City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
4162 | 704 | 4866 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
पानी पीने के लिए प्रयोग होने वाला घरेलू पात्र "लोटा" हम सभी के घरों में होता है। लेकिन, हममें से शायद किसी ने भी यह गौर न किया होगा कि, मामूली से दिखाई देने वाले इस लोटे को बनाने के लिए कितनी बारीकियों को ध्यान में रखा गया है। जहां, इसके ऊपरी हिस्से को थोड़ा संकरा रखा जाता है, ताकि इसे पकड़े रखने में हमें अधिक मेहनत न करनी पड़े। वहीं, इसके नीचे की तरफ का भाग आमतौर पर चौड़ा रखा जाता है, ताकि इसमें पानी या कोई अन्य तरल पदार्थ अधिक मात्रा में जमा किया जा सके। एक आम आदमी तो शायद लोटे की डिज़ाइन (Design) में इन बारीकियों को पकड़ भी न पाए। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत का दौरा करने वाले दो विश्व प्रसिद्ध औद्योगिक डिज़ाइनर, चार्ल्स एम्स और रे एम्स (Charles Eames And Ray Eames), ने अपनी भारत की यात्रा वृत्तांत में ‘‘लोटे’’ की प्रशंसा के पुल बांध दिए थे।
पेशे में औद्योगिक डिज़ाइनर (Designer) चार्ल्स एम्स और रे एम्स अमेरिका के एक विवाहित जोड़े थे। वे मूलतः उनकी आधुनिक वास्तुकला और फ़र्नीचर (Furniture) में अपने योगदान के लिए जाने जाते थे। वे औद्योगिक डिज़ाइन, ग्राफिक डिज़ाइन (Graphic Design), ललित कला और फिल्म क्षेत्र में भी सक्रिय थे।
चार्ल्स ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय (University Of Washington) में वास्तुकला का अध्ययन किया था, लेकिन दो साल बाद इसे छोड़ दिया। वहीं, सन 1940 में क्रैनब्रुक एकेडमी ऑफ आर्ट (Cranbrook Academy Of Art) में उनकी मुलाकात रे से हुई और आगे चलकर सन 1941 में एक साथ फ़र्नीचर प्रतियोगिता जीतने के बाद उन्होंने शादी कर ली।
उन्होंने वेनिस (Venice), लॉस एंजिल्स (Los Angeles) में अपना डिज़ाइन कार्यालय, (Office,) एम्स ऑफिस (Eames Office) शुरू किया, जहां उन्होंने सहयोगियों की एक टीम के साथ काम किया। वे "करके सीखने" में विश्वास करते थे और विचारों को प्रस्तुत करने से पहले उनकी व्यापक खोज करते थे।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने घायल सैनिकों के लिए प्लाईवुड लेग स्प्लिंट (Plywood Leg Splint) विकसित किए, जिससे चिकित्सीय देखभाल करने में काफी मदद मिली। इससे उन्हें फ़र्निचर डिज़ाइन और बड़े पैमाने पर उत्पादन के साथ और अधिक प्रयोग करने की अनुमति मिली। इसके बाद उन्होंने एम्स लाउंज चेयर (Eames Lounge Chair) और एम्स डाइनिंग चेयर (Eames Dining Chair) जैसे एक से बढ़कर एक कई प्रतिष्ठित डिज़ाइन बनाए। उन्होंने बड़े पैमाने पर उत्पादित फ़र्नीचर में फाइबरग्लास (Fiberglass) का उपयोग करना भी शुरू किया। फ़र्नीचर डिज़ाइन के अलावा, उन्होंने 125 से अधिक लघु फ़िल्में (Movies) भी बनाईं, जिनमें विभिन्न विषयों और तकनीकों के बारे में बताया गया था, इन्हीं में प्रसिद्ध "पॉवर्स ऑफ़ टेन" (Powers Of Ten") फ़िल्म भी शामिल है।
इस अमेरिकी जोड़े का हमारे भारत से भी गहरा लगाव रहा है। उनकी 100वीं वर्षगांठ (Anniversary) का जश्न मनाते हुए अहमदाबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (National Institute Of Design (NID) में उनकी कृतियों को "द गिफ्टेड आइज़ ऑफ चार्ल्स एम्स" ("The Gifted Eyes Of Charles Eames") नामक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था। चार्ल्स और रे एम्स (Charles And Ray Eames), डिज़ाइन चुनौतियों का अध्ययन करने के साथ ही एक प्रशिक्षण योजना का प्रस्ताव करने के लिए फोर्ड फाउंडेशन (Ford Foundation) के समर्थन से तीन महीने के लिए भारत आए थे। इस दौरान, उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण करते हुए विभिन्न डिजाइन केंद्रों, हस्तशिल्प और विनिर्माण इकाइयों का अध्ययन किया। उन्होंने अधिकारियों, छोटे और बड़े उद्योगों के विशेषज्ञों, वास्तुकारों और शिक्षकों सहित विभिन्न लोगों से बात की। यहां दिलचस्प बात यह है कि, चार्ल्स एम्स ने एनआईडी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सन 1958 में, उन्होंने और उनकी पत्नी रे ने भारत के बारे में एक रिपोर्ट (Report) प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से जुड़े डिजाइन, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए एक स्वायत्त संस्थान के निर्माण का सुझाव दिया गया है।
चार्ल्स और रे एम्स के पोते, एम्स डेमेट्रियस (Eames Demetrios), वर्तमान में एम्स कार्यालय के निदेशक हैं और उन्होंने ही एनआईडी में प्रदर्शनी का आयोजन किया था। उन्होंने अपने दादा के काम को उस संस्थान में लाने पर गर्व व्यक्त किया, जिसका लक्ष्य, ऐसी प्रदर्शनियों के माध्यम से छात्रों के लिए सीखने के अनुभव को बढ़ाना था। इस प्रदर्शनी में चार्ल्स द्वारा दुनिया भर की यात्रा के दौरान ली गई तस्वीरें शामिल थी, जिसमें सन 1970 में उनकी भारत यात्रा की कई तस्वीरें भी शामिल हैं। इस प्रयास के हिस्से के रूप में, उन्होंने "चार्ल्स एम्स द्वारा 100 उद्धरण" नामक एक पुस्तक प्रकाशित की है, जिसका हिंदी सहित सात भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि, चार्ल्स और रे एम्स ने भारत की अपनी यात्रा के बाद दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाले बहुत सामान्य से बर्तन "लोटे" का वर्णन द ग्रेटेस्ट (The Greatest), द मोस्ट ब्यूटीफुल(The Most Beautiful) वस्तु के रूप में किया था। ये बात भी उनकी “इंडिया रिपोर्ट (India Report)’ में कही गई थी। उन्होंने लोटे की प्रशंसा कुछ इस प्रकार की:
‘‘अपनी भारत यात्रा के दौरान हमने जितनी भी वस्तुएं देखीं और उनकी प्रशंसा की, उनमें से एक चीज़, जो सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण थी, वह ‘लोटा’ था। यह ग्रामीणों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक साधारण-सा रोजमर्रा का बर्तन है। वहां की महिलाएं लोटे को साफ़ करने और इसे चमकाने के लिए इमली और राख के उपयोग से अनोखी प्रक्रिया अपनाती हैं, जो ‘पीतल के लोटे’ को ‘सोने जैसा’ बना देती है। लोटे को किसी एक व्यक्ति द्वारा डिज़ाइन नहीं किया गया था, बल्कि यह पीढ़ियों के दौरान विकसित हुआ है जिसमें कई व्यक्तियों ने अपने विचारों, परिवर्धन या संशोधनों से विशेष योगदान दिया है।
यह प्रश्न भारत के सबसे बड़े क्विज शो "कौन बनेगा करोड़पति" में भी कुछ इस प्रकार पूछा गया था:
‘प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स और रे एम्स ने भारत की अपनी यात्रा के बाद किस दैनिक वस्तु का वर्णन द ग्रेटेस्ट, द मोस्ट ब्यूटीफुल के रूप में किया था?
ऑप्शन:
A. बाल्टी
B. लोटा
C. बेलन
D. चूड़ी
उत्तर: B. लोटा’
लोटे की उपयोगिता के अलावा उन्होंने भारत में शिक्षा संस्थान की उपयोगिता और विशेषता के बारे में भी चर्चा की।
उनके द्वारा वर्णित प्रमुख सुझाव निम्नवत दिए गए हैं:
संस्थान का लक्ष्य पर्यावरण की गुणवत्ता और मूल्यों पर केंद्रित एक मजबूत राष्ट्रीय चेतना का निर्माण करना होना चाहिए। इसके तीन मुख्य कार्य होंगे: अनुसंधान, प्रशिक्षण और सेवा। संस्थान की शुरुआत लगभग एक दर्जन छात्रों के साथ होगी, लेकिन उनके समर्थन के लिए बड़ी संख्या में संकाय होंगे। जैसे-जैसे यह बढ़ेगा, संकाय से छात्र अनुपात भी संतुलित किया जाएगा।
संस्थान की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह अपने परिणामों को कितनी अच्छी तरह संप्रेषित करता है। स्टाफ (Staff) की क्षमता और स्टाफ एवं छात्रों की व्यक्तिगत भागीदारी जितनी बेहतर होगी, यह उतना ही अधिक प्रभावी होगा। उनके इन्हीं विचारों से प्रेरणा लेकर अहमदाबाद में भारत का पहला डिज़ाइन संस्थान- एनआईडी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन) विकसित किया गया।
21 अगस्त 1978 को सेंट लुइस (St. Louis.) की यात्रा के दौरान चार्ल्स की मृत्यु हो गई। अपने पति के निधन के पूरे दस वर्ष पश्चात, 1988 में 21 अगस्त के ही दिन, कैलिफ़ोर्निया (California) में उनका भी निधन हो गया।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2pkhvabc
https://tinyurl.com/m445ztwd
https://tinyurl.com/2nzf8apw
https://tinyurl.com/ycktx8x4
चित्र संदर्भ
1. चार्ल्स एम्स और लोटे को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. चार्ल्स एम्स और रे एम्स को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. एम्स लाउंज चेयर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. प्लाईवुड लेग स्प्लिंट को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. चार्ल्स और रे एम्स के पोते, एम्स डेमेट्रियस को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
6. ईम्स हाउस इंटीरियर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. एक गगरी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.