Post Viewership from Post Date to 04-Nov-2024 (5th) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2235 57 2292

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

जानिए, क्यों महोबा का देसावरी पान है खतरे में

लखनऊ

 30-10-2024 09:31 AM
निवास स्थान
यह सच है कि रामपुर के लोग पान (पत्ते) के बहुत शौकीन हैं। आज हम बात करेंगे देसावरी पान की, जो एक खास किस्म का पत्ता है जिसे अधिकतर उत्तर प्रदेश के महोबा में उगाया जाता है और यह अपने अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है। इसके पत्ते, आकार में अन्य पान की किस्मों से बड़े होते हैं, और इनमें एक ख़ास सुगंध होती है। इनमें कम फ़ाइबर होता है, और इसका स्वाद हल्का, कड़वा और मीठा होता है।
तो आज हम इस पान के गुण और विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे। फिर, हम भारत में देसावरी पान की खेती की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करेंगे। इसके बाद, हम यह जानेंगे कि महोबा का देसावरी पान, तीन से चार साल में क्यों गायब हो सकता है? अंत में, हम इस पत्ते की खेती के आर्थिक पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
महोबा देसावरी पान की विशेषताएँ एवं गुण
महोबा देसावरी पान, सिर्फ़ एक पत्ते से कहीं ज़्यादा है। यह एक ऐसा ख़जाना है, जो न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि इसके पीछे कई रोचक तथ्य भी हैं। चलिए, जानते हैं इसकी ख़ासियतें:
देसावरी पान की फ़सल, किसानों के लिए एक सोने की चिड़िया है। यह दो से तीन साल तक फ़ायदा देती है, जिससे किसान न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाते हैं, बल्कि अपने सपनों को भी साकार कर सकते हैं।
इसकी कटाई हर महीने होती है। इसका मतलब है कि हर महीने ताज़गी का आनंद मिलता है और किसान नियमित रूप से अपनी फ़सल का फ़ायदा उठा सकते हैं।
ये पत्ते, तापमान और वर्षा में बदलाव के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसलिए, इनकी अच्छी देखभाल करनी पड़ती है ताकि फ़सल अच्छी हो सके।
अगर तापमान, 6°C से नीचे या 45°C से ऊपर चला जाए, तो ये पत्ते बर्बाद हो सकते हैं। इसलिए, किसानों को अपने खेतों की सुरक्षा के लिए हमेशा चौकस रहना पड़ता है।
2021 में, देसावरी पान को भौगोलिक संकेत (जी आई) टैग से भी सम्मनित किया गया है। इससे इसकी विशेष पहचान बनी, जैसे कि यह एक प्रसिद्ध हस्तशिल्प हो!
इस पत्ते को 2021 से, प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत सुरक्षा मिल रही है, जिससे किसानों को फ़सल की बर्बादी के समय आर्थिक मदद मिलती है।
इस पान से निकाला गया तेल अत्यधिक मांग में है और इसकी कीमत एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम है, जो इसे एक मूल्यवान उत्पाद बनाता है।
इसका उपयोग, केवल आयुर्वेदिक दवाओं में ही नहीं, बल्कि पान के स्वाद वाली मिठाइयाँ, चॉकलेट और आइसक्रीम बनाने में भी किया जाता है। यह पान एक ऐसा घटक है, जो न केवल सेहत के लिए फ़ायदेमंद है, बल्कि मीठे का मज़ा भी देता है।

महोबा देसावरी पान की खेती की वर्तमान स्थिति
महोबा देसावरी पान की खेती की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। यह खेती, सूखे घास के शेड में की जाती है, जहाँ बांस की छड़ें, पान की बेलों को सहारा देती हैं। ये बेलें, दो से तीन साल तक फल देती हैं, और हर महीने इनकी कटाई होती है। लेकिन भविष्य अनिश्चित है, क्योंकि किसानों को फ़सल नुकसान के लिए मुआवज़ा नहीं मिला है।
अधिकांश खेती, ज़मीनहीन किसानों द्वारा की जाती है, जिन्हें बैंक क्रेडिट जैसी संस्थागत सहायता नहीं मिलती।
बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी, गरीबी और विकास की कमी के कारण पान की खेती से जुड़े परिवार लंबे समय से पलायन कर रहे हैं। यहां की अनोखी सुगंध और स्वाद वाला देसावरी पान अब धीरे-धीरे गायब हो रहा है, जिसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन, अवैध खनन और वनों की कटाई माना जा रहा है।
रामसेवक चौरसिया, जो नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के कृषि वैज्ञानिक हैं, ने देसावरी पान की उत्पादकता बढ़ाने के लिए काफ़ी मेहनत की और 2022 में इसे भौगोलिक संकेत (जी आई) टैग दिलाने में भी मदद मिली। कुछ पान विक्रेता जैसे – मनोज चौरसिया ने कई सालों से खेती छोड़ दी है, क्योंकि कड़ाके की सर्दी ने फ़सल को नुकसान पहुंचाया है।
इस प्रकार, महोबा का देसावरी पान, केवल एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद नहीं है, बल्कि यह किसानों की मेहनत, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक भी है। इसकी रक्षा के लिए, ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यह अनोखी विरासत अगली पीढ़ी तक पहुंच सके।

आखिर क्यों, महोबा का देसावरी पान तीन से चार वर्षों में गायब हो सकता है?
देसावरी पान की पत्तियाँ एक लाभदायक फ़सल हैं, जो दो से तीन साल तक उगाई जाती हैं। इनकी कटाई हर महीने की जाती है। लेकिन ये पत्तियाँ, तापमान और बारिश में बदलाव के प्रति संवेदनशील होती हैं। अगर बारिश ज़्यादा हो जाए या तापमान 6°C से कम या 45°C से अधिक हो जाए, तो ये पत्तियाँ नष्ट हो जाती हैं।
2023 में, न्यूनतम तापमान, 2°C तक गिर गया, जिससे 80 प्रतिशत बेलें प्रभावित हुईं। इस वर्ष, इस ज़िले में लगभग 1 करोड़ रुपये के पान की पत्तियाँ नष्ट हो गईं। महोबा में पान उगाने वालों की संख्या, 2000 में 410 से घटकर 75 प्रतिशत कम हो गई है, जबकि फ़सल की खेती का क्षेत्र 95 प्रतिशत कम हो गया है।
उपकरणों की लागत बढ़ने के कारण भी पान की खेती लाभदायक नहीं रही। किसानों का कहना है कि गुटखा (सुगंधित सुपारी) की बिक्री में वृद्धि ने पान की बिक्री में कमी ला दी है।
सरकार से कोई सहायता नहीं
2021 से पान की खेती, प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना में शामिल है, लेकिन अब तक किसी किसान को इसका लाभ नहीं मिला है। सितंबर 2022 में, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मदद का वादा किया था, पर अब तक कुछ नहीं हुआ।
पान प्रोत्साहन योजना के तहत, 50% लागत का लाभ केवल ज़मीन मालिकों को मिलता है, जबकि महोबा के अधिकांश किसान, पट्टे की ज़मीन पर खेती करते हैं। रामसेवक का सुझाव है कि सरकार पान से बने उत्पादों, जैसे पान के तेल को बढ़ावा दे। अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो देसावरी पान तीन-चार साल में गायब हो सकता है।
भारत में महोबा देसावरी पान की खेती की अर्थव्यवस्था

महोबा देसावरी पान, कभी पाकिस्तान, यूरोप और मिडिल ईस्ट में निर्यात से किसानों को सालाना 8 करोड़ रुपये तक की आय दिलाता था, लेकिन अब यह रकम घटकर, 1.5 करोड़ रुपये से भी कम रह गई है। जलवायु परिवर्तन के कारण खेती का क्षेत्र भी 600 एकड़ से घटकर 60 एकड़ रह गया है। देसावरी पान जलवायु के प्रति बेहद संवेदनशील होता है, इसलिए इसे बरेजा नामक संरक्षित ढांचे में उगाया जाता है। इसकी पत्तियाँ बड़ी, कम रेशेदार, और स्वाद में हल्की कड़वाहट के साथ मिठास लिए होती हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पान किसानों के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जिसमें सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, फ़सल बीमा योजना पर भी काम चल रहा है, ताकि इस देसी किस्म की खेती को संरक्षित किया जा सके। महोबा का पान, न केवल पारंपरिक खेती का हिस्सा है, बल्कि रोज़गार का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2z9s9nee
https://tinyurl.com/muf5mmut
https://tinyurl.com/4x4h3hxy
https://tinyurl.com/27kd7wja
https://tinyurl.com/ms4bue2u

चित्र संदर्भ
1. पान के पत्तों और पान की दुकान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia, flickr)
2. पान के पत्ते के साथ एक बुजुर्ग को संदर्भित करता एक चित्रण (pixahive)
3. पान की दुकान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. पान के पौंधे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id