अपनी समृद्ध संस्कृति और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाने वाला हमारा शहर लखनऊ, कई प्रकार के पक्षियों का घर है। शहर के पार्क, उद्यान और गोमती नदी के किनारे स्थानीय और प्रवासी दोनों तरह के पक्षी एक सुरक्षित स्थान के रूप में निवास करते हैं। भारतीय कोयल के मधुर गीतों से लेकर पानी के पास बगुलों के झुंडों के सुंदर दृश्यों तक, लखनऊ का प्राकृतिक परिदृश्य पक्षी जीवन से भरा हुआ है। तो आइए आज, लखनऊ शहर में एवं इसके आसपास पाई जाने वाली विभिन्न आकर्षक पक्षी प्रजातियों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही, लखनऊ के पास कुछ बेहतरीन पक्षी-दर्शन स्थलों की सैर भी करते हैं, जो उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो प्रकृति का करीब से आनंद लेना चाहते हैं। अंत में, हम क्षेत्र में पाए जाने वाले कुछ दुर्लभ और अनोखे पक्षियों, उनके महत्व और उनके आवासों की रक्षा के महत्व पर चर्चा करेंगे।
लखनऊ में खूबसूरत फ़ाख्ता (सफ़ेद कबूतर) से लेकर सुरीली कोयल तक, शानदार कबूतरों से लेकर चहचहाती बुलबुल तक विभिन्न पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। पक्षी हमेशा से लखनऊ की संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहे हैं। उदाहरण के लिए, पहले लखनऊ "कबूतर बाज़ी" के लिए जाना जाता था, जो एक प्रकार की कबूतर सहनशक्ति दौड़ है।
चौक इलाके का नखास दशकों से लखनऊ का प्रमुख पक्षी बाज़ार रहा है। यदि आप नखास से होकर गुज़रे और वहां उन दुकानों पर नजर न डालें, जहां पिंजरों में बंद रंग-बिरंगे पंखों वाले पक्षी नज़र आ रहे हैं, तो आपका नखास जाना व्यर्थ माना जाएगा। जो लोग पक्षियों को पालतू जानवर के रूप में रखना पसंद करते हैं उन्हें वहां विभिन्न प्रकार के सुंदर पक्षी मिल सकते हैं।
हाल के वर्षों में, शहर में पक्षियों की आबादी में भारी गिरावट आई है। निर्माण कार्य के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से पक्षियों के आवास नष्ट हो गए हैं। निरंतर निर्माण कार्य के कारण, चहचहाने वाले, ये खूबसूरत जीव, जो कभी शहर की शोभा बढ़ाते थे, बड़ी संख्या में कहीं और आश्रय ढूंढने के लिए मज़बूर हो गए हैं। गौरैया, जिसे आज एक विशिष्ट पक्षी माना जाता है पहले लखनऊ में आम था, लेकिन इस पक्षी को पर्यावरणीय चुनौतियों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में लखनऊ या अन्यत्र शहरी परिवेश में गौरैया की आबादी में भारी कमी आई है। इस स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, इसलिए कई संगठन और प्राधिकरण पक्षियों की आबादी को संरक्षित करने में मदद के लिए कई पहल लेकर सामने भी आए हैं।
हालांकि, शहर की घटती पक्षी आबादी को पुनर्जीवित करने, पुनर्वास करने और संरक्षित करने में लखनऊ के नागरिकों का योगदान भी महत्वपूर्ण है।
यह कुछ बेहद आसान चीज़े हैं, जो हम अपने शहर में पक्षियों की आबादी को संरक्षित करने के लिए कर सकते हैं:
- जलस्रोतों की व्यवस्था करें: गर्मियों के दौरान, चिलचिलाती धूप, वास्तव में, इन नन्हे जीवों पर भारी पड़ सकती है। पक्षियों को पीने के साथ-साथ नहाने के लिए भी साफ़ पानी की आवश्यकता होती है। गौरैया जैसे बीज खाने वाले पक्षियों का आहार, सूखा होता है और इसलिए उन्हें कीड़े खाने वाले पक्षियों की तुलना में पीने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इन पक्षियों की मदद करने के लिए आप अपने बगीचे में पक्षी स्नानघर रख सकते हैं। इसके लिए आप किसी चौड़े मुंह वाले या पक्षियों के लिए पानी रखने वाले बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं।सुनिश्चित करें कि आप बर्तन/पक्षी स्नानघर को साफ़ करें और इसे नियमित रूप से ताज़े पानी से भरें।
- पक्षी फ़ीडर रखें: अपने बगीचे में आने वाले पक्षियों के लिए पक्षी फीडर रखना उनके आहार में अतिरिक्त पोषण प्रदान करने का एक अच्छा तरीका है।आप किसी पालतू जानवर की दुकान से पक्षी फीडर खरीद सकते हैं या इसे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। इसके अलावा, आप प्लास्टिक की बोतल, टिन के डिब्बे या लकड़ी के तख्ते से अपना खुद का पक्षी फीडर बना सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप नियमित आधार पर फ़ीडर की सफ़ाई करें।
- एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करें: पक्षियों को अपने घर में आमंत्रित करने का एक अन्य तरीका है पक्षी बक्से लगाना। ये न केवल पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं, बल्कि ये आपके बगीचे या छत को और अधिक सुंदर बनाने का भी एक शानदार तरीका हैं।बाज़ार से आप अपनी पसंद का घोसला चुन सकते हैं। आप अपने घर में पड़े पुराने बक्सों या लकड़ी के तख्तों को पुनः चक्रित करके अपना खुद का पक्षी घर बना सकते हैं।
- पक्षियों को अपने पालतू जानवरों से बचाएं: पालतू बिल्लियाँ और कुत्ते पक्षियों को कई तरह से नुकसान पहुँचा सकते हैं। वे पक्षियों का पीछा कर सकते हैं, उन्हें परेशान कर सकते हैं या उन्हें मार भी सकते हैं। वसंत और गर्मियों के दौरान इन पक्षियों के लिए सबसे अधिक खतरा होता है, क्योंकि ये मौसम आमतौर पर पक्षियों के प्रजनन के होते हैं। यह वह समय है जब युवा पक्षी उड़ना सीखते हैं और पालतू जानवरों के लिए आसान लक्ष्य हो सकते हैं।
- पक्षियों को अवैध रूप से पिंजरे में न रखें: यदि आप पक्षियों को पालतू जानवर के रूप में रखने के इच्छुक हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप किसी प्रतिष्ठित ब्रीडर या पालतू जानवर की दुकान से केवल कैद में पले हुए पक्षी ही खरीदें। खूबसूरत पक्षियों को देखने और उनकी चहचहाहट और गाने सुनने का रोमांच उन्हें पिंजरे में बंद किए बिना भी प्राप्त किया जा सकता है।
- वृक्ष लगाएं: स्वच्छ हवा से लेकर विभिन्न प्राणियों को आश्रय प्रदान करने तक, ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से हमें शहर में अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है। पेड़ पौधे पक्षियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं और लखनऊ में अधिक पेड़ लगाने से पक्षियों की घटती आबादी पर काफ़ी प्रभाव पड़ेगा। आप अपने बगीचे या अपने इलाके के पार्कों में अधिक पेड़-पौधे लगा सकते हैं। आप लखनऊ में समय-समय पर होने वाले विभिन्न वृक्षारोपण अभियानों का भी हिस्सा बन सकते हैं।
ये आसान कदम लखनऊ में पक्षियों के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक आवास सुनिश्चित करने में काफ़ी मदद करेंगे। पर्यावरण की रक्षा करने और पक्षियों को एक हरा-भरा और सुरक्षित शहर प्रदान करने का दायित्व हम नागरिकों पर है।
लखनऊ के निकट पक्षी देखने के स्थान-
- सांडी पक्षी अभयारण्य (Sandi Bird Sanctuary): हरदोई के बिलग्राम तहसील में स्थित सांडी पक्षी अभयारण्य उत्तर प्रदेश के रामसर स्थलों में से एक है। प्रवासी मौसम के दौरान, इस स्थान पर विभिन्न प्रकार के पक्षी प्रवास के लिए आते हैं, जिनमें ब्राह्मणी-डक, रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड, यूरेशियन विजियन, कूट, गार्गेनी टील और नॉर्दर्न शॉवेलर जैसे पक्षी शामिल हैं। यह अभयारण्य आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ से 137.2 किलोमीटर दूर है।
- कुकरैल वन और घड़ियाल पार्क (Kukrail Forest and Gharial Park): यदि आप लंबी यात्रा नहीं करना चाहते हैं, तो लखनऊ के कुकरैल वन और घड़ियाल पार्क में भी आप विभिन्न प्रकार के पक्षी देख सकते हैं। मार्च से अप्रैल की अवधि पक्षी देखने के लिए इस स्थान पर जाने का सबसे अच्छा समय है, जिसमें 200 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के निवासी और प्रवासी पक्षी रहते हैं।
- नवाबगंज पक्षी अभयारण्य (Nawabganj Bird Sanctuary): पक्षी प्रेमियों और फ़ोटोग्राफ़रों के लिए, लखनऊ के पास सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक, नवाबगंज पक्षी अभयारण्य सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का घर है। यहां के कुछ प्रसिद्ध पक्षियों में सारस क्रेन, पेंटेड स्टॉर्क, डैबचिक और ओपन-बिल स्टॉर्क शामिल हैं। यह अभयारण्य उन्नाव जिले के नवाबगंज तहसील में स्थित है।
- बखिरा अभ्यारण्य (Bakhira Sanctuary): यद्यपि यह अभयारण्य अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध है लेकिन यहां भारत में पाए जाने वाले सबसे खूबसूरत जल पक्षियों में से एक, ग्रे-हेडेड स्वैम्पेन को देखा जा सकता है। यह अभयारण्य लखनऊ से सिर्फ़ 250 किलोमीटर दूर स्थित है। यह राजसी जल पक्षी कई पक्षी प्रेमियों का पसंदीदा है।
- एकाना आर्द्रभूमि (Ekana Wetlands): एकाना आर्द्रभूमि लखनऊ के सर्वश्रेष्ठ पक्षी अवलोकन स्थलों में से एक है। स्टेडियम के ठीक पीछे स्थित, आर्द्रभूमि में 8 अलग-अलग परिवारों से संबंधित कम से कम 17 पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं।
संगीत, संस्कृति और भोजन के अलावा, नवाबों के शहर में पक्षियों का भी एक घराना है। प्रकृतिविदों और पक्षी विज्ञानियों द्वारा उत्तर प्रदेश की राजधानी में कम से कम 360 प्रकार के पक्षियों को देखा और सूचीबद्ध किया गया है। सर्दियों के आगमन के साथ, पक्षियों से भरपूर प्राकृतिक दृश्यों में वृद्धि होने लगती है क्योंकि कई दुर्लभ देखे जाने वाले प्रवासी पक्षी भी इस मौसम में लखनऊ को अपना घर बनाते हैं। जबकि सनबर्ड पूरे लखनऊ में पाया जाता है, पक्षी विज्ञानियों का कहना है कि भारतीय पित्त (जिसे इसके पंखों में नौ रंगों के लिए नवरंग भी कहा जाता है), ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र से आने वाले प्रवासी बत्तख, सुर्खाब, काले हुड वाले ओरियोल और उत्तरी साइबेरिया के प्रवासी पक्षी सीकपर ऐसे कुछ दुर्लभ पक्षी हैं, जिन्हें लखनऊ में देखा जा सकता है।
पक्षी जीवन का अभिन्न अंग हैं। वे हमें प्रकृति का सम्मान करने का मौका देते हैं, जो हमें कई मायनों में प्यार और देखभाल का प्रतिसाद देती है। लखनऊ में पक्षियों द्वारा पसंद की जाने वाली कई बस्तियाँ हैं, जो एक पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के सबसे महत्वपूर्ण संकेतक हैं। वे प्रकृति के स्वास्थ्य को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें पर्यावरण प्रणाली के जैव-सूचक के रूप में जाना जाता है। इसलिए आइए, प्रण लें कि इन नन्हे जीवों को पनपने और अनुकूलन करने के लिए अपने शहर को हम हरा-भरा एवं स्वच्छ रखेंगे ।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ycx6u6vj
https://tinyurl.com/5n8u5kj9
https://tinyurl.com/mn5cn5uc
चित्र संदर्भ
1. लाल छाती वाली फ़्लाईकैचर (Red-breasted flycatcher) को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
2. काले पंखों वाले स्टिल्ट (Black-winged stilt) को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
3. मोर को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
4. सारस क्रेन के एक जोड़े को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
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