Post Viewership from Post Date to 28-Nov-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3108 199 3307

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

धार्मिक पर्यटन के महत्व को उजागर करता है, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, महाकुंभ

मेरठ

 28-10-2023 10:12 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

विविधताओं का देश माने जाने वाले हमारे भारत में आपको हिंदू मंदिरों से लेकर बौद्ध मठों, मस्जिदों और चर्च आदि सभी समुदायों के धार्मिक स्थलों के दर्शन हो जाएंगे। इन धार्मिक स्थलों को देखने के लिए न केवल भारतीय, बल्कि पूरी दुनियां के आगंतुक भारत में खिंचे चले आते हैं। यहाँ पर आकर, यही पर्यटक अलग-अलग शहरों और राज्यों में स्थित धार्मिक स्थलों के दर्शन करते हैं। इस दौरान वे यहां के होटलों में रुकते हैं, यहां के स्थानीय उत्पादों को खरीदते हैं, तथा विभिन्न प्रकार की अन्य सेवाओं का भी लुफ्त उठाते हैं। इस प्रकार धार्मिक कारणों से की गई यह यात्रा, उस धार्मिक स्थल के आसपास मौजूद पूरे समुदाय की अर्थव्यवस्था को पोषित करती है। इस पूरी व्यवस्था को ‘धार्मिक पर्यटन’ के रूप में संदर्भित किया जाता है। धार्मिक पर्यटन, को आस्था पर्यटन के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्यटन की एक शाखा है, जिसके तहत लोग धार्मिक उद्देश्यों, जैसे तीर्थयात्रा, या धार्मिक स्थलों के दर्शन करने के लिए यात्रा करते हैं। यह कई कारणों से पर्यटन की एक महत्वपूर्ण शाखा मानी जाती है। सबसे पहले, यह लोगों को अपने धर्म से सार्थक और व्यक्तिगत रूप से जुड़ने की अनुमति देता है। अगर हम इसे उदाहरण के तौर पर समझें तो धार्मिक पर्यटन की बदौलत, मुख्य रूप से एक ईसाई प्रमुख देश में रहने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति के पास किसी दूसरे देश में मौजूद मस्जिद में जाने या अन्य मुसलमानों से मिलने के अवसर खुल सकते हैं। मुस्लिम-बहुल देश का दौरा करके, वे अपने धर्म का गहराई से अनुभव कर सकते हैं। धार्मिक पर्यटन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्यों कि यह हमारी साझा मानवीय विरासत को संरक्षित करने में मदद करता है। यानी धार्मिक स्थल और स्मारक, सदियों पुराने इतिहास और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं, और वे हमें विभिन्न समय और स्थानों के लोगों के जीवन की एक झलक भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा धार्मिक पर्यटन दुनिया भर के समुदायों (धार्मिक स्थल के निकट बसे समुदायों) को आर्थिक लाभ प्रदान करता है। धार्मिक स्थलों पर आने वाले पर्यटक अक्सर आवास, भोजन, परिवहन और स्मृति चिन्हों (Souvenirs) पर भारी पैसा खर्च करते हैं। इससे स्थानीय समुदायों में नौकरियाँ निर्मित होती हैं और वहां के आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
दुनिया के कुछ सबसे लोकप्रिय धार्मिक पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:
1. सऊदी अरब में मक्का और मदीना (इस्लाम)
2. इज़रायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में यरूशलेम और बेथलहम (यहूदी धर्म और ईसाई धर्म)
3.भारत में वाराणसी (हिन्दू धर्म)
4.भारत में बोधगया (बौद्ध धर्म)
5. तिब्बत में ल्हासा (बौद्ध धर्म)
6.वेटिकन सिटी “Vatican City” (ईसाई धर्म)
7. स्पेन में सैंटियागो डे कंपोस्टेला “Santiago De Compostela In Spain” (ईसाई धर्म)
8.फ्रांस में लूर्डेस “Lourdes In France” (ईसाई धर्म)
9.पुर्तगाल में फातिमा (ईसाई धर्म)
यदि हम भारत की बात करें तो यहां पर धार्मिक पर्यटन एक विशाल और महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र माना जाता है। आध्यात्मिकता हमारी भारतीय सभ्यता का एक अभिन्न अंग मानी जाती है। यहां पर हिंदू धर्म सबसे प्रमुख धर्म है। भारत की 79.8% आबादी हिंदू है, 14.2% इस्लाम का पालन करते हैं, और 2.3% ईसाई हैं। हालांकि सिख धर्म और बौद्ध धर्म, आज भारत में उतने व्यापक नहीं हैं, लेकिन दोनों की स्थापना यहीं पर हुई थी। भारत को पूरी दुनियां में धार्मिक पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य इसलिए भी माना जाता है, क्यों कि यहां पर हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म के अनुयायियों, सभी के लिए पवित्र स्थलों और तीर्थ स्थलों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है।
हिन्दू धर्म: हिंदू अनुयायी विभिन्न पवित्र स्थानों, मंदिरों और संतों के तीर्थ स्थलों की तीर्थयात्रा करते हैं। हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से कुछ में चार धाम, 12 ज्योतिर्लिंग और 51 शक्ति पीठ आदि शामिल हैं।
जैन धर्म: भारत में जैनियों को समर्पित कई पवित्र स्थल हैं जो उनके तीर्थंकरों (आध्यात्मिक शिक्षकों) और संतों से संबंधित हैं। इनमें से कुछ पवित्र स्थलों में शिखरजी, पालीताना, गिरनार और रणकपुर शामिल हैं।
बौद्ध धर्म: भारत में बौद्धों के लिए सबसे पवित्र स्थल बोधगया में महाबोधि मंदिर है, जहाँ बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। भारत में अन्य महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थलों में सारनाथ, श्रावस्ती, राजगीर पहाड़ियाँ, कुरुक्षेत्र, श्रुघ्न, आदि बद्री, परिनिर्वाण स्तूप और संकिसा शामिल हैं।
सिख धर्म: भारत में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। सिख कई अन्य स्थानों की भी पूजा करते हैं जो उनके गुरुओं (आध्यात्मिक नेताओं) और शूरवीरों से संबंधित हैं। इनमे पांच तख्त, गुरुद्वारा जन्म स्थान और करतारपुर कॉरिडोर (दोनों पाकिस्तान में), गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और फतेहगढ़ साहिब, आदि शामिल हैं। इन सभी के अलावा भारत, बहाई धर्म जैसे अन्य धर्मों के अनुयायियों के लिए भी धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख गंतव्य है। नई दिल्ली में स्थित लोटस टेम्पल (Lotus Temple) को भारत में सबसे प्रमुख बहाई स्थल माना जाता है। भारत में धार्मिक पर्यटन के कुछ सामान्य प्रकार निम्नवत दिए गए हैं:
१. परिक्रमा तीर्थ स्थल: परिक्रमा, किसी पवित्र आकृति या स्थान का चक्कर लगाने के अभ्यास को कहा जाता है। भारत में सबसे लोकप्रिय परिक्रमा स्थलों में “चार धाम यात्रा (चार सबसे पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों की तीर्थयात्रा) और कैलाश परिक्रमा (हिमालय में कैलाश पर्वत की परिक्रमा)” शामिल हैं।
२. तीर्थ यात्राएं और स्थल: इसके तहत भक्तों द्वारा पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्राएं की जाती हैं। भारत में सबसे लोकप्रिय यात्राओं में से कुछ में कुंभ मेला (दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन) और अमरनाथ यात्रा (जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ गुफा की तीर्थयात्रा) शामिल हैं।
३. पवित्र नदियाँ और उनके घाट: भारतीय संस्कृति में नदियों को अत्यंत पवित्र माना जाता है। भारत की कुछ सबसे पवित्र नदियों में गंगा, यमुना और नर्मदा शामिल हैं।
४. मेले: भारत को अपने कई धार्मिक मेलों के लिए जाना जाता है, जो अक्सर शुभ अवसरों पर आयोजित किए जाते हैं। भारत में सबसे लोकप्रिय धार्मिक मेलों में से कुछ में कुंभ मेला और पुष्कर ऊंट मेला शामिल हैं। प्रत्येक 12 साल में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में लाखों तीर्थयात्रियों को एक ही स्थान पर देखा जा सकता है। तार्किक रूप से यह घटना असंभव प्रतीत होती है, लेकिन भारतीय लोग, सदियों से इसे बिना किसी परेशानी और प्रतिकूल घटना के, पूरा करने में कामयाब रहे हैं। हम कुम्भ मेले के उदाहरण से समझ सकते हैं कि धार्मिक पर्यटन से किसी क्षेत्र को कितना लाभ पहुच सकता है। तीर्थयात्रियों के भारी जमावड़े के कारण महाकुंभ मेला, भारी उपकरण से लेकर सौंदर्य प्रसाधन तक सब कुछ बेचने वाली कंपनियों के लिए एक प्रमुख विपणन अवसर बन जाता है। कुंभ मेले में तीर्थयात्रियों का स्वागत कई नामी कंपनियों के उत्पादों और सौंदर्य प्रसाधन बेचने वाले स्टालों द्वारा किया जाता है। तीर्थयात्राओं के अलावा, भारत योग पर्यटन के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य माना जाता है। बहुत से लोग प्रामाणिक परिवेश में योग सीखने और अभ्यास करने के लिए भारत की यात्रा करते हैं। मैसूर और ऋषिकेश जैसी जगहों पर ऐसे कई आश्रम हैं जो योग पाठ्यक्रम और शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/yfkknb5x
https://tinyurl.com/4hnzx5dk
https://tinyurl.com/3mkhhs48
https://tinyurl.com/2bn3w7ax
https://tinyurl.com/3hwurpbj
https://tinyurl.com/3mz4rz2y

चित्र संदर्भ
1. महाकुंभ मेले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एक मंदिर में एक महिला पर्यटक को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
3. काबा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. गंगा आरती को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. नई दिल्ली में स्थित लोटस टेम्पल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. महाकुंभ में संगीत कार्यक्रम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id