Post Viewership from Post Date to 28-Mar-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2547 225 2772

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

धारणा खंडन: अपने वास्तविक स्वरूप में 'शक्ति' कैसे बदल सकती है हमारा जीवन?

लखनऊ

 26-02-2024 09:56 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

हम आमतौर पर "शक्ति" का अर्थ, क्षमता या ऊर्जा को समझते हैं। लेकिन प्राचीन किवदंतियों और संस्कृत भाषा में, "शक्ति" को वास्तव में एक महिला अवधारणा के रूप में देखा जाता है। इसका प्रतिनिधित्व अक्सर भगवान शिव की पत्नी के रूप में किया जाता है। लेकिन इससे भी परे बहुत गहरे स्तर पर "शक्ति" की वास्तविक अवधारणा “पुरुष या महिला” के विचार से भी परे है।
चाहे वह पुरुष हो या महिला, दोनों में ही पुरुषोचित और स्त्रियोचित दोनों गुण सदैव उपस्थित होते हैं। इन दोनों पक्षों के बीच संतुलन होना बहुत ज़रूरी होता है। हिंदू धर्म में शिव और शक्ति इन दो पक्षों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जहां भगवान शिव चेतना की तरह अव्यक्त और निराकार माने जाते हैं, वहीं शक्ति को ब्रह्मांड और प्रत्येक मनुष्य में प्रकट, सुंदरता से निर्मित ऊर्जा के रूप में संदर्भित किया जाता है। दिलचस्प बात यह है, कि शक्ति की प्राप्ति भगवान शिव के बिना नहीं हो सकती है। मुख्यतः पुरुष पक्ष को शिव और स्त्री पक्ष को शक्ति के रूप में संदर्भित किया जाता है। दुनियाँ की वह प्रत्येक वस्तु जो जीवंत, ज्वलंत और वांछनीय है, उसमें शक्ति का निवास माना जाता है। शक्ति एक घटना है, एक ताक़त है जो हमारे जीवन और उसके विभिन्न चरणों के लिए जिम्मेदार होती है। यह प्रकृति के विकास को प्रेरित करती। चाहे वह पौधे हों, जंगल हों, नदियाँ हों, जानवर हों या मनुष्य हों, सभी कुछ शक्ति से ही प्रेरित है। इतना ही नहीं सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति, हवाओं का वेग् और महासागरों का मंथन आदि सब कुछ शक्ति के कारण ही घटित होता हैं।
यह आग की गर्मी, सूर्य की चमक और सभी जीवित प्राणियों की भी जीवन शक्ति है। शक्ति बुद्धि, दयालुता और दिव्य प्रेम की भी प्रेरक ऊर्जा है। शक्ति ही ब्रह्मांड को चलायमान रखती है। शक्ति के बिना सारी सृष्टि अपंग और अकर्मण्य होगी।
शक्ति एक शब्द है जो ब्रह्मांड के निर्माण, रखरखाव और विनाश के लिए जिम्मेदार गतिशील ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। इसे अक्सर स्त्री ऊर्जा से जोड़ा जाता है, क्योंकि यह सृजन के लिए ज़िम्मेदार है। ठीक उसी तरह जैसे माँ जन्म के लिए आवश्यक होती है। शक्ति के बिना ब्रह्मांड में कुछ भी घटित नहीं होगा। हालाँकि शक्ति भी सृजन के लिए निष्क्रिय ऊर्जा या चेतना के एक रूप “शिव” को उत्तेजित करती है।
शिव और शक्ति के मेल की इस अवधारणा का प्रतिनिधित्व “अर्धनारीश्वर” द्वारा किया जाता है। अर्धनारीश्वर आधा पुरुष और आधा महिला का शरीर है, जो यह दर्शाता है कि दोनों ही ऊर्जाएँ ब्रह्मांड के निर्माण, रखरखाव और विनाश के लिए ज़रूरी हैं।
शक्ति का तात्पर्य देवियों से भी है, जो इस ऊर्जा की अभिव्यक्तियाँ हैं। कुछ देवियाँ शक्ति के विनाशकारी पहलुओं, जैसे मृत्यु और बीमारी, का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि कुछ देवियाँ प्रकृति, कला और समृद्धि जैसी रचनात्मक और सकारात्मक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। भारत के कई हिस्सों में, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत में, शक्ति को अक्सर सर्वोच्च यहाँ तक कि पुरुष देवताओं से भी ऊपर ऊर्जा के रूप में देखा जाता है। प्राचीन हिंदू ग्रंथ, ऋग्वेद का एक खंड, जिसे "देवी सूक्त" के नाम से जाना जाता है, शक्ति को एक ब्रह्मांडीय सिद्धांत के रूप में वर्णित करता है। विभिन्न भारतीय दर्शन भी शक्ति को सभी चीजों में अंतर्निहित शक्ति के रूप में संदर्भित करते हैं। प्रकृति को एक गतिशील ऊर्जा के रूप में देखा जाता है, हालाँकि यह मूल रूप से निष्क्रिय और शुद्ध मानी जाती है, लेकिन जब यह सक्रिय पुरुष के संपर्क में आती है, तो यह जंगलों, नदियों और वनस्पति जैसे विभिन्न रूपों में प्रकट होती है।
शक्ति जीवंतता, स्वास्थ्य और जीवन ऊर्जा का सार है। यह जीवन को एक चमक प्रदान करती है। शक्ति आपको विकास और परिवर्तन की खोज करने और रोजमर्रा की जिंदगी में उद्देश्य खोजने के लिए सशक्त बनाती है।
शक्ति को जब भीतर की ओर निर्देशित किया जाता है, तो यह आपको अपनी चेतना को ऊपर उठाने, खुद को “किसी बड़ी चीज़ के अंश” के रूप में अनुभव करने की क्षमता प्रदान करती है। शक्ति की उपस्थिति में ही आप बहादुरी के साथ तनाव का सामना करते हैं, ठीक से सांस लेते हैं, भोजन आसानी से पचाते हैं और जीवन में स्फूर्ति का अनुभव करते हैं।
शक्ति के तीन मुख्य रूप होते हैं:
1. ज्ञान, जानने की शक्ति।
2. इच्छा, इच्छा शक्ति।
3. क्रिया, कार्य करने या प्रदर्शन करने की शक्ति।
आप अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए हर उस चीज का आभार व्यक्त कर सकते हैं, जो आपके पास मौजूद है। आप अपने परिवार, दोस्तों, रिश्तों, करियर और शौक जैसी हर चीज के प्रति आभार व्यक्त करके अपनी शक्ति बढ़ा सकते हैं। ऐसा करने पर आपकी मानसिक स्थिति तुरंत ही बेहतर और प्रसन्नचित्त हो जाएगी। ऐसे लोगों से मित्रता करें, जिनमें उच्च ऊर्जा या शक्ति का वास हो। नई चीजें सीखने से भी हमें प्रेरणा मिलती है और वह सकारात्मक ऊर्जा में तब्दील हो जाती है। जब हम कुछ ऐसा करते हैं जो हमने पहले कभी नहीं किया है, तो हम पूर्णता की अनुभूति करते हैं और यह पूर्ति हमारी ऊर्जा और हमारी खुशी के स्तर को बढ़ाती है। एक और बात आपको ज़रूर ध्यान में रखनी चाहिए: बड़ी घटनाओं के घटित होने की प्रतीक्षा करने के बजाय, उन छोटी-छोटी चीज़ों में ख़ुशी ढूँढ़ें जो हर दिन आसानी से घटित हो सकती हैं। छोटी-छोटी बातें जैसे सुबह-सुबह अपने प्रियजनों के साथ नाश्ता करना, काम के लिए जल्दी निकलना और अपने सहकर्मियों की तारीफ करने जैसी घटनाओं पर आप खुश हो सकते हैं। इस तरह दैनिक आधार पर इन छोटी-छोटी खुशियों पर ध्यान देने से या आभार व्यक्त करने से आपके जीवन की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव आता है।
गौर कीजिएगा आपको सबसे ज्यादा ख़ुशी तब नहीं होती जब आप किसी से कुछ लेते हैं, बल्कि तब होती है जब आप कुछ देने में सक्षम होते हैं। दूसरों की देखभाल करना, उनकी मदद करना, उनका उत्साह बढ़ाना, ये सभी छोटे-छोटे कार्य आपको वास्तविक संतुष्टि और खुशी देंगे। इस तरह का सकारात्मक दृष्टिकोण आपकी ऊर्जा शक्ति के स्तर को बढ़ाता है। शक्ति के बिना किसी भी चीज़ का निर्माण या अस्तित्व नहीं हो सकता। शक्ति समस्त सृष्टि का स्रोत है। शक्ति वह ऊर्जा भी है, स्वयं ब्रह्म या शिव, अथवा सर्वोच्च देवता को संचालित करती है।

संदर्भ
http://tinyurl.com/mrxhjp9z
http://tinyurl.com/y9ydjvye
http://tinyurl.com/yc2462wv

चित्र संदर्भ
1. प्राणायाम करते योगी को दर्शाता एक चित्रण (Look and Learn)
2. अर्धनारीश्वर स्वरूप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ब्रहमाँडीय ऊर्जा दर्शाता एक चित्रण (Easy-Peasy.AI)
4. देवी सूक्त दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. एक प्रसन्न भारतीय परिवार को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id