अहिक्षेत्र से प्राप्त होते हैं प्राचीन संस्कृतियों के साक्ष्य

लखनऊ

 28-05-2018 02:15 PM
ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

भारत में सबसे पहले नगरीकरण की शुरुवात सिन्धु सभ्यता के दौर में हुयी थी। सिन्धु सभ्यता से जुड़े अनेकों पुरास्थल मेरठ और पश्चिमी भारत में मिलते हैं। रामपुर और इसके आसपास के क्षेत्र में सिन्धु सभ्यता से जुड़े पुरास्थल हमें नहीं मिलते हैं परन्तु इस क्षेत्र में हमें कई अन्य सभ्यताओं के प्रमाण मिलते हैं जो कि सिन्धु सभ्यता के जितने प्राचीन तो नहीं हैं परन्तु फिर भी इस क्षेत्र में मानव बसाव को प्रदर्शित करते हैं। इस क्षेत्र में पायी जाने वाली ओ.सी.पी. संस्कृति सिन्धु सभ्यता के आखिरी समय तक जाती है। इस संस्कृति की तिथि 2000 ईसा पूर्व तक जाती है। इस काल के अवशेष हमें रामपुर के पास स्थित अहिक्षेत्र से प्राप्त होते हैं।

अहिक्षेत्र की खुदाई के दौरान इस संस्कृति से जुड़े साक्ष्य प्राप्त हुए थे। इस संस्कृति का नाम मिट्टी के बर्तन के रंग के ऊपर रखा गया है जो कि रंगे हुए गेरू मृदभांड के नाम से जाना जाता है। 1964-65 में हुयी खुदाई में रंगे हुए गेरू मृदभांड के कुछ बर्तन के टुकड़े प्राप्त हुए थे। बुलंदशहर के लालकिला पर हुयी खुदाई में भी रंगे हुए गेरू मृदभांड के प्रमाण प्राप्त हुए थे। ये खुदाई सन 1968-69, 1971-72 के दौर में हुयी थी। इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि रामपुर के आस पास के क्षेत्र में रंगे हुए गेरू मृदभांड की संस्कृति प्रफुल्लित हो रही थी। यह इस बात पर भी जोर देती है कि इस क्षेत्र में बड़े मानव बसाव की शुरुवात इस काल में हो गयी थी। मृदभांड संस्कृति के अलावा अन्य संस्कृति जो इस क्षेत्र में पायी जाती है, वह है रंगे हुए धूसर मृदभांड की संस्कृति। रंगे हुए धूसर मृदभांड को तमाम मृदभांडो में एक अत्यंत उत्तम स्थान प्राप्त है। यह संस्कृति गंगा के मैदान में लोहे के युग की संस्कृति के समय की मानी जाती है तथा इसकी तिथि 1200 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व के करीब जाती है। यह संस्कृति काले रंगे हुए मृडभांड की संस्कृति के बाद प्रकाश में आई थी। इस संस्कृति के प्रमाण अहिक्षेत्र से प्राप्त हुए हैं। यह संस्कृति गाँव और नगरी परम्परा से जुड़ी हुयी है। यह सिद्ध करती है कि नगरों का निर्माण इस क्षेत्र में शुरू हो गया था। उत्तरी रंगे हुए काले मृडभांड की परम्परा के भी अवशेष रामपुर के आस-पास के क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं। यह परंपरा या संस्कृति अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा के रूप में आंकी जाती है। उत्तरी काला मृदभांड अत्यंत महत्वपूर्ण बर्तन परंपरा थी। यह पूरे उत्तरभारत में पायी जाती है। कई स्थानों से इस प्रकार के बर्तन प्राप्त हुए हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि यह बर्तन अत्यंत मत्वपूर्ण था और इसके टूटने के बाद लोग इसको तार के सहारे जोड़ कर प्रयोग करते थे। इन सभी साक्ष्यों से यह कहा जा सकता है कि रामपुर के आस पास के क्षेत्र में अनेकों सभ्यताओं का जन्म हुआ था।

1. एन्शिएंट एंड अर्ली मिडिवल इंडिया उपेंदर सिंह
2. http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/36863/5/chapter%204.pdf
3. https://www.ancient-buddhist-texts.net/Maps/During-Asokas-Time/Map-14-7-NBPW.htm
4. https://www.revolvy.com/main/index.php?s=Painted+Grey+Ware+culture



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id