पहले भगवान के स्‍वरूप को दर्शाता है, के अनुस्मारक के रूप में देखते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3ApuEtl
https://bit.ly/3AmZtiy
https://bit.ly/3nQRFQT
https://bit.ly/3AswoCb
https://bit.ly/3qPRkjt

चित्र संदर्भ   
1. जॉन डंकन द्वारा हाइमन टू द रोज़ (विस्तार) 1907 को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. गुलाब का युद्ध आरआईपी पॉप x को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. लाल गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. वर्जिन मैरी (Virgin Mary) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare) के नाटक, रोमियो एंड जूलियटको दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. सूफीवाद से जुड़ी प्रमुख पुस्तक द रोज गार्डन ऑफ सीक्रेट्स (The Rose Garden of Secrets), को दर्शाता एक चित्रण (goodreads)



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