रहें रोगमुक्त - जानें आयुष का हर अंश

लखनऊ

 09-05-2018 01:30 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

स्वास्थ्य मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। यदि स्वास्थ्य सही नहीं रहा तो मानव एक सुन्दर जीवन नहीं जी सकता है। भारत में प्राचीन काल से स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है। विभिन्न ऋषियों ने स्वास्थ्य को उत्तम स्थान व दर्जा प्रदान किया है। चरक, भारद्वाज आदि ने स्वास्थ्य सम्बन्धी कई आयामों को बना कर प्रस्तुत किया है। भारत में स्वास्थ्य को आयुष के अंतर्गत लाया जाता है। आयुष (AYUSH) शब्द अंग्रेज़ी में 5 अक्षरों से बना है- A, Y, U, S और H और इन सभी अक्षरों का एक अलग अर्थ है, आइये इन्हें विस्तारपूर्वक देखें।

A - यह आयुर्वेद (Ayurveda) को संदर्भित करता है।
Y - यह योग (Yoga) को संदर्भित करता है।
U - यह यूनानी (Unani) को संदर्भित करता है।
S - यह सिद्धा (Siddha) को संदर्भित करता है।
H - यह होमियोपैथी (Homeopathy) को संदर्भित करता है।

इन पांच बिन्दुओं के अलावा 2 अन्य बिंदु भी आयुष में जुड़े हैं, उनमें से ही एक है नेचुरोपैथी। इस सिद्धांत के आधार पर एक विकल्प है आहार, व्यायाम आदि जैसी तकनीकों द्वारा दवाओं के उपयोग के बिना बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज या रोकथाम किया जाना। दूसरा बिंदु है सोवा रिग्पा जो कि एक पुरानी तिबत्तन तकनीक है जिसके आधार पर कई बिमारियों का इलाज किया जाता है।

ये सभी बिंदु AYUSH के विभाग को संदर्भित करते हैं, पहले इसे दवा और होमियोपैथी की भारतीय प्रणाली विभाग के नाम से जाना जाता था (ISM&H)। 2003 में इसका दोबारा नामकरण हुआ और इसे आयुष (AYUSH) विभाग के नाम से जाना जाने लगा, इस विभाग का उद्देश्य आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, नेचुरोपैथी और होमियोपैथी को शोध और पढ़ाई के द्वारा और विकसित करना है। 2003 में यह विभाग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करता था। लेकिन 9 नवम्बर 2014 से यह विभाग AYUSH मंत्रालय के तहत काम करने लगा, AYUSH मंत्रालय का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

AYUSH के उद्देश्य -
* दवा और होमियोपैथी की भारतीय प्रणाली में भारत भर के कॉलेजों का शैक्षिक मान बढ़ाना।
* शोध संस्थाओं को सहायता और मज़बूती देना ताकि विचित्र बीमारियों पर शोध हो सके।
* औषधीय पौधों को रोपने के लिए बढ़ावा देना और स्कीम लांच करना।
* दवा और होमियोपैथी की भारतीय प्रणाली के लिए भेषज मानक स्थापित करना।

यह सभी संगठन AYUSH के तहत काम करते हैं :-
* अ. ल. आयुर्वेद अनुसंधान केंद्र (सी.सी.आर.ए.एस), नई दिल्ली
* योग और नेचुरोपैथी के शोध के लिए केंद्र परिषद (सी.सी.आर.वाई.एन.), नई दिल्ली
* यूनानी दवा पर शोध के लिए केंद्र परिषद (सी.सी.आर.यू.एम.), नई दिल्ली
* सिद्धा पर शोध के लिए केंद्र परिषद (सी.सी.आर.एस), तमिल नाडू
* होमियोपैथी पर शोध करने के लिए केंद्र परिषद (सी.सी.आर.एच.), नई दिल्ली

तमाम स्वास्थ्य सम्बंधित तकनीकें मानव हित के लिए हैं, सामान्यतया मानव को कुछ एक दो के बारे में ही ज्ञात है जिसका परिणाम यह है कि व्यक्ति अपनी बीमारी का सही इलाज नहीं करवा पाता। कई बार हम देखते हैं कि कुछ ऐसी बीमारियाँ होती हैं जो कि मात्र योग से ही सही हो सकती हैं परन्तु उस बिमारी का इलाज एलॉपैथी से करवाते हैं जिसका परिणाम यह निकलता है कि हम उस बिमारी से परेशान और परेशान होते रहते हैं। सभी सात प्रकारों को जानना अत्यंत जरूरी है और बिना इनको जाने इलाज के लिए जाना हानिकारक साबित हो सकता है।

1. https://www.javapoint.com/ayush-full-form
2. https://ayush.gov.in/about-the-systems/ayurveda/body-matrix
3. http://ijme.in/articles/mainstreaming-ayush-an-ethical-analysis/?galley=html
4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2816487/



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