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भारतीयों को इसलिए रास आ रहा है, थाईलैंड का भोजन

मेरठ

 16-12-2023 10:22 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

भारत को "मसालों का देश" भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के नज़दीक में बसे थाईलैंड (Thailand) को भी खासतौर पर इसके मसालेदार व्यंजनों की प्रचुरता के कारण जाना जाता है। भारत की भांति थाई व्यंजन भी खट्टे, मीठे और नमकीन जैसे विभिन्न स्वादों के मिश्रण के लिए प्रसिद्ध हैं। मसालों का यही अनोखा संयोजन थाई व्यंजनों को सबसे अलग बनाता है। इन विशिष्ट स्वादों ने ही थाई भोजन को कई लोगों का पसंदीदा बना दिया है। भूख मिटाने के संदर्भ में थाई व्यंजन, भोजन की सूची में अक्सर सबसे ऊपर होते हैं। थाई भोजन को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
टॉम "Tom" (उबले हुए व्यंजन),
याम "Yam" (मसालेदार सलाद),
टैम "Tam" (कुसा हुआ भोजन),
केंग "Kaeng " (करी)
2017 में, सीएनएन ट्रैवल (CNN Travel) के एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में, अकेले सात थाई व्यंजनों ने "विश्व के 50 सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थों की सूची” में जगह बनाई। थाईलैंड से किसी भी अन्य देश की तुलना में सूची में सबसे अधिक व्यंजन थे।
थाईलैंड और उसके पड़ोसी देशों जैसे कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया का खाना कई सदियों से एक-दूसरे को प्रभावित करता रहा है। क्या आप जानते हैं कि आदरणीय "बुद्धदास भिक्खु (Buddhadas Bhikku)" नामक एक थाई भिक्षु के अनुसार, “थाई भोजन भारतीय पाक संस्कृति से प्रभावित था।” वे लिखते हैं कि “थाई लोगों ने अपने भोजन में मसालों का उपयोग करना, हर्बल औषधियां (Herbal Medicines) बनाना, भारतीयों से सीखा है।” थाई लोग सरभि, पनिका या हरसिंघार, फिकुन और बन्नक जैसे कुछ पौधे भारत से ही लाए थे। इसके अलावा दोनों देशों की पाक संस्कृति में कई अन्य समानताएं भी हैं। जैसे भारत की ही भांति थाई लोग भी एक समय में हाथ से ही खाना खाते थे। उच्च-मध्यम वर्गीय परिवारों के सदस्य भी फर्श पर चटाई या कालीन पर बैठते थे। कुछ पारंपरिक घरों में आज भी इस परंपरा का पालन किया जाता है। हालाँकि, आजकल ज्यादातर थाई लोग कांटे और चम्मच से खाना खाते हैं। टेबल और कुर्सियों की शुरुआत राजा मोंगकुट, जिन्हें राम चतुर्थ के नाम से भी जाना जाता है, के शासनकाल के दौरान पश्चिमीकरण की दिशा में हुई थी।
कांटा और चम्मच का उपयोग राजा चुलालोंगकोर्न द्वारा शुरू किया गया था। मध्य युग के दौरान मसाला व्यापारियों ने इन दोनों क्षेत्रों की यात्रा की थी। बल्कि धनिया, अदरक और इलायची जैसी जड़ी-बूटियों और मसालों का साझा उपयोग थाई भोजन को भारतीयों के लिए आकर्षक बनाता है। थाई और भारतीय दोनों व्यंजन छह स्वादों (मीठा, खट्टा, मसालेदार, नमकीन, कड़वा और उमामी) को संतुलित करते हैं। साबुत मसालों और तड़के वाले तेलों का उपयोग करने जैसी तकनीकें भी दोनों व्यंजनों में आम हैं। यह विशेषता भारतीय स्वाद को थाई व्यंजनों के प्रति ग्रहणशील बनाता है। थाईलैंड और भारत के बीच व्यापार, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का एक लंबा इतिहास है। यह साझा विरासत थाईलैंड में हिंदू मंदिरों की उपस्थिति और थाई संस्कृति में हिंदू परंपराओं में देखने को मिल जाती है। अनुकूल विनिमय दर और साझा विरासत के कारण कई भारतीय थाईलैंड जाते हैं। और इस प्रदर्शन के कारण भी भारत में थाई भोजन की लोकप्रियता बढ़ गई है।
थाई व्यंजनो में शाकाहारी, पेस्केटेरियन (Pescatarian) (जो मछली खाते हैं), या मांसाहारी जैसे सभी आहार उपलब्ध होते हैं। जिस कारण थाई व्यंजन भारतीयों के बीच खूब पसंद किये जाते हैं। थाई खाना पिछले कुछ सालों से शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको यह सड़क विक्रेताओं से लेकर मिशेलिन सितारों (Michelin Stars) वाले हाई-एंड रेस्तरां (High-End Restaurants) तक हर जगह देखने को मिल जायेगा। थाई व्यंजन अपने बोल्ड और चटपटे स्वाद के लिए जाते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग किया जाता है जो स्वाद से भरपूर होती हैं। इनमें लेमनग्रास (Lemongrass), गैलंगल (थाई अदरक), नींबू और मिर्च शामिल हैं। ये सामग्रियां, चाहे ताज़ी या सूखी, थाई भोजन को उसका अनोखा स्वाद देती हैं।
इन सभी विशेषताओं के कारण चावल और करी के आदी रहे भारतीय लोगों ने थाई विविधताओं को आसानी से अपना लिया, जिस वजह से इसे भारत में भी व्यापक स्वीकृति और सराहना मिली। पर्यटन और वैश्वीकरण के प्रभाव ने भारत में थाई व्यंजनों की स्वीकार्यता और लोकप्रियता को और भी मज़बूत किया है। भारतीय, जो अपनी साहसिक पाक शैली और विविध स्वादों के लिए जाने जाते हैं, हमेशा विभिन्न व्यंजनों के साथ प्रयोग करने के लिए तैयार रहते हैं। बढ़ती आय के साथ ही भारतीय लोग भोजन पर अधिक खर्च कर रहे हैं, जो थाई भोजन की बढ़ती मांग में योगदान दे रहा है। हालांकि थाई भोजन की तैयारी के तरीके समय के साथ विकसित हुए हैं, लेकिन भोजन का मूल सार और मज़बूत, मसालेदार मूल बरकरार है। इस जीवंत केंद्र ने स्वाद के दीवाने रहे भारतीयों को मोहित कर लिया है।

संदर्भ
http://tinyurl.com/mza98mab
http://tinyurl.com/7t9rj2dh
http://tinyurl.com/bddcnerj
http://tinyurl.com/2bvbcc4z
http://tinyurl.com/yc5bujtk
http://tinyurl.com/3d6tjr68

चित्र संदर्भ
1. थाई व्यंजनों का आनंद लेते लोगों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. मसालेदार थाई व्यंजनों को दर्शाता एक चित्रण (Needpix)
3. बुद्धदास भिक्खु, को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
4. थाई लार्ब के लिए आवश्यक विस्तृत मसाला मिश्रण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. हरी करी पेस्ट की सामग्री को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. चाव से भोजन करते बच्चे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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