रामपुर का जब भी ज़िक्र आता है तो पहला शब्द हमारे ज़हन में जो आता है वो है रामपुरी चाकू जिसे हिंदी फिल्मों में एक अहम दर्जा दिया गया था। लेकिन उत्तर प्रदेश के इस शहर के व्यंजनों का एक स्वाद हजारों साल तक लोगों को आश्चर्यचकित करता रहेगा। वर्तमान काल में कितने ही होटल हैं जो कि रामपुरी भोजन को परोसने का कार्य करते रहते हैं। रामपुर किचन भारत के विभिन्न स्थानों व मेलों में अपनी एक अलग ही शाख बनाये हुए है। यहाँ का भोजन मांसाहारियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
जब रामपुर राज्य की शुरुआत हुयी थी तब यहाँ पर विभिन्न स्थानों से बावर्चियों को बुलाया गया था तथा यही कारण है कि यहाँ पर रामपुरी भोजन बहुत सारे व्यंजनों से प्रभावित था, ख़ास कर के मुगलई, अफगानी, लखनवी, कश्मीरी और अवधी भोजन से। ये सारे प्रकार के भोजन यहाँ पर नियमित रूप से विकसित किये जाते थे। अन्तोगत्त्वा यहाँ के नवाबों ने अपना स्वयं का भोजन विकसित करना शुरु किया, जो तब तक मुख्य रूप से रामपुर के भोजन के रूप में जाना जाने लगा। दूसरे शब्दों में, मांस को भारी, कम मसाला और ज्यादातर कुरकुरा करके बनाया गया था। रामपुर के शाही रसोईघर उन प्रारूपों पर काम करते थे जो उन दिनों के आदर्श थे। इसलिए चावल का विशेषज्ञ केवल चावल के व्यंजनों पर काम करेगा और मांस नहीं। हालांकि, नवाब अक्सर उन्हें नई चीजों का पता लगाने और बनाने के लिए प्रोत्साहित करते थे, जिससे उन्हें एक-दूसरे के क्षेत्र में कदम रखने और अद्भुत खाना बनाने की अनुमति मिलती थी। परिणाम स्वरुप मिशे चावल जैसे विशेष व्यंजन सामने आये। पुलाव मामररेड, एक चावल पकवान जो लहसुन के साथ बनाये जाते थे जो खाना पकाने की प्रक्रिया में चमकीले और मिठाई के समान लगते थे, उसका नाम है- मोती पुलाव।
रामपुर की पुस्तकालय में व्यंजनों का दस्तावेज मिला है जिसमें यहाँ के व्यंजनों के अद्भुत संयोजन का ज्ञान हमें प्राप्त होता है। नवाबों द्वारा खोजा गया यह व्यंजन वर्तमान काल में आम लोगों द्वारा अपना लिया गया है तथा इसका स्वाद आज आम आदमी भी लेता है। अवध के पास में बसे होने के बावजूद भी रामपुर के पकवान अवध से अत्यंत भिन्न हैं। यह इस बात का द्योतक हैं कि रामपुर में भोजन पर कई आविष्कार किये गए हैं। इन्ही व्यवस्थित व हस्ताक्षर व्यंजनों में से एक व्यंजन रामपुर में बहुचर्चित है और वह व्यंजन है मटन कोरमा। मटन कोरमा बनाने के लिए प्रयुक्त सामग्रियां निम्नवत हैं-
मटन- 1/2 किलो, साबुत गरम मसाला- 25 ग्राम, तेजपत्ता- 4, घी- 150 मि.ली., दही- 1/2 कप, काजू- 50 ग्राम, बादाम- 20 ग्राम, केसर- चुटकीभर, अदरक लहसुन पेस्ट- 2 चम्मच, बारीक कटा प्याज़- 4, टोमेटो प्यूरी- 1 कप, लाल मिर्च पाउडर- स्वादानुसार, काली मिर्च पाउडर- 1 चम्मच, गरम मसाला पाउडर- दो चम्मच, नमक- स्वाद अनुसार। इस व्यंजन को निम्नवत विधि से पकाया जाता है- कड़ाही में घी गर्म करें और उसमें प्याज को सुनहरा होने तक भूनें फिर उसमें साबुत गरम मसाला, तेजपत्ता, अदरक लहसुन पेस्ट और लाल मिर्च पाउडर डालकर मिलाएं और मध्यम आंच पर 10 मिनट तक पकाएं। मटन को कड़ाही में डालें और अच्छी तरह से मिला लें। मिलाने के बाद 15 मिनट तक पकाएं, टोमेटो प्यूरी काली मिर्च पाउडर डालकर मिलाएं। बादाम और काजू को हल्का उबाले और दही व केसर के साथ उसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को भी मटन में डालें और उसे ढक कर आधे घंटे तक पकाएं। अब इसमें गरम मसाला और नमक डालकर मिलाएं। कड़ाही को ढके और आधे घंटे के लिए दम में डालें। और तैयार होगा आपका रामपुरी मटन कोरमा।
1.https://www.outlookindia.com/outlooktraveller/cuisine/a-taste-of-history-how-the-royals-from-rampur-loved-to-dine/
2.http://www.business-standard.com/article/news-ians/discover-the-forgotten-delectable-rampur-cuisine-foodie-trail-delhi-118032300339_1.html
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