Post Viewership from Post Date to 15-Sep-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2507 419 2926

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भारत को 'इंडिया' क्यों कहा जाता है,और कुछ अन्य देशों के नाम में 'इंडो' शब्द क्यों आता है?

मेरठ

 15-08-2023 09:35 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

आज हम पृथ्वी के जिस भू-क्षेत्र पर रहते हैं, किसी समय में इसे "ईस्ट इंडीज (East Indies)" के नाम से संबोधित किया जाता था। लेकिन आज उस क्षेत्र को "दक्षिण पूर्व एशिया" के नाम से जाना जाता है, जहां "इंडोनेशिया (Indonesia)" नामक एक देश भी है, जिसके नाम में "इंडो" शब्द आता है। यहां पर गौर करने वाली बात है कि अंग्रेजी भाषा में भारत को भी "इंडिया" के नाम से सम्बोधित किया जाता है। इन सभी नामों को देखकर एक बात स्पष्ट हो जाती है, कि इस क्षेत्र के इन सभी देशों या द्वीपों का आपस में ऐतिहासिक रूप से कोई न कोई संबंध जरूर रहा है। “ईस्ट इंडीज़”, जिसे “इंडीज़” के नाम से भी जाना जाता था, 17वीं शताब्दी में अन्वेषण युग (Age Of Discovery) के दौरान इजात किया गया एक शब्द है। ईस्ट इंडीज दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में एक बड़ा क्षेत्र है, जिसमें भारत और भारतीय और प्रशांत महासागरों के कई द्वीप शामिल हैं। पुराने समय में इन क्षेत्रों को मसालों और रबर जैसे मूल्यवान संसाधनों के लिए जाना जाता था। 17वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों ने इन क्षेत्रों पर अपना उपनिवेश स्थापित किया। ब्रिटेन (Britain), नीदरलैंड (Netherlands) और स्पेन (Spain) जैसे देशों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडीज (British East Indies), डच ईस्ट इंडीज (Dutch East Indies) और स्पेनिश ईस्ट इंडीज (Spanish East Indies) जैसे अपने प्रभाव क्षेत्र स्थापित किए। आज, इसका उपयोग आमतौर पर मलय द्वीपसमूह को दर्शाने करने के लिए किया जाता है, जिसमें फिलीपींस (Philippines), इंडोनेशिया (Indonesia), बोर्नियो (Borneo) और न्यू गिनी (New Guinea) जैसे स्थान शामिल हैं। अतीत में, इसमें केवल भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्से ही शामिल थे। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका के मूल लोगों (विशेष रूप से उत्तर, मध्य और दक्षिण अमेरिका के स्वदेशी लोगों) के लिए भी "इंडियन (Indian)" शब्द का प्रयोग किया जाता है। इधर "इंडियन" शब्द का प्रयोग वास्तव में क्रिस्टोफर कोलंबस द्वारा अमेरिका में मिले स्वदेशी लोगों को संदर्भित करने के लिए किया गया था, उन्होंने गलती से यह मान लिया था कि वह भारत पहुंच गए हैं। यह बहुत सटीक शब्द नहीं है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका आमतौर पर उपयोग किया जाता है।
1960 के दशक में, लोगों ने "इंडियन" के बजाय "मूल अमेरिकी (Native American)" का उपयोग करना शुरू कर दिया। लेकिन यह शब्द भी अपने आप में सही नहीं है, क्यों कि. "अमेरिका" का नाम इतालवी अन्वेषक, अमेरिगो वेस्पूची (Amerigo Vespucci) के नाम पर रखा गया था! इसके अलावा "मूल" और "स्वदेशी" जैसे शब्द किसी भी स्थान पर जन्मे किसी भी व्यक्ति पर लागू हो सकते हैं, न कि केवल पहले से वहां रहने वाले लोगों पर। उपनिवेशीकरण के दौरान, स्पैनिश लोगों (Spaniards) ने 333 वर्षों तक अपने एशियाई क्षेत्रों को स्पैनिश ईस्ट इंडीज़ (Spanish East Indies) के नाम से संबोधित किया। संभव है कि ईस्ट इंडीज में पूर्व फ्रांसीसी इंडोचीन (French Indochina), पूर्व ब्रिटिश क्षेत्र और पूर्व पुर्तगाली मकाऊ और तिमोर (Portuguese Macau and Timor) (जैसे क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि यह दिलचस्प है कि ईस्ट इंडीज के लोगों को ईस्ट इंडियन (East Indian) नहीं कहा जाता, ऐसा इसलिए क्योंकि वे भाषाई रूप से भारत / दक्षिण एशिया से संबंधित नहीं हैं। वे कैरेबियाई निवासियों (वेस्टइंडीज) और अमेरिका के स्वदेशी लोगों (मूल अमेरिकी ) से अलग हैं। ईस्ट इंडीज में विविध संस्कृतियाँ और धर्म देखें जा सकते हैं; यहाँ के धर्मों में बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम और हिंदू धर्म शामिल हैं। ईस्ट इंडीज़ ऐतिहासिक रूप से विभिन्न औपनिवेशिक साम्राज्यों से जुड़े रहे हैं। उदाहरण के लिए, स्पैनिश ईस्ट इंडीज (Spanish East Indies), फिलीपींस (Philippines) को संदर्भित करता है, डच ईस्ट इंडीज (Dutch East Indies) का मतलब इंडोनेशिया (Indonesia) से है, और ब्रिटिश ईस्ट इंडीज (British East Indies) मलेशिया (Malaysia) को संदर्भित करता था। 15वीं और 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली खोजकर्ताओं द्वारा की गई खोज से ही इंडीज की खोज हुई। भारत में, "ईस्ट इंडियन" बॉम्बे (मुंबई) के आसपास कोंकण तट के एक विशिष्ट जातीय अल्पसंख्यकों को संदर्भित करता है, जिसे पुर्तगालियों द्वारा ईसाई बनाया गया था। यह शब्द सभी भारतीयों को लेबल करने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इसका एक विशिष्ट ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ है।
कैरेबियन में, "ईस्ट इंडियन" का तात्पर्य दक्षिण एशियाई मूल के लोगों से है। यह शब्द औपनिवेशिक इतिहास के प्रभावों पर प्रकाश डालता है। यूरोपीय लोग आज के इंडोनेशिया (Indonesia) को भी इंडीज़ के नाम से संबोधित करते थे। असंख्य द्वीपों वाले इस खूबसूरत देश इंडोनेशिया को भी अपना नाम पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ा। बहुत पहले, अलग-अलग देश इसे अलग-अलग नामों से संबोधित करते थे। चीनियों ने इसे "नान-हाई" ("Nan-Hai") कहा, भारतीए इसे "द्विपंतारा (Dipantara)" कहते थे, और अरबों ने इसे "जाज़ैर अल-जावी (“Jazzar Al-Jawi")" नाम दिया। इंडोनेशिया के संदर्भ में लंबे समय तक असमंजस की स्थिति रही कि इस जगह को आखिर क्या कहा जाए? कुछ विद्वानों ने इसके लिए "इंसुलिंडे (Insulinde)" या "भारतीय द्वीपसमूह (Indian Archipelago)" जैसे नामों का इस्तेमाल किया, लेकिन किसी भी नाम लिए एक आम सहमति नहीं बन पाई थी।
फिर, 1850 के दशक में, जॉर्ज सैमुअल विंडसर अर्ल (George Samuel Windsor Earle) नाम के एक ब्रिटिश विद्वान ने 'इंडुनेशिया (Indunesia)' शब्द पेश किया, जिसमें 'इंडीज़' और 'नेशिया (Nesia)' से 'इंडस' को जोड़ा गया, जिसका ग्रीक में अर्थ 'द्वीप' होता है। बाद में, एक स्कॉटिश विद्वान, जेम्स रिचर्डसन लोगन (James Richardson Logan) ने 'इंडोनेशिया' में 'यू (U)' को 'ओ (O)' में बदल दिया। चूँकि इस देश में अलग-अलग क्षेत्र और संस्कृतियाँ थीं, जिस कारण यह एकजुट नहीं था। डचों ने, अपने औपनिवेशिक शासन के दौरान, इसे "डच ईस्ट इंडीज़ (Dutch East Indies)" कहने पर ज़ोर दिया। लेकिन 1920 के दशक में, इंडोनेशियाई विद्वान इस डच लेबल को बदलने के लिए 'इंडोनेशिया' का उपयोग करना चाहते थे। यह उनकी आज़ादी की लड़ाई का प्रतीक बन गया था।
इस सब से पहले, यह भूमि कई मूल समूहों का घर थी, जिनमें से प्रत्येक की अपनी संस्कृति थी। उस समय तक इस पूरी जगह का कोई एक नाम नहीं था। लेकिन 'इंडोनेशिया' शब्द खासकर स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों को एक साथ लेकर आया। भले ही उस समय देश में कई सांस्कृतिक और जातीय मतभेद मौजूद थे, लेकिन फिर भी वहां के सभी लोगों ने खुद को 'इंडोनेशिया' नाम के साथ एकजुट पाया। अंततः, 1945 में, इंडोनेशिया ने डच (नीदरलैंड) से स्वतंत्रता प्राप्त की, और 'इंडोनेशिया' नाम पूरे देश के लिए आम पहचान बन गया।
हमारे भारतीय गणराज्य को भी तीन महत्वपूर्ण नामों "इंडिया (India)," "भारत," और "हिंदुस्तान" से जाना जाता है। इन तीनों में से आपको किस नाम का उपयोग करना है, यह मुख्य रूप से संदर्भ और बोली जाने वाली भाषा पर निर्भर करता है। कई भारतीय भाषाओं में "भारत" सर्वाधिक प्रयुक्त नाम है। यह नाम प्राचीन ग्रंथों में वर्णित भरत की वैदिक जनजाति से आता है। इसे रामायण या महाभारत के भरत जैसे पात्रों से भी जोड़ा जा सकता है। मूल रूप से, "भारत" का तात्पर्य गंगा घाटी के एक हिस्से से था, लेकिन बाद में इसमें पूरा भारतीय उपमहाद्वीप शामिल हो गया। आज, "भारत" का तात्पर्य आधुनिक भारतीय गणराज्य से है।
भारत को "इंडिया" नाम सिंधु (Indus) नदी से प्राप्त हुआ है, और इसका उपयोग 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से ग्रीक में किया जाता रहा है। यह नाम 9वीं सदी में पुरानी अंग्रेज़ी में और फिर 17वीं सदी में आधुनिक अंग्रेज़ी में भी दिखाई देने लगा। "हिन्दुस्तान" नाम मुगल शासन के दौरान लोकप्रिय था। "हिन्दू" शब्द फारसियों द्वारा “सिंधु” नदी के आसपास के लोगों के लिए दिया गया था। मराठों ने इसका उपयोग "हिंदुओं की भूमि" का वर्णन करने के लिए किया था। उर्दू विद्वानों के बीच आज भी "हिन्दुस्तान" शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह नाम अल्लामा इकबाल द्वारा लिखित "सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा" नामक देशभक्तिपूर्ण उर्दू कविता में भी मिलता है।
लेख में आगे 1500 से पहले के भारत की कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक परिभाषाएँ दी गई हैं:
- लगभग 440 ईसा पूर्व: हेरोडोटस (Herodotus) ने लिखा कि भारत अन्य भूमि के पूर्व में स्थित है और उगते सूरज के करीब है।
- लगभग 400-300 ईसा पूर्व: एस्तेर की पुस्तक में, होडु (भारत) का उल्लेख क्षयर्ष द्वारा शासित क्षेत्र के रूप में किया गया है।
- लगभग 300 ईसा पूर्व: मेगस्थनीज (Megasthenes) ने भारत को पूर्व और दक्षिण में महासागरों, उत्तर में एक पर्वत श्रृंखला और पश्चिम में सिंधु नदी के साथ एक चार-तरफा भूमि के रूप में वर्णित किया।
- 200 ईसा पूर्व: चाणक्य के अर्थशास्त्र में, भारत की पूर्वी सीमा ब्रह्मपुत्र नदी है, और इसकी पश्चिमी सीमा सिंधु का मुहाना है।
- पहली शताब्दी ईसा पूर्व और 9वीं शताब्दी ईस्वी के बीच: विष्णु पुराण में भारतवर्ष (भारत का क्षेत्र) को समुद्र के उत्तर और बर्फीले पहाड़ों के दक्षिण की भूमि के रूप में परिभाषित किया जहां भरत के वंशज रहते हैं।
- लगभग 100 ई.पू. या उसके बाद: विष्णु पुराण में उसी भूमि को संदर्भित करने के लिए "भारतम" का उपयोग जारी रहा।
- लगभग 140 ई.पू. एरियन ने भारत की भूमि के नामों के रूप में "इंडोई (Indoi)" और "इंडौ (Indau)" का उल्लेख किया और इसकी सीमाओं का वर्णन किया।
- लगभग 650 ई.पू.: जुआनज़ैंग (Xuanzang) ने "फाइव इंडीज़" का उल्लेख किया, जो आधे चंद्रमा जैसी आकृति वाला एक क्षेत्र था, और समुद्र और पहाड़ों से घिरा हुआ था।
- लगभग 950 ई.पू.: इस्तखरी (Istakhri) ने हिंद को पूर्व में हिंद महासागर, पश्चिम और दक्षिण में इस्लामी देशों और उत्तर में चीनी साम्राज्य की सीमा के रूप में परिभाषित किया।
- लगभग 1020 ई.पू.: अल-बिरूनी ने "हिंद" के उल्लेख में इसे चीन, माचिन, सिंध (बलूचिस्तान), काबुल और समुद्र से घिरा हुआ बताया।
- हिंदुस्तान: आधुनिक परिभाषा में हिंदुस्तान को उत्तर में हिमालय और पूर्व, दक्षिण और पश्चिम में समुद्र जैसी प्राकृतिक विशेषताओं द्वारा चिह्नित सीमाओं के साथ वर्णित किया जाता है। ये सभी परिभाषाएँ हमें यह समझने में मदद करती हैं कि विभिन्न समयों में और विभिन्न लोगों द्वारा भारत का वर्णन किस प्रकार किया जाता था।

संदर्भ
https://tinyurl.com/ywvaszy3
https://tinyurl.com/4wa3zth3
https://tinyurl.com/mw7sbyrr
https://tinyurl.com/yckuprzx

चित्र संदर्भ
1. फूलों से लिखे इंडिया शब्द को दर्शाता चित्रण (Peakpx)
2. ईस्ट-इंडीज़ और निकटवर्ती देशों के मानचित्र को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
3. पुर्तगाल के बाद डच ईस्ट इंडीज़ को दर्शाता चित्रण (Flickr)
4. अमेरिकन ईस्ट इंडीज़ फ़्लैग मैप को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
5. मानचित्र में इंडोनेशिया को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
6.भारत रेलवे 1909 के मानचित्र को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
7. भारत माता को दर्शाता चित्रण (wikipedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए देखें, विभिन्न खेलों के कुछ नाटकीय अंतिम क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     29-12-2024 09:21 AM


  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id