City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2664 | 201 | 2865 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
क्या आप जानते हिं कि हमारे मेरठ में बनी स्वादिष्ट “रेवड़ी और गजक” को केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। सर्दियों के दौरान तो इसकी मांग बहुत बढ़ जाती है, क्यों कि गजक और रेवड़ी को “सर्दियों की मिठाई” के ख़िताब से नवाजा जाता है। सर्दियों के दौरान लोग स्वस्थ रहने के लिए तरह-तरह के नुस्खे आजमाते हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि सर्दी के मौसम में रेवड़ी और गजक खाना बहुत फायदेमंद साबित हो ता है। सर्दी शुरू होते ही मेरठ के बुढ़ाना गेट और सदर बाजार में गजक की मिठास हवा में घुल जाती है। चलिए आज इसी शीतकालीन मिठाई की उत्पत्ति, इतिहास तथा सांस्कृतिक महत्व पर एक नजर डालते हैं।
क्या आप जानते हैं कि स्वादिष्ट “गजग” की उत्पत्ति की एक दिलचस्प कहानी मेरठ शहर से भी जुड़ी हुई है। मेरठ के स्थानीय निवासियों के अनुसार, आज से लगभग 150 साल पहले, राम चंद्र सहाय नाम के एक बुद्धिमान व्यक्ति ने तिल के साथ गुड़ (गन्ने से बना एक मीठा शरबत) मिलाया था। इसी जादुई संयोजन के परिणामस्वरूप गजक का निर्माण हुआ।
चलिए अब जानते हैं मेरठ की शान रही इस स्वादिष्ट मिठाई को बनाया कैसे जाता है:
गजक बनाने के लिए सबसे पहले, गुड़ और पानी को तब तक उबाला जाता है, जब तक कि यह एक चिपचिपे मिश्रण में परिवर्तित न हो जाए। एक बार जब मिश्रण ठंडा हो जाए, तो इसे फैलाया जाता है, सूखने के लिए लटका दिया जाता है और अंततः छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है।
इसी दौरान इन कटे हुए टुकड़ों में “तिल के बीजों” का छिड़काव किया जाता है, जिससे इस मिठाई में स्वादिष्ट कुरकुरापन आता है। फिर इस मिश्रण को विभिन्न आकारों में ढाल दिया जाता है, और बाजारों में बिक्री के लिए भेज दिया जाता है।
समय के साथ, गजक भी विभिन्न संस्करणों में विकसित हुई, जिनमें खस्ता गजक, चॉकलेट गजक और काजू गजक प्रमुख मानी जाती हैं। हमारे मेरठ की गजक के अनूठे स्वाद को अद्वितीय रखने के लिए मेरठ के गजक निर्माता और विक्रेता, गजक को जीआई टैग (Gi Tag) दिलाने की मांग कर रहे हैं, जिससे "इसकी विशिष्टता भी बरकरार रखी जाएगी। जीआई टैग गजक की बिक्री बढ़ाने में लाभकारी साबित होगा। वर्तमान में मेरठ की गजक को कनाडा (Canada), लंदन (London), सऊदी अरब, सिंगापुर (Singapore) और अमेरिका सहित 18 देशों में निर्यात किया जाता है।" मेरठ में 500 से अधिक गजक की दुकानें हैं, जो बुढ़ाना गेट, बेगम पुल, गुजरी बाजार और गढ़ रोड जैसे इलाकों में स्थित हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अकेले इस व्यवसाय से मेरठ के गजक विक्रेताओं को सालाना लगभग 80 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा होता है।
आज गजक मिठाई भारत में, विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्रों में एक लोकप्रिय व्यंजन के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। यह मिठाई भारतीय संस्कृति में खासतौर पर त्योहारों और उत्सवों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है। भारतीय संस्कृति में इसे सौभाग्य और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। मकर संक्रांति और लोहड़ी जैसे त्योहारों के दौरान, इसे दोस्तों और परिवार के सदस्यों के बीच उपहार के रूप में भी बांटा जाता है। अपने सांस्कृतिक महत्व के अलावा, यह मिठाई अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जानी जाती है।
गजक में पड़ने वाले तिल के बीज प्रोटीन (Protein), फाइबर (Fiber) और स्वस्थ वसा (healthy fats) जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। साथ ही ये कैल्शियम (Calcium), आयरन (Iron) और मैग्नीशियम (Magnesium) का भी अच्छा स्रोत माने जाते हैं। गजक को आमतौर पर गुड़ से बनाया जाता है, और गुड़ को चीनी की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है क्योंकि यह अपरिष्कृत होता है और इसमें पोषक तत्व भी अधिक होते हैं। तिल के अलावा मूंगफली, बादाम और अन्य मेवों से भी मिठाई बनाई जा सकती है। इस मिठाई को अक्सर चाय या कॉफी के साथ खाया जाता है, और इसे सर्दियों के लिए एक आदर्श नाश्ता माना जाता है।
गजक की उत्पत्ति का इतिहास मुगल काल से जोड़कर भी देखा जाता है। मुगल शासक खासतौर पर भोजन और मिठाइयों के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते थे। ऐसा माना जाता है कि गजक सबसे पहले मध्य प्रदेश राज्य के मुरैना शहर में बनाई गई थी, जिसे अपने तिल के उत्पादन के लिए जाना जाता है। मुगल काल के दौरान, यह मिठाई गुड़ या चीनी और तिल का उपयोग करके बनाई जाती थी। मुगल काल के दौरान, इसे एक विलासितापूर्ण खाद्य पदार्थ माना जाता था, जिसका आनंद शाही दरबार और धनी अभिजात वर्ग द्वारा लिया जाता था। इसे अक्सर विस्तृत दावतों और समारोहों में परोसा जाता था तथा इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। लेकिन जैसे-जैसे इस मिठाई की लोकप्रियता बड़ी, यह अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध और सस्ती हो गई और सभी वर्गों के लोग इसका आनंद लेने लगे। समय के साथ, गजक भारत के अन्य हिस्सों में लोकप्रिय हो गई और इस मिठाई के विभिन्न रूप विकसित हो गए। आज, गजक को मूंगफली और बादाम जैसी विभिन्न खाद्य सामग्रियों का उपयोग करके विभिन्न स्वादों और शैलियों में बनाया जाता है। पूरे भारत में गजक की कई विविधताएं देखी जा सकती हैं। दक्षिणी भारत में, इसे आमतौर पर गोल गेंदों के रूप में तैयार किया जाता है, जिन्हें 'लड्डू' के नाम से जाना जाता है।
गजक के कुछ लोकप्रिय प्रकार निम्नवत दिए गए हैं:
गजक रोल: यह एक लोकप्रिय प्रकार की गजक है, जो दो किस्मों (एक नरम गाढ़े दूध (खोया) से भरी हुई और दूसरी बिना कोर वाली) में आती है।
मूंगफली की चिक्की: यह चिक्की गुड़ और मूंगफली से बनाई जाती है। यह थोड़ी सख्त लेकिन कुरकुरी होती है, जो आपको मूंगफली के कुरकुरेपन के साथ गुड़ का मीठा स्वाद प्रदान करती है।
चॉकलेट गजक: यह अनूठी गजक चॉकलेट से भरपूर होती है।
रेवड़ी : यह गजक थोड़ी सख्त होती है, लेकिन उतनी ही स्वादिष्ट और पौष्टिक भी होती है।
बंसीवाला के स्वादों की श्रृंखला: बंसीवाला एक लोकप्रिय ब्रांड है जो तिल, मूंगफली, नारियल और अन्य सहित गजक स्वादों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/y9zpf5zr
http://tinyurl.com/545b7snm
http://tinyurl.com/4euwp7bd
चित्र संदर्भ
1. गजक को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
2. गुड़ और मूंगफली के मिश्रण को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
3. बिक्री हेतु रखी गई मेरठ की मशहूर गजक को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
4. गुड़ और मूंगफली के मिश्रण को निकालने के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
5. गजक के समतलीकरण को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
6. गजक के टुकड़ों को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
7. मेरठ की मशहूर मखनी गज़क को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.