वर्तमान समय में, भारत में तेलुगु गानों की लोकप्रियता में एक तीव्र वृद्धि देखी गई है। ऐसा कहने के अनेक कारण हैं, जैसे तेलुगु गीतों में भाषा की संगीत गुणवत्ता, स्वर सामंजस्य का उपयोग और क्रिया प्रणाली का लचीलापन आदि। ये सभी कारण, तेलुगु गीतों को अद्वितीय बनाते हैं। मेरठ के नागरिक, जानते होंगे, कि एम एम कीरवानी (M.M.Keeravani)) द्वारा रचित, चंद्रबोस (Chandrabose) द्वारा लिखा गया और राहुल सिप्लिगुंज (Rahul Sipligunj) और काला भैरव (Kaala Bhairava) द्वारा गाये गए गीत ‘नाटू नाटू’ (Naatu Naatu) को कई पुरस्कार मिले और यह 2023 में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए अकादमी पुरस्कार जीतने वाला किसी भारतीय फ़िल्म का पहला गीत बना। तेलुगु गीत बहुत आकर्षक होते हैं और इसलिए इन्हें जल्दी ही व्यापक दर्शक मिल जाते हैं। एक दशक पहले रिलीज़ हुआ गीत ‘ वाई दिस कोलावेरी डी’ (Why This Kolaveri Di) भी दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ था। ‘कोलावेरी’ के सांस्कृतिक संदर्भ को अपने आप में समझना मुश्किल होता। हालाँकि, जब इसे अंग्रेज़ी भाषा के साथ युग्मित किया गया, तब यह सामाजिक समारोहों में बजने वाला एक लोकप्रिय गीत बन गया। उत्कृष्ट फ़िल्मों का निर्माण भी तेलुगु गीतों को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उदाहरण के लिए, ‘बाहुबली’ फ़िल्मों के बॉक्स ऑफ़िस परिणामों से कोई भी अनजान नहीं है |, इन फ़िल्मों की रूप-रेखा और गीत आज भी दर्शकों को लुभा रहे हैं। अगर ये दो ब्लॉकबस्टर नहीं होते, तो तेलुगु गानों को शायद वैश्विक दर्शक नहीं मिल पाते। इन फ़िल्मों ने तेलुगु सिनेमा के विचार को पश्चिमी देशों की नज़रों में एक नया रूप दिया है। ‘नाटू नाटू’ गाने के डांस स्टेप्स, अभी भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। तो आइए, आज हम अब तक के कुछ बेहतरीन तेलुगु गानों के चलचित्र देखें। सबसे पहले हम, ‘नाटू नाटू’ गीत को देखेंगे तथा उसके बाद हम ‘समाजवरागमना’, ‘ना रोजा नुव्वे’, ‘नेल्लुरी नेराजना’ आदि लोकप्रिय तेलुगु गीतों का आनंद लेंगे।
संदर्भ
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